Tuesday, April 21, 2009

जोखिम कम करने के लिए बेहतर हैं हेज फंड

हेजिंग का मतलब होता है जोखिम का प्रबंधन करना। फंड प्रबंधक किसी विशेष जोखिम को कम करने के लिए एक विशेष हेजिंग तकनीक अपनाते हैं। उदाहरण के लिए बाजार से जुड़े जोखिम को बहुत सी सिक्योरिटीज को लंबी अवधि में निवेश की मात्रा के समान कम अवधि में बेचकर या फिर सूचकांक पर पुट ऑप्शन के जरिए खरीदारी कर कम किया जा सकता है। आप ब्याज दर, मुद्रास्फीति, मुद्रा के खिलाफ जोखिम कम कर सकते हैं। हेजिंग के तरीकों में नकदी जुटाना, शॉर्ट सेलिंग, आप्शंस, फ्यूचर्स, कमोडिटी और कमोडिटी फ्यूचर्स में खरीदारी या बिक्री शामिल होती है। हेज फंड एक निजी निवेश भागीदारी है। इनमें विशेष रणनीतियों या तकनीकों के आधार पर निवेश कर रिटर्न हासिल करने का प्रयास किया जाता है। हेज फंडों का लक्ष्य बाजार की सभी स्थितियों में अस्थिरता और जोखिम को कम कर पूंजी की सुरक्षा और अच्छा रिटर्न मुहैया कराना होता है। इन फंडों में कॉल ऑप्शंस, पुट ऑप्शंस, शॉट सेलिंग या फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट के इस्तेमाल से एक रणनीति तैयार की जाती है जिससे निवेश से जुड़े जोखिम कम होते हैं। हेज में भविष्य में नुकसान की संभावना के लिए सुरक्षा मिलती है। इन फंडों में बाजार की सभी स्थितियों में सकारात्मक रिटर्न देने की क्षमता होती है। इसके साथ ही हेज फंडों के पास निवेश की विशेष रणनीतियां मौजूद होती हैं। हेज फंड प्रबंधक निवेश पर रिटर्न बढ़ाने के लिए बहुत सी रणनीतियों का इस्तेमाल करते हैं। वे ऐसी कंपनियों की सिक्योरिटीज में लघु और लंबी अवधि का निवेश करते हैं जिनके दाम में किसी अप्रत्याशित घटना की वजह से लघु अवधि में बदलाव आने की उम्मीद होती है। लॉन्ग और शॉर्ट (तेजी और मंदी के सौदे) पोजीशन के मिश्रण से बाजार से जुड़ा जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है। निवेश ऐसी सिक्योरिटीज में किया जाता है जिनमें आने वाले समय में अच्छा विकास करने की क्षमता होती है। इन फंडों का पोर्टफोलियो ब्याज दरों, आर्थिक नीतियों और मुद्रास्फीति जैसी बातों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है। हेज फंडों में निवेश का ऐसा पोर्टफोलियो बनाया जाता है जिसमें जोखिम का स्तर कम हो और रिटर्न का शेयर बाजारों के प्रदर्शन से संबंधित न हो। अगर पिछला रिकॉर्ड देखा जाए तो हेज फंडों ने शेयरों और बॉन्ड बाजार से अधिक रिटर्न दिया है। इनमें निवेश की बहुत सी रणनीतियों का इस्तेमाल किया जाता है और प्रत्येक में जोखिम और रिटर्न का स्तर अलग होता है। एक बड़ा हेज फंड वैश्विक ब्याज दरों और देशों की आर्थिक नीतियों में बड़े बदलाव से लाभ उठाने की उम्मीद के साथ शयरों और बॉन्ड बाजारों के साथ करंसी जैसे निवेश के विकल्पों में भी निवेश करता है। छोटे हेज फंड में अस्थिरता अधिक होती है, लेकिन इसमें मुनाफे की संभावना भी ज्यादा रहती है। इक्विटी हेज फंड वैश्विक या किसी विशेष देश पर आधारित हो सकता है।
-आशीष गुप्ता

No comments: