Thursday, November 20, 2008

नियमित निवेश के लिए एसआईपी बेहतर

सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) निवेश का एक ऐसा विकल्प है जिसमें एक निश्चित अवधि में व्यवस्थित निवेश किया जाता है। एसआईपी के तहत निवेशक किसी विशेष म्यूचुअल फंड या जमा योजना में नियमित निवेश करता है। इस रास्ते से म्यूचुअल फंडों में निवेश काफी आसान है और इससे समय बीतने के साथ आपके निवेश में भी अच्छी वृद्धि की संभावनाएं रहती हैं। एसआईपी में निवेश से आप प्रत्येक माह एक निश्चित रकम बचाकर उसका निवेश करते हैं। इसके अलावा आप रुपए की औसत लागत के सिद्धांत का लाभ भी उठा सकते हैं क्योंकि आप बाजार में तेजी और मंदी दोनों दौर में निवेश करते हैं। आपके निवेश की राशि समान रहती है और आप गिरते बाजार में अधिक यूनिट खरीदते हैं और चढ़ते बाजार में कम। नियमित अंतराल पर समान राशि के निवेश से प्रति यूनिट आपकी औसत लागत बाजार के औसत दाम से कम होती है। एसआईपी का विकल्प इक्विटी, इनकम या गिल्ट जैसे सभी फंडों में उपलब्ध होता है। यह लंबी अवधि की एक निवेश योजना है, जिसमें आप प्रत्येक माह डायवर्सिफाइड या बैलेंस्ड फंड जैसे म्यूचुअल फंड में समान राशि का निवेश करते हैं। आपको इसके लिए फंड हाउस के पास पोस्ट डेटेड चेक जमा कराने होते हैं। आप एसआईपी की राशि के गुणकों में इसमें निवेश की राशि में बदलाव भी कर सकते हैं। अगर आप एक ही फंड की दो योजनाओं में धन लगा रहे हैं तो इसके लिए एक ही फॉर्म भरा जा सकता है। एसआईपी में निवेश काफी सुविधाजनक होता है और इसमें आपको ऐसे फंड की पहचान करने में मदद मिलती है जो आपकी जोखिम उठाने की क्षमता पर ठीक बैठें। इसमें निवेशक की जोखिम-रिटर्न की इच्छा के अनुसार ही संपत्ति के आवंटन में भी बदलाव किया जा सकता है। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर आप अपने निवेश को कभी भी भुना सकते हैं। जिन लोगों के पास निवेश के लिए एकमुश्त रकम नहीं है और वे निवेश को लेकर ज्यादा जोखिम नहीं चाहते तो उन्हें एसआईपी को चुनना चाहिए। इससे वे नियमित तौर पर निवेश कर पाएंगे। एसआईपी आपकी कम और लंबी अवधि के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में मददगार होता है।
- आशीष गुप्ता

No comments: