Sunday, November 9, 2008

शेयर खरीदने और बेचने का फॉर्म्यूला!

इस साल अक्टूबर में शेयर बाजारों की बत्ती गुल रही। घबराहट के चलते स्टॉक मार्केट में जमकर बिकवाली देखी गई। इस एक महीने में BSE सेंसेक्स और निफ्टी ने 30% से ज्यादा की चोट खाई है। कई दिग्गज शेयर साल के लोएस्ट लेवल पर ट्रेडिंग कर रहे हैं और साल के हाइएस्ट लेवल से 60% नीचे आ चुके हैं। फिलहाल घरेलू बाजारों की चाल, इंटरनेशनल मार्केट से जुड़ी खबरों पर निर्भर कर रही है।
सबसे ऊपर, फिर सबसे नीचे
जिन शेयर और सेक्टरों ने पिछले कुछ सालों के दौरान तेजी में बाजार की अगुवाई की थी, उन्हें बाजार में हाल की गिरावट में सबसे ज्यादा मार पड़ी है। मसलन, इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट सेक्टर के शेयर अपने पीक लेवल से 80 से 90% नीचे आ चुके हैं जबकि बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज के स्टॉक को भी भारी नुकसान हुआ है।
FII की बिकवाली से नकदी का संकट
घरेलू शेयर बाजारों में घबराहट के चलते बिकवाली की सबसे बड़ी वजह यह रही कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की ओर से बड़ी रकम मार्केट से निकाल ली गई। बीते लंबे वक्त से बाजार में अपने पैसे से जान डालने वाले FII ने भारी बिकवाली की और बड़ी रकम निकाल ली। इसके बाद यहां के बाजारों में नकदी का संकट पैदा हो गया और बाजार के सेंटीमेंट पर असर पड़ा।
छोटे इनवेस्टर्स भी उसी राह पर
इसका रिजल्ट क्या रहा? घरेलू संस्थागत और छोटे इनवेस्टर्स ने भी घबराकर बिकवाली की और जल्द से जल्द बाजार से बाहर निकलने का फैसला किया। हालांकि छोटे इनवेस्टर्स के लिए अचानक बाजार से बाहर निकलना आसान नहीं है क्योंकि उनमें से कई ऊंचे स्तरों पर शेयर्स में पैसा लगाए बैठे हैं।
कैसे करें इनवेस्टमेंट
कई निवेशक यह फैसला नहीं कर पा रहे हैं कि उन्हें इन लेवल्स पर बिकवाली करनी चाहिए या खरीद के भाव को एवरेज आउट करने के लिए और खरीद करनी चाहिए। इसी तरह, कई ऐसे भी इनवेस्टर्स हैं जो शेयर बाजार में दाखिल तो होना चाहते हैं लेकिन वे मौजूदा लेवल्स पर शेयर मार्केट में इनवेस्टमेंट को लेकर सुनिश्चित नहीं हैं क्योंकि बाजार इन दिनों नए निचले स्तर बना रहा है।
बने रहें मार्केट में
पिछले महीने से अब तक बाजार 30% टूट चुके हैं। कई दिग्गज शेयर साल के या अब तक के सबसे लोएस्ट लेवल तक लुढ़क चुके हैं। कोई भी पक्की तरह से यह नहीं कह सकता कि घबराहट में बिकवाली बाजार को और नीचे नहीं ले जाएगी। लेकिन इन स्तरों से भारी गिरावट का डर कम ही है क्योंकि बाजार की वैल्यूएशन करीब 10 पी/ई पर है जो काफी आकर्षक है।
जीडीपी घटकर 7%
जानकारों का मानना है कि ग्लोबल मंदी के इस दौर में घरेलू बाजार बेहतर स्थिति में है इसलिए मध्यम से लंबी अवधि में वे वापसी करेंगे। जीडीपी के लिए बढ़त का अनुमान इस साल के लिए घटाकर 7% कर दिया गया है।
मत घबराएं
जिन लोगों ने ब्लू चिप या बुनियादी रूप से मजबूत मिड-कैप शेयरों में निवेश किया हुआ है, उन्हें बाजार की मौजूदा स्थिति में घबराना नहीं चाहिए और अपना निवेश बरकरार रखना चाहिए।
छोटे लॉट में शेयर खरीदें
कई निवेशकों ने बाजार में उस वक्त कदम रखा था जब शेयर ऊंचे स्तरों पर थे। ऐसे लोग अब और निवेश कर एवरेजिंग आउट करने पर गौर कर रहे हैं। हालांकि निवेशकों को बाजार में वह रकम लगानी चाहिए जिसके लिए जोखिम पहले से आंक लिया गया है। जो लोग मंदी के वक्त भी खरीदारी करने की इच्छा रखते हैं, उन्हें एंट्री प्राइस पर एवरेज आउट करने के लिए छोटे लॉट और नियमित अंतराल पर शेयर खरीदने चाहिए।
इनवेस्ट कीजिए
मौजूदा स्तर पर कई ब्लू चिप शेयरों की वैल्यूएशन आकर्षक नजर आ रही है। लेकिन शेयर चुनते वक्त इनवेस्टर्स को काफी ध्यान रखना चाहिए। इनवेस्टमेंट के लिए स्टॉक चुनने से पहले उन्हें कंपनी के कारोबार और सेक्टर के परफॉरमेंस का एनालिसिस करना चाहिए।
इनवेस्ट कीजिए

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