पिछले कुछ महीनों में शेयर बाजारों की हालत काफी खराब हुई है। पर जानकारों की राय है कि यदि देश की विकास दर लगातार 8 परसेंट के आसपास बनी रही तो पूंजी बाजारों की हालत में सुधार होना तय है और पूंजी बाजार निवेश और अच्छे रिटर्न का बेहतर जरिया साबित हो सकता है।पर बाजार जिस हिसाब से हिचकोले खा रहा है उसे देखने हुए यहां पहली बार कदम रखने से पहले इन बातों को गांठ बांध लेना जरूरी है...
लॉन्ग टर्म की सोचें:
यदि आपने नए खिलाड़ी के तौर पर शेयर बाजार में कदम रखा है इस बात को गांठ बांध लीजिए कि इक्विटी मार्केट में लॉन्ग टर्म का निवेश ही ज्यादातर मामले में फायदेमंद होता है। लिहाजा आप बाजार में वैसे ही पैसे लगाएं जिनकी जरूरत आपको अगले कम से कम 5 साल के लिए न हो। एक साल या उससे कम वक्त के लिए पैसे लगाने पर नुकसान का खतरा तो रहता ही है, आपको टैक्स बेनिफिट भी नहीं मिल पाएगा। यदि आप एक साल से ज्यादा के लिए निवेश करते हैं तो इससे होने वाली कमाई को कैपिटल गेन नहीं माना जाएगा। बाजार में उतना ही पैसा लगाएं, जिसके पूरी तरह डूब जाने पर भी आपकी आर्थिक सेहत पर बहुत फर्क नहीं पड़ता हो।
स्टडी करके ही निवेश करें:
टिप्स पर आंख मूंदकर भरोसा करके कभी निवेश मत करें। जिन शेयरों और म्यूचुअल फंड्स में आपकी दिलचस्पी है, पहले उसके बारे में पूरी जानकारी हासिल करें। किसी स्टॉक के अब तक का बेहतर प्रदर्शन उसके भविष्य में भी अच्छे प्रदर्शन की गारंटी नहीं है। इसी तरह किसी स्टॉक का खराब प्रदर्शन उसके भविष्य में भी खराब प्रदर्शन का सूचक नहीं है।
डायरेक्ट या इनडायरेक्ट:
निवेशकों के मन में एक सवाल जरूर कौंधता है कि क्या बाजार में डायरेक्ट एंट्री की जाए या इनडायरेक्ट? इसका जवाब बहुत साफ है। वह यह कि यदि आपके पास समय की कमी है या फिर आप बाजार की बारीकियों को सही से नहीं समझ पाते हैं तो आप डायरेक्ट एंट्री ना करें। आप किसी एक्सपर्ट को हायर करें और फिर उसके जरिये निवेश करें। या फिर म्यूचुअल फंड में निवेश का रास्ता चुनें, जहां एक्सपर्ट आपके द्वारा बताए गए मानकों के आधार पर आपके पैसे को कैपिटल मार्केट में लगाते हैं।
SIP रूट:
स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान एक बेहतर विकल्प है। बाजार की उठापटक का कम नुकसान होने का खतरा इसमें रहता है।
इंडेक्स फंड:
बढ़ते बाजार में बड़ी कंपनियों के शेयरों में सबसे ज्यादा बढ़त देखने को मिलती है। निफ्टी और सेंसेक्स इंडेक्स में इन कंपनियों के शेयर शामिल हैं। लिहाजा निवेशकों को इंडेक्स फंड में दिलचस्पी दिखानी चाहिए।
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS):
इक्विटी में निवेश के जरिये टैक्स बेनिफिट उठाने की इच्छा रखने वालों के लिए ईएलएसएस बेहतर विकल्प है। फ्रैंकलिन टेम्पल्टन इंडेक्स टैक्स आपको इंडेक्स में निवेश और टैक्स छूट का फायदा उठाने दोनों का मौका देते हैं।
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