इस साल अक्टूबर में अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार में गिरावट का दौर शुरू होने के बाद से घरेलू शेयर बाजारों में भी अनिश्चितता का दौर जारी है। बाजार की मौजूदा स्थिति को देखकर इसकी दिशा का अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है। बाजार में कारोबार की वॉल्यूम काफी घट गई है, क्योंकि संस्थागत निवेशक और ट्रेडर कोई भी कदम उठाने से पहले बाजार और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था से कोई निर्णायक संकेत मिलने का इंतजार कर रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि बाजार किसी भी दिशा में निर्णायक मोड़ लेने से पहले अभी कुछ और महीने तक अस्थिर रहेगा। इसलिए बाजार में निवेश करने की इच्छा रखने वाले लोगों को विभिन्न बातों को ध्यान में रखकर ही निवेश की अपनी रणनीति बनानी चाहिए, जैसे- उनकी जोखिम लेने की क्षमता कितनी है, कितने समय तक निवेश करना चाहते हैं और वे अपने निवेश पर नजर रखने के लिए कितना समय लगा सकते हैं।
कम जोखिम क्षमता वाले निवेशक
बाजार की मौजूदा स्थिति जोखिम लेने से डरने वाले निवेशकों के अनुकूल नहीं है। यह ऐसे निवेशकों के लिए भी ठीक नहीं है, जिनके पास बाजार की घटनाओं पर नजर बनाए रखने के लिए समुचित समय नहीं है। बाजार में हर जगह काफी अनिश्चितता और निराशा दिखाई दे रही है। स्थिति यह है कि एक भी बुरी खबर से बाजार में बिकवाली का दौर शुरू हो सकता है। इस समय डेट-आधारित इंस्ट्रूमेंट काफी आकर्षक नजर आ रहे हैं, क्योंकि अधिकतर बैंकों ने जमा योजनाओं पर ब्याज दरों में अभी कटौती नहीं की है। महंगाई दर में आ रही कमी को देखते हुए कम जोखिम लेने वाले निवेशकों के लिए डेट में धन लगाना एक अच्छा विकल्प होगा। दूसरी ओर ऐसे निवेशक जो अधिक जोखिम तो ले सकते हैं, पर उनके पास नियमित रूप से बाजार पर नजर रखने का समय नहीं है, उनके लिए कुछ खास इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना अच्छा रहेगा।
अधिक जोखिम क्षमता वाले निवेशक
मध्यम से लेकर लंबी अवधि तक निवेश करने वाले लोगों के लिए बाजार में अभी काफी अवसर मौजूद है। कई बुनियादी रूप से मजबूत शेयर अपनी अधिकतम मूल्य से 60 से 80 फीसदी तक गिर गए हैं। निवेशकों को ऐसे शेयरों की पहचान करनी होगी, जो सेंसेक्स से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और हर गिरावट के साथ ऐसे शेयर खरीदने चाहिएं। एक आदर्श पोर्टफोलियो में अधिकतम 6-8 शेयर होने चाहिए, क्योंकि अधिक शेयर होने पर उनपर नजर बनाए रखना काफी कठिन हो जाता है। निवेशकों को ऐसे शेयरों की लगातार पहचान और उसमें निवेश करते रहना चाहिए, जो बुनियादी रूप से बेहतर हों। लार्ज कैप या चुनिंदा मिड कैप शेयरों में ही निवेश करना चाहिए। निवेशकों को स्मॉल कैप में ट्रेडिंग करने से बचना चाहिए।
बाजार में पहले से मौजूद निवेशक
पिछले एक साल से बाजार में गिरावट जारी है और इस दौरान कई ब्लू चिप शेयरों के दाम में 60-80 फीसदी गिरे हैं। मिड कैप और स्मॉल कैप शेयर में तो और भी गिरावट हुई है। इसके नतीजे में सभी निवेशकों को पोर्टफोलियो में बड़ा नुकसान हुआ है। स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार तथा आर्थिक स्थितियों को देखकर यही कहा जा सकता है कि निकट भविष्य में राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। बाजार में पहले से मौजूद निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में शामिल शेयरों की संभावना को समझने की कोशिश करते रहनी चाहिए और बाजार में तेजी के समय अंडर-परफॉर्मिंग शेयरों को निकालकर गिरावट के दिनों में आउट-परफॉर्मिंग शेयरों को खरीदना चाहिए।
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