Wednesday, April 29, 2009

बोनस इश्यू क्या होता है?

जब शेयरधारकों को अपने पास मौजूद शेयरों के एक खास अनुपात में मुफ्त शेयर मिलते हैं, तो उसे बोनस इश्यू कहते हैं। जैसे अगर कोई कंपनी 2:5 का बोनस जारी करती है तो इसका मतलब आपके पास मौजूद हर पांच शेयर पर आपको 2 मुफ्त शेयर मिलेंगे।कंपनिया क्यों जारी करती हैं बोनस इश्यू?:जब कंपनियों के पास नकद रिजर्व बहुत ज्यादा हो जाता है, तो कंपनियां बोनस इश्यू जारी करती हैं। इससे कंपनी डिविडेंड के तौर पर अपने शेयरधारकों को ज्यादा रकम देती है। दूसरे शब्दों में कंपनी के नकद रिजर्व का बड़ा हिस्सा कंपनी के बही-खाते से निकलकर प्रमोटर के निजी खाते में आ जाता है, क्योंकि कंपनी का सबसे बड़ा शेयरधारक अमूमन उसका प्रमोटर ही होता है।
बोनस इश्यू से शेयरधारकों को क्या फायदा होता है?
एक तरह से कुछ भी नहीं। आम धारणा है कि बोनस शेयरधारकों के लिए काफी फायदेमंद होता है, लेकिन अगर कीमत के लिहाज से देखा जाए तो इसका कोई खास फर्क नहीं पड़ता। मान लें कि आपके पास 100 शेयर हैं और कंपनी ने एक पर एक शेयर के बोनस की घोषणा की तो आपके पास कुल शेयरों की संख्या बढ़कर 200 हो गई। इसी तरह अगर बाजार में कंपनी के एक करोड़ शेयर हैं तो उनकी संख्या दो करोड़ हो जाएगी। लेकिन इसी अनुपात में कंपनी की बाजार पूंजी में बढ़त नहीं हो सकती। इसलिए एक्स-बोनस यानी बोनस शेयरों के बाजार में आने के साथ ही सैद्धांतिक रूप से शेयरों के न भाव गिरकर आधे हो जाते हैं, यह अलग बात है कि व्यवहारिक तौर पर भाव बिल्कुल आधे नहीं होते, बल्कि उसी के आस-पास होते हैं।
फिर बोनस की घोषणा के बाद शेयर चढ़ता क्यों है?
इसका कोई ठोस या बुनियादी कारण नहीं बताया जा सकता। एक ओर तो बोनस जारी करने वाली कंपनी के बारे में निवेशकों की यह धारणा बनती है कि कंपनी नकद रिजर्व के मामले में बहुत मजबूत है और दूसरा लाभांश के तौर पर मिलने वाली रकम दोगुनी हो जाती है। इन सबसे कंपनी के शेयरों की मांग बढ़ जाती है।साथ ही बोनस के बाद क्योंकि कंपनी के शेयरों की कीमत उसी अनुपात में कम हो जाती है, तो उनका दैनिक कारोबार भी काफी बढ़ जाता है।
शेयर के फेस वैल्यू पर इसका क्या असर होता है?
बोनस के बाद कंपनी का फेस वैल्यू वही रहता है। दरअसल शेयर विभाजन यानी स्टॉक स्प्लिट और बोनस का मुख्य अंतर यही है कि बोनस में शेयर के दाम तो गिर जाते हैं, लेकिन इसके फेस वैल्यू में कोई बदलाव नहीं होता, दूसरी ओर स्प्लिट में फेस वैल्यू का भाव भी उसी अनुपात में कम हो जाता है।

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