चढ़ते हुए शेयर भाव में बार चार्ट जहां से नीचे की ओर मुड़ता है, वहां के फॉर्मेशन को टॉप या शीर्ष कहते हैं। इसी तरह गिरते हुए भाव में बार चार्ट जहां से चढ़ना शुरू कर देता है, वहीं बॉटम बन जाता है।
टेक्निकल एनालिसिस में टॉप और बॉटम का बहुत महत्व होता है। अगर किसी चार्ट में हर अगला टॉप और बॉटम क्रमश: पिछले टॉप और बॉटम से ऊंचा हो, तो शेयर या सूचकांक तेजी के दौर में माना जाता है। इसी तरह अगर किसी चार्ट में हर अगला टॉप और बॉटम क्रमश: पिछले टॉप और बॉटम से नीचे हो, तो शेयर या सूचकांक मंदी के दौर में माना जाता है।
ट्रेंड लाइन क्या है?
बार चार्ट में किसी शेयर के हर दिन के उच्चतम और न्यूनतम दामों को एक सीधी रेखा से मिलाने से जो लाइन मिलती है, उसे ट्रेंड लाइन कहते हैं। चाटिर्स्ट गिरते हुए शेयर की ट्रेंड लाइन खींचने के लिए उसके उच्चतम भाव से लाइन खींचते हैं, जबकि चढ़ते हुए शेयर की ट्रेंड लाइन खींचने के लिए न्यूनतम भाव से लाइन खींची जाती है। ज्यादा सही नतीजों के लिए किसी एक दिन के उच्चतम या न्यूनतम भाव की जगह कई दिनों के उच्चतम या न्यूनतम भावों के घनत्व वाले इलाके से लाइन खींची जाती है।
ट्रेंड लाइन ट्रेडरों का सबसे अच्छा दोस्त होता है, जिसे अंग्रेजी में 'ट्रेंड इज द बेस्ट फ्रेंड' भी कहते हैं। ट्रेंड टूटने का अर्थ होता है कि शेयर की चाल का रुख बदलने वाला है। यानी अगर शेयर भाव गिर रहा हो और एकाएक शेयर की कीमतें ऊपर से खींची गई ट्रेंड लाइन को काटकर ऊपर की ओर आने लगें, तो समझना चाहिए कि बढ़त शुरू होने वाली है। इसके उलट अगर चढ़ते हुए शेयर या इंडेक्स के निचले भाव से खींची गई ट्रेंड लाइन कीमतों के ऊपर जाने लगे, तो तेजी के सौदे काट लेने चाहिए।
स्टॉपलॉस क्या है?
स्टॉपलॉस किसी शेयर या सूचकांक की वह कीमत होती है, जिस पर पहुंचने के बाद सौदे काट दिए जाते हैं। जैसे बढ़ते हुए भाव के किसी भी चार्ट में जिस जगह भाव ट्रेंड लाइन को काट कर नीचे की ओर जाए, वहीं स्टॉपलॉस होता है। इसी तरह मंदी के सौदों में भाव जहां ट्रेंड लाइन को काटकर ऊपर आ जाए, वहीं उन सौदों का स्टॉपलॉस होता है। जब स्टॉपलॉस को भाव के साथ बढ़ाया या घटाया जाता है, तो उसे ट्रेलिंग स्टॉपलॉस कहते हैं।
टेक्निकल एनालिसिस में टॉप और बॉटम का बहुत महत्व होता है। अगर किसी चार्ट में हर अगला टॉप और बॉटम क्रमश: पिछले टॉप और बॉटम से ऊंचा हो, तो शेयर या सूचकांक तेजी के दौर में माना जाता है। इसी तरह अगर किसी चार्ट में हर अगला टॉप और बॉटम क्रमश: पिछले टॉप और बॉटम से नीचे हो, तो शेयर या सूचकांक मंदी के दौर में माना जाता है।
ट्रेंड लाइन क्या है?
बार चार्ट में किसी शेयर के हर दिन के उच्चतम और न्यूनतम दामों को एक सीधी रेखा से मिलाने से जो लाइन मिलती है, उसे ट्रेंड लाइन कहते हैं। चाटिर्स्ट गिरते हुए शेयर की ट्रेंड लाइन खींचने के लिए उसके उच्चतम भाव से लाइन खींचते हैं, जबकि चढ़ते हुए शेयर की ट्रेंड लाइन खींचने के लिए न्यूनतम भाव से लाइन खींची जाती है। ज्यादा सही नतीजों के लिए किसी एक दिन के उच्चतम या न्यूनतम भाव की जगह कई दिनों के उच्चतम या न्यूनतम भावों के घनत्व वाले इलाके से लाइन खींची जाती है।
ट्रेंड लाइन ट्रेडरों का सबसे अच्छा दोस्त होता है, जिसे अंग्रेजी में 'ट्रेंड इज द बेस्ट फ्रेंड' भी कहते हैं। ट्रेंड टूटने का अर्थ होता है कि शेयर की चाल का रुख बदलने वाला है। यानी अगर शेयर भाव गिर रहा हो और एकाएक शेयर की कीमतें ऊपर से खींची गई ट्रेंड लाइन को काटकर ऊपर की ओर आने लगें, तो समझना चाहिए कि बढ़त शुरू होने वाली है। इसके उलट अगर चढ़ते हुए शेयर या इंडेक्स के निचले भाव से खींची गई ट्रेंड लाइन कीमतों के ऊपर जाने लगे, तो तेजी के सौदे काट लेने चाहिए।
स्टॉपलॉस क्या है?
स्टॉपलॉस किसी शेयर या सूचकांक की वह कीमत होती है, जिस पर पहुंचने के बाद सौदे काट दिए जाते हैं। जैसे बढ़ते हुए भाव के किसी भी चार्ट में जिस जगह भाव ट्रेंड लाइन को काट कर नीचे की ओर जाए, वहीं स्टॉपलॉस होता है। इसी तरह मंदी के सौदों में भाव जहां ट्रेंड लाइन को काटकर ऊपर आ जाए, वहीं उन सौदों का स्टॉपलॉस होता है। जब स्टॉपलॉस को भाव के साथ बढ़ाया या घटाया जाता है, तो उसे ट्रेलिंग स्टॉपलॉस कहते हैं।
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