Thursday, December 11, 2008

सेक्टर आधारित निवेश कर बनाएं मुनाफा

छोटे निवेशक इक्विटी में सेक्टर आधारित निवेश कर सामान्य से अधिक रिटर्न हासिल कर सकते हैं। शेयर बाजार में इस समय बहुत से अच्छे शेयर आकर्षक दाम पर उपलब्ध हैं। बाजार में मंदी के दौर में भी कुछ ऐसे सेक्टर मौजूद हैं जिनमें आने वाले समय में तेजी की उम्मीद है। बाजार के गिरावट के दौर में निवेशकों को सुरक्षित शेयरों में निवेश करना चाहिए। ये शेयर मंदी में बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं। कारोबारी दौर के अलग-अलग चरणों में भी इनकी कीमतों में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होता। आर्थिक माहौल चाहे जैसा भी हो , लेकिन ये मुनाफा कमाना जारी रखते हैं क्योंकि ये ऐसी वस्तुएं या सेवाओं से जुड़े होते हें जिनकी मांग हमेशा बनी रहती है। इनमें फूड , पावर और एनर्जी से जुड़े शेयर शामिल हैं। आप इन सुरक्षित सेक्टरों में निवेश कर सकते हैं:
टेलीकॉम
बहुत से सेक्टर और शेयर इस समय नकारात्मक विकास दर के दौर से गुजर रहे हैं लेकिन टेलीकॉम इसका अपवाद है। टेलीकॉम सेक्टर लगातार नए ग्राहक जोड़ रहा है। ट्राई के आंकड़ों के अनुसार , अक्टूबर में 1.5 करोड़ नए ग्राहक जुड़े हैं। 2008 में इस सेक्टर की विकास की रफ्तार 33.4 फीसदी की है जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 35 फीसदी था। इसके विकास दर में भले ही कुछ गिरावट है लेकिन दूसरों से काफी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। जल्द ही 3जी मोबाइल सेवाएं लॉन्च होने वाली हैं और जनवरी में वाई-मैक्स की नीलामी भी होनी है। इसके साथ यह सेक्टर और तेजी से आगे बढ़ेगा। देश में 2012 तक टेलीकॉम सब्सक्राइबरों की कुल संख्या 69-70 करोड़ के बीच पहुंचने का अनुमान है। इनमें 64-65 करोड़ वायरलेस ग्राहक और बाकी के फिक्स्ड लाइन का इस्तेमाल करने वाले होंगे।
इंजीनियरिंग और कैपिटल गुड्स
औद्योगिक सेक्टरों में हाल ही मंदी ने भले ही लघु अवधि में कैपिटल गुड्स सेक्टर की विकास की रफ्तार पर असर डाला है। लेकिन हाल ही में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए घोषित पैकेज ने इंजीनियरिंग कंपनियों के लिए अच्छी संभावनाएं पेश की हैं। इस सेक्टर की बहुत सी कंपनियों के पास काफी ऑर्डर हैं। ऊर्जा की आपूर्ति और मांग में अंतर लगातार बढ़ रहा है।
इसे देखते हुए पावर इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनियां आने वाले समय में अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं। ऑयल और गैस देश में ईएंडपी (एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन) को लेकर सरकार के रवैये में बड़ा बदलाव आया है। देश की ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने के लिए के लिए सरकार ने एक्सप्लोरेशन पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया है। इस सेक्टर में बड़े निवेश भी हो रहे हैं। इनसे राजस्थान में तेल और केजी बेसिन में गैस मिलने के साथ अच्छे नतीजे भी सामने आए हैं। 2009 के बाद देश में तेल और गैस के उत्पादन में वृद्धि होने की पूरी संभावना है। मांग लगातार बढ़ने की वजह से रिफाइनिंग मार्जिन भी मध्यम अवधि में बढ़ सकता है।
एफएमसीजी
मंदी के बावजूद फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) कंपनियां अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। किसानों के कर्ज माफ होने , अच्छा मानसून और रोजगार पैदा करने की योजनाओं की वजह से ग्राहकों के पास खर्च करने के लिए धन मौजूद है। इस सेक्टर की लंबी अवधि की संभावनाएं भी काफी मजबूत नजर आ रही हैं। कमोडिटी के दाम घटना भी एफएमसीजी कंपनियों के लिए खुशखबरी है। इससे कोकोनट ऑयल , ओरल केयर और स्किनकेयर उत्पाद सस्ते होंगे और इनकी मांग भी बढ़ेगी। यह सेक्टर घरेलू उपभोग पर आधारित है और इसी वजह से इन कंपनियों पर वैश्विक मंदी का बड़ा असर पड़ने की उम्मीद नहीं है।

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