यह एक प्रक्रिया है जिसके तहत कई तरह के फाइनेंशियल असेट (शेयर, मॉर्टगेज वगैरह) को एक साथ मिलाकर एक नए तरह का इस्ट्रूमेंट बनाया जाता है। इसकी पैकिंग की जाती है और फिर बेचा जाता है। मॉर्टगेज आधारित सिक्योरिटी इस प्रक्रिया का बेहतरीन उदाहरण है।
कई तरह के मॉर्टगेज (गिरवी रखे गए असेट) को एक साथ रखकर उसे कई छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट दिया जाता है। छोटे टुकड़ों में बांटने के लिए उनमें निहित डिफॉल्ट के खतरे को आधार बनाया जाता है। इसके बाद इन्हें निवेशकों को बेच दिया जाता है। मॉर्टगेज के हर छोटे पैकेट के बदले जारी करने वाला खरीदार को एक निश्चित ब्याज देता है। इस तरह ये छोटे पैकेट बॉन्ड की तरह काम करते हैं।
कई तरह के मॉर्टगेज (गिरवी रखे गए असेट) को एक साथ रखकर उसे कई छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट दिया जाता है। छोटे टुकड़ों में बांटने के लिए उनमें निहित डिफॉल्ट के खतरे को आधार बनाया जाता है। इसके बाद इन्हें निवेशकों को बेच दिया जाता है। मॉर्टगेज के हर छोटे पैकेट के बदले जारी करने वाला खरीदार को एक निश्चित ब्याज देता है। इस तरह ये छोटे पैकेट बॉन्ड की तरह काम करते हैं।
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