बीते करीब एक साल से बाजार में मंदड़ियों की तूती बोल रही थी लेकिन पिछले कुछ सप्ताहों में सूचकांक में कुछ जान पड़ती दिखी है। इस रैली के दौरान बाजार के महत्वपूर्ण इंडेक्स करीब 35 फीसदी मजबूत हुए हैं। बाजार की मौजूदा तेजी का रूप काफी व्यापक था और मंदी में खासे पिटे शेयरों और सेक्टरों में बढ़िया उछाल देखने को मिला। खास तौर से बैंकिंग और रियल एस्टेट से ताल्लुक रखने वाले शेयरों में कुछ जान पड़ी। इक्विटी बाजारों में इस तेजी के कारण स्थिरता और वैश्विक बाजारों की रिकवरी के शुरुआती संकेत रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था की हालत में सुधार आता है तो उभरते हुए बाजार ज्यादा रफ्तार से बेहतरी की ओर बढ़ेंगे। ऐसा मुख्य रूप से विकसित बाजारों की तुलना में उभरते हुए बाजारों में ज्यादा बीटा फैक्टर की वजह से है।
निवेशकों को बाजार में पैसा लगाते वक्त इन चीजों पर ध्यान देना चाहिए:
रैली
बाजारों ने बीते कुछ कारोबारी सत्रों के दौरान तेजी दिखाई है और बाजार में जिस तरह की भावना बनती दिख रही है, उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है आने वाले दिनों में कुछ मजबूती दर्ज की जा सकती है। वैश्विक बाजार में हालात निर्णायक रूप से नहीं बदले हैं। बाजार की मौजूदा तेजी कुछ शुरुआती संकेतों और विश्लेषकों तथा कंपनियों की ओर से सकारात्मक टिप्पणियों पर आधारित है।
जोखिम सहने की क्षमता
निवेशकों को सतर्कता का रुख दिखाना चाहिए और बेहतर यही रहेगा कि निवेशक इक्विटी में जोखिम के दायरे में आने वाली रकम का एक अंश लगाएं। बाजारों में निवेश करने वालों को वैश्विक खबरों और घटनाक्रमों पर लगातार निगाह रखनी होगी। मध्यम से लंबी अवधि में वैश्विक मार्केट के घटनाक्रम काफी हद तक घरेलू बाजारों की चाल तय करेंगे।
बिकवाली का डर
घरेलू बाजारों में इन दिनों उत्साह देखा जा रहा है और बुरी खबरों को पचाने या नजरअंदाज करने का चलन भी। हालांकि इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल है कि कौन सी चीज बाजारों की रौनक छीन सकती है। कभी-कभार छोटी नकारात्मक खबरों से बाजारों में बड़े पैमाने पर बिकवाली शुरू हो जाती है। बाजार में जानकारों की कई टिप्पणियां और विचार उपलब्ध हैं लेकिन निवेशकों के लिए होमवर्क करना उतना ही महत्वपूर्ण है।
निवेश में बने रहने के लिए कुछ टिप्स:
आंशिक मुनाफा वसूली बाजार काफी छोटी अवधि में ऊपर चढ़े हैं। मामूली इंट्रा डे गिरावट तो आई हैं लेकिन बाजार अभी नीचे आ सकता है। घरेलू या वैश्विक मोर्चे पर कुछ बुरी खबरें सेंसेक्स को नीचे लाने का काम कर सकती हैं। बाजार इन दिनों चढ़ाई के मूड में है, इसलिए उच्चतम स्तर का अंदाजा लगाना लगभग नामुमकिन है। कारोबारी साल 2009 के सालाना नतीजे और आम चुनावों की वजह से बाजार छोटी अवधि में उथल-पुथल देख सकते हैं। निवेशकों को ब्लूचिप कंपनियों में निचले स्तरों पर निवेश की सलाह दी जाती है। साथ ही आंशिक मुनाफा वसूली और शेष पोजिशन बरकरार रखने का सुझाव दिया जा रहा है।
चरणबद्ध ढंग से निकलें बाहर
जिन निवेशकों ने 2007 में बाजार की तेजी के दौरान सुर्खियों से दूर रहने वाले मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों में निवेश किया था, उनसे चरणबद्ध तरीके से बाहर निकलना बेहतर है। सिलसिलेवार तरीके से बाहर निकलने से आप बेहतर दाम हासिल कर सकते हैं। बीते कुछ सप्ताहों में मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों में ठीक-ठाक उछाल देखा गया है।
-विकास अग्रवाल
-विकास अग्रवाल
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