आज के दौर में सभी लोगों को वित्तीय रूप से जागरूक होना जरूरी है। बैंक से लेन-देन करते समय कई बार कुछ ऐसे शुल्क चुकाने पड़ते हैं जिनके बारे में हमें पहले से पता नहीं होता और बैंक के साथ किसी भी गलत कदम की भरपाई आपको पेनल्टी देकर करनी पड़ती है। ये शुल्क बैंक खाते में तिमाही में औसत न्यूनतम राशि न रखने से लेकर क्रेडिट कार्ड पर नकद भुगतान और चेक बुक के इस्तेमाल के लिए भी हो सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार अप्रैल, 2007 से मार्च, 2008 के बीच बैंकों के ऐसे शुल्क वसूलने से जुड़ी शिकायतों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है। इन छिपे हुए शल्कों के बारे में आपको यहां विस्तार से जानकारी दी जा रही है।
तिमाही में खाते की न्यूनतम राशि
बैंकिंग ट्रांजैक्शन करते समय लापरवाही बरतने पर आपको पेनल्टी चुकानी पड़ सकती है। अगर आप खाते में तिमाही औसत बैलेंस रखने में असफल रहते हैं तो इसके लिए आपको जुर्माने के तौर पर 500 से लेकर 1500 रुपए तक चुकाने पड़ सकते हैं। इसके अलावा बैंक के कस्टमर केयर एग्जिक्यूटिव से बात करने पर भी आपको जेब ढीली करनी पड़ती है। देश के दो सबसे बड़े प्राइवेट बैंक आईसीआईसीआई और एचडीएफसी के उन ग्राहकों को कस्टमर केयर एग्जिक्यूटिव को प्रत्येक बार कॉल करने पर 50 रुपए चुकाने पड़ते हैं जो तिमाही में औसत बैलेंस बरकरार नहीं रखते। इसके साथ ही ऐसे ग्राहकों को तिमाही के दौरान ट्रांजैक्शन की तय संख्या पार करने के बाद प्रत्येक नकद लेन-देन के लिए भी शुल्क देना पड़ता है।
चेक फीस
ज्यादातर बैंक बचत खाते के साथ प्रति तिमाही एक चेक बुक (जिसमें 25-30 चेक होते हैं) मुफ्त देते हैं। मेट्रो और शहरी शाखाओं में इस खाते में आपको तिमाही में 5,000 रुपए की न्यूनतम राशि बरकरार रखनी होती है। ग्रामीण इलाकों की शाखाओं में यह राशि 2500 रुपए होती है। न्यूनतम बैलेंस न रखने की स्थिति में अगर आप अतिरिक्त चेक चाहते हैं तो इसके लिए आपको प्रति चेक 2-5 रुपए की राशि चुकानी पड़ती है।
बैंकिग चैनलों का समझदारी से इस्तेमाल
अगर आप सोचते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शन के लिए आपको कीमत चुकानी पड़ती है और इसी वजह से आप एटीएम के इस्तेमाल को लेकर सतर्कता बरतते हैं तो आप गलत हो सकते हैं। आईसीआईसी बैंक प्रति तिमाही आपकी मूल शाखा में 12 से अधिक ट्रांजैक्शन के बाद प्रति ट्रांजैक्शन 50 रुपए वसूलता है। स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में आप किसी भी चैनल (इंटरनेट बैंकिंग, फोन बैंकिंग, एटीएम और शाखा) पर प्रतिमाह केवल चार ट्रांजैक्शन मुफ्त कर सकते हैं। इसके बाद आपको प्रति ट्रांजैक्शन 75 रुपए चुकाने होते हैं। अधिकतर बैंक प्रति तिमाही सीमित संख्या में मुफ्त कैश ट्रांजैक्शन की अनुमति देते हैं।
कैश पेमेंट पेनल्टी
अगर आप उन लोगों में शामिल हैं जो अपने क्रेडिट कार्ड के भुगतान को अंतिम दिन तक टालते हैं तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। अधिकतर बैंक क्रेडिट कार्ड का भुगतान नकद करने पर 100 रुपए का जुर्माना वसूलते हैं। अगर आप ऐसी स्थिति से बचना चाहते हैं तो या तो अंतिम तिथि से कम से कम चार दिन पहले भुगतान करें या फिर ऑनलाइन पेमेंट के विकल्प का इस्तेमाल करें।
स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन फीस
बहुत से बैंक आपको व्यक्तिगत सेवाएं उपलब्ध कराने का दावा करते हैं। हालांकि, इनके लिए भी आपको कीमत चुकानी होती है। स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन सुविधा से आपको देरी से भुगतान की चिंता से मुक्ति मिलती है लेकिन इसके लिए आपको प्रति इंस्ट्रक्शन 50 से लेकर 150 रुपए तक चुकाने पड़ते हैं। अगर आप इंस्ट्रक्शन को बदलना चाहते हैं तो भी आपको 25-75 रुपए का अतिरिक्त भुगतान करना होता है।
बैंक के दस्तावेजों पर भी लगता है शुल्क
प्राइवेट बैंक खाते में बकाया राशि के प्रमाणपत्र, ब्याज के प्रमाणपत्र, पता, हस्ताक्षर या फोटो सत्यापित करने के लिए 50-250 रुपए तक वसूलते हैं।
लापरवाही की कीमत
आज की आधुनिक बैंकिंग में लापरवाह लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। प्राइवेट बैंक उन लोगों से 100 रुपए का जुर्माना लेते हैं जो चेक ड्रॉप बॉक्स में नकदी जमा करते हैं। अगर जमा की गई राशि 500 रुपए से अधिक है तो इसके लिए आपको 300 रुपए जुर्माने के तौर पर देने होंगे। अगर आप एक से अधिक बार यह गलती करते हैं तो इसके लिए आपको 500 का अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। इस लेख का सार यही है कि अगली बार जब आप बैंक से कोई लेन-देन करते समय अपनी आंख और कान खुले रखें। ऐसा न करने पर आपको ऊपर बताए गए शुल्क या जुर्माना चुकाना पड़ सकता है।
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