शेयर बाजार में पैसा बने का बुनियादी मंत्र है- सस्ते वैल्यूएशन पर खरीदारी कीजिए और महंगे दाम पर बेचिए। यह कहना जितना आसान है, करना उतना ही
मुश्किल। हालांकि, कई लोग सस्ती कीमत पर शेयर नहीं खरीद पाते हैं। वह ऊंचे दाम पर बिकवाली से भी चूक जाते हैं।
अगर पहले के चलन पर नजर डालें तो यह बात साफ तौर पर उभर कर सामने आती है कि छोटे निवेशक अक्सर मुनाफा बनाने का मौका चूक जाते हैं। पिछले साल शेयर बाजार में आई जबरदस्त गिरावट के बाद भारतीय निवेशक भी जोखिम उठाने से बच रहे हैं। ज्यादातर लोगों ने इक्विटी में आई गिरावट के बाद सुरक्षित डेट बाजार का दामन थाम लिया। हालांकि, इस साल मार्च के शुरुआती हफ्ते से शुरू हुई तेजी के बाद यह सवाल उठने लगा है कि इक्विटी में निवेश बढ़ाने का यह सही मौका है या नहीं?
ईटी यहां आपको बता रहा है कि क्यों यह इक्विटी में निवेश करने का सही वक्त है। पूंजी पर अधिकतम रिटर्न हासिल करने के लिए आप निवेश करते हैं। पिछले साल डेट प्रोडक्ट्स ने निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिए, लेकिन आने वाले समय में इनसे वही रिटर्न मिलना मुश्किल लग रहा है। पिछले कुछ समय से ब्याज दरों में तेजी से कमी आई है, ऐसे में डेट निवेश से बेहतर रिटर्न शायद न मिले। पिछले कुछ महीनों के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पॉलिसी दरों में कई बार कटौती की है। रेपो दर घटकर 4.75 फीसदी तक आ गई है। कुछ महीने पहले यह 7 फीसदी थी। कैश रिजर्व रेशियो भी 6 फीसदी से घटकर 5 फीसदी हो गया है। कुछ महीने पहले के दोहरे अंकों के मुकाबले कॉल रेट फिलहाल 2.2-4.3 फीसदी के बीच चल रहे हैं।
कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट के सीईओ संदेश किरकिरे के मुताबिक, ब्याज दरों में कमी आने के बाद डेट प्रोडक्ट्स पर रिटर्न घटना तय है। कुछ समय पहले तक सीडी 8 फीसदी पर कारोबार कर रहे थे, अब वे घटकर 5 फीसदी तक आ चुके हैं। इससे डेट इंस्ट्रूमेंट्स पर रिटर्न में और कमी आएगी। शॉर्ट टर्म डेट वाली म्यूचुअल फंड योजनाओं पर रिटर्न तो घटना भी शुरू हो गया है। इस बीच पिछले दो महीनों में सेंसेक्स में जबरदस्त तेजी आई है। यही नहीं अर्थव्यवस्था की वापसी के संकेतों के बीच शेयर बाजारों के आगे भी अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है। किरकिरे ने कहा, 'अर्थव्यवस्था वापसी की राह पर है। अगली कुछ तिमाहियों में मुझे कंपनियों का मुनाफा बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में इक्विटी निवेश के बारे में विचार करना गलत नहीं होगा।'
मुश्किल। हालांकि, कई लोग सस्ती कीमत पर शेयर नहीं खरीद पाते हैं। वह ऊंचे दाम पर बिकवाली से भी चूक जाते हैं।
अगर पहले के चलन पर नजर डालें तो यह बात साफ तौर पर उभर कर सामने आती है कि छोटे निवेशक अक्सर मुनाफा बनाने का मौका चूक जाते हैं। पिछले साल शेयर बाजार में आई जबरदस्त गिरावट के बाद भारतीय निवेशक भी जोखिम उठाने से बच रहे हैं। ज्यादातर लोगों ने इक्विटी में आई गिरावट के बाद सुरक्षित डेट बाजार का दामन थाम लिया। हालांकि, इस साल मार्च के शुरुआती हफ्ते से शुरू हुई तेजी के बाद यह सवाल उठने लगा है कि इक्विटी में निवेश बढ़ाने का यह सही मौका है या नहीं?
ईटी यहां आपको बता रहा है कि क्यों यह इक्विटी में निवेश करने का सही वक्त है। पूंजी पर अधिकतम रिटर्न हासिल करने के लिए आप निवेश करते हैं। पिछले साल डेट प्रोडक्ट्स ने निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिए, लेकिन आने वाले समय में इनसे वही रिटर्न मिलना मुश्किल लग रहा है। पिछले कुछ समय से ब्याज दरों में तेजी से कमी आई है, ऐसे में डेट निवेश से बेहतर रिटर्न शायद न मिले। पिछले कुछ महीनों के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पॉलिसी दरों में कई बार कटौती की है। रेपो दर घटकर 4.75 फीसदी तक आ गई है। कुछ महीने पहले यह 7 फीसदी थी। कैश रिजर्व रेशियो भी 6 फीसदी से घटकर 5 फीसदी हो गया है। कुछ महीने पहले के दोहरे अंकों के मुकाबले कॉल रेट फिलहाल 2.2-4.3 फीसदी के बीच चल रहे हैं।
कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट के सीईओ संदेश किरकिरे के मुताबिक, ब्याज दरों में कमी आने के बाद डेट प्रोडक्ट्स पर रिटर्न घटना तय है। कुछ समय पहले तक सीडी 8 फीसदी पर कारोबार कर रहे थे, अब वे घटकर 5 फीसदी तक आ चुके हैं। इससे डेट इंस्ट्रूमेंट्स पर रिटर्न में और कमी आएगी। शॉर्ट टर्म डेट वाली म्यूचुअल फंड योजनाओं पर रिटर्न तो घटना भी शुरू हो गया है। इस बीच पिछले दो महीनों में सेंसेक्स में जबरदस्त तेजी आई है। यही नहीं अर्थव्यवस्था की वापसी के संकेतों के बीच शेयर बाजारों के आगे भी अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है। किरकिरे ने कहा, 'अर्थव्यवस्था वापसी की राह पर है। अगली कुछ तिमाहियों में मुझे कंपनियों का मुनाफा बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में इक्विटी निवेश के बारे में विचार करना गलत नहीं होगा।'
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