पिछले साल निवेश पर रिटर्न को देखकर आप खुशी से फूले नहीं समाए होंगे। इस साल आपमें से ज्यादातर को शायद ही खुशी मिली हो। निवेशक 2008 को शायद ही याद रखना चाहेंगे। शेयर बाजार अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई से काफी नीचे है। कमर्शियल प्रॉपर्टी के दाम में भी जोरदार गिरावट आई है, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर में मंदी का दौर चल रहा है और देश भर में लगभग सभी सेक्टरों में छंटनी के बादल मंडरा रहे हैं। क्या यह समय निवेशकों के लिए पोर्टफोलियो को दोबारा संतुलित करने का है? वित्तीय जानकारों की मानें तो आपको ऐसा ही करना चाहिए। उनका कहना है कि नए विकल्पों में निवेश कर ज्यादा लाभ कमाने का दौर समाप्त हो गया है और आने वाले समय में आपकी पहली प्राथमिकता धन की सुरक्षा होनी चाहिए। फाइनेंशियल प्लानर पोर्टफोलियो का बड़ा हिस्सा बैंक की सावधि जमा योजना (एफडी), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) और फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान (एफएमपी) जैसे ऐसे सुरक्षित विकल्पों में लगाने की सलाह दे रहे हैं जो इक्विटी में कम निवेश करते हैं। जो लोग निवेश के नए विकल्पों की तलाश में हैं, वे विटेंज कारों, दुर्लभ स्टैंप, सोने के बार, दुर्लभ सिक्के, वाइन, फोटोग्राफी, मूर्तियों और प्राइवेट इक्विटी में धन लगा सकते हैं। इन सभी में लाभ कमाने के लिए आपको कम से कम तीन वर्ष के लिए निवेश करना होगा। क्वांटम एएमसी के सीईओ, देवेन्द नेवगी का मानना है कि 2009 में सोने में निवेश सबसे अच्छा रहेगा। उनका कहना है, 'सोना मुदास्फीति के खिलाफ ढाल का काम करता है। आज जैसे मुश्किल दौर में यह पोर्टफोलियो के बीमे की तरह काम करता है।' नेवगी की सलाह है कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो का कम से कम 20-25 फीसदी हिस्सा सोने से जुड़े प्रोडक्ट्स में लगाना चाहिए। मनी केयर फाइनेंशियल प्लानर की प्रमुख और सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर जनखाना शाह भी इससे सहमत हैं। साथ ही वह यह भी कहती हैं कि नए वर्ष में निवेशक अधिक जोखिम वाले वर्गोंं में भी धन लगा सकते हैं। उन्होंने कहा, 'यह आपकी जोखिम उठाने की क्षमता पर निर्भर करेगा। इस वर्ष के मुकाबले नए वर्ष में इक्विटी बाजारों के गिरने की संभावना कम और चढ़ने की अधिक है। जोखिम वाली संपत्तियां इस समय काफी आकर्षक लग रही हैं। निवेश करने से पहले आपको खुद से यह पूछना चाहिए कि आप अपने पोर्टफोलियो से क्या उम्मीद रखते हैं।' उनका मानना है कि नए वर्ष में डेट फंड और सरकारी प्रतिभूतियों की ओर निवेशक ज्यादा आकर्षित होंगे। अच्छा रिटर्न हासिल करने के लिए आपको गलत जगह पर निवेश करने से बचना होगा। अगर आप जोखिम उठाने वाले निवेशक हैं तो आपके लिए बाजार में उतरने का समय आ गया है। दूसरी ओर अगर आप फूंक-फूंक करने कदम बढ़ाना चाहते हैं तो आप शेयरों में तेजी आने तक का इंतजार कर सकते हैं। तब तक आपको पोर्टफोलियो को लेकर सतर्कता बरतनी होगी। अगर आप कम जोखिम चाहते हैं तो पोर्टफोलियो में तेजी से बढ़ने वाली संपत्तियों (इक्विटी, डायवर्सिफाइड लार्ज कैप म्यूचुअल फंड) को 25-30 फीसदी जगह दे सकते हैं। बाकी की रकम आप नियमित आय देने वाली संपत्तियों (छोटी बचत योजनाएं, फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान, लंबी अवधि की बैंक जमा योजनाओं) में लगा सकते हैं।
No comments:
Post a Comment