दीपावली के बाद क्या होगी सितारों की चाल , किसे मिलेगा कितना माल या फिर नौकरी आदि में कैसा रहेगा योग ? ग्रह - नक्षत्रों के आधार पर इसका विश्लेषण कर रहे हैं सुप्रसिद्ध ज्योतिषी पं . केवल आनंद जोशी - यह महालक्ष्मी वर्ष मंगलवार दिनांक 28 अक्टूबर को आरंभ हो रहा है। सायंकाल वृष लग्न की कुंडली में लग्नेश शुक्र सप्तम भाव में विराजमान है। धनेश बुध चंद्रमा के साथ चौथे भाव में विराजमान हैं। केतु तृतीय भाव में , शनि पंचम भाव में , सूर्य और मंगल छटे भाव में गुरु अष्टम भाव में , राहु और नेपचून नवम भाव में विराजमान हैं। महालक्ष्मी वर्ष के समय महानिशीथकाल में स्वाति नक्षत्र का उदय हो रहा है। धन कारक बुध पराक्रम भाव के चंद्रमा के साथ पंचम भाव में बैठे हैं। कुल मिलाकर चंद्रमा राहु का त्रिकोण है। कालसर्प योग है। नीच राशि के सूर्य को शत्रु राशि का शनि देख रहा है। शनि , शुक्र ओर हर्षल ग्रह का केंद्र योग है। सभी ग्रहों में अधिकांश ग्रहों पर सूर्य और चंद्रमा अस्तगामी प्रभाव हैं। चर राशियां उदित हैं। स्थिर राशियां सुप्त हैं। इस बार महालक्ष्मी कारोबारी और नौकरी पेशा लोगों को अच्छा लाभ देकर जा रही है। लेकिन ठीक एक साल बाद पुन : 17 अक्टूबर 2009 को पुन : महालक्ष्मी अवतरित होगी। तब मजदूर और खेतिहर वर्ग से लेकर छोटे किसान , बड़े किसान , आयात - निर्यातकर्ता फैक्ट्री और उद्योग के मालिक एवं महाधनपति कुबेर के समान धनी लोगों को भी महालक्ष्मी और ज्यादा धन देकर संभ्रांत कर जाएगी।
आप अपनी चंद्र राशि के अनुसार उपरोक्त आय और व्यय की संख्या को जोड़ दें फिर उसमें से एक घटा दें। जो शेष बचे उसे 7 से भाग दें। भाग देने के उपरांत यदि 1 शेष बचे तो उस वर्ष धन लाभ अच्छा होता है। जमीन जायदाद और नए काम करने से फायदा होता है। यदि 2 शेष बचे , तो परिवार की धन वृद्धि होती है। 3 शेष बचे तो रोग बीमारी और झगड़े के कारण आमदनी में वृद्धि नहीं हो पाती। अगर 4 शेष बचे तो व्यापार या नौकरी में लाभ नहीं के बराबर होता है और खर्च बढ़ - चढ़कर होते हैं। 5 शेष बचे तो धन की तंगी के बावजूद मन में संतोष रहता है और बीच - बीच में कभी - कभार अच्छा फायदा हो जाता है। यदि 6 शेष बचे तो दिनरात धन कमाने की चिंता लगी रहती है। आंशिक रूप से धन लाभ भी होता रहता है , परंतु खर्च भी बेहिसाब हो जाता है। यदि 7 या 0 शेष बचे तो अच्छे लाभ के बावजूद बचत कम होती है। उदाहरण : रमेश कुमार की तुला राशि है। इस महालक्ष्मी वर्ष में उसकी आय और व्यय का आंकड़ा 7 जमा 12 है। इसका जोड़ 19 हुआ इसमें से 1 घटा दिया। शेष बचा 18 । इसमें 7 का भाग दिया तो बचा 4 शेष तो इसका फल दिया है कि व्यापार और नौकरी में लाभ नहीं के बराबर होता है और खर्च बढ़ - चढ़कर होते हैं।
मेषःशुरुआती अड़चनों के बाद लाभ ( चे चो ला ली लू ले लो अ )
युवा और प्रौढ़ जातकों के लिए यह साल दिसंबर से मार्च तक अत्यंत सरल और सरलता से लाभ देने वाला होगा। कोई भी अपारंपरिक उद्यम और कार्य जल्दी ही अर्थ लाभ का साधन बन सकता है। अप्रैल से अगस्त तक पिछला विनियोग समय की जरूरत को पूरा करता रहेगा और सितंबर से अक्टूबर तक किसी नए रोजगार की शुरुआत के कारण बजट असंतुलित होगा परंतु उसके बाद भविष्य का अर्थ द्वार अधिक सुगम और त्वरित लाभ दे सकता है। युवा, स्टूडंट और महिलाओं को धन जुटाने के लिए कठोर परिश्रम करना होगा। जो महानुभाव तकनीकी कला कौशल के ज्ञान से संपन्न हैं, उनको भी परिश्रम के अनुसार वांछित अर्थ प्राप्ति नहीं हो पाएगी। 2009 का पूर्वार्द्ध कार्यकुशल और संपन्न व्यवसायियों के लिए एक सुनहरे अवसर लेकर आ रहा है। जमीन-जायदाद, खनन, स्टील और लोहे के व्यापार में मेष राशि की शक्ति अद्वितीय मानी गई है, जो कि 2009 के निर्माण युग में लक्ष्मी की बरसात करने में सक्षम रहेगा। वैसे तो धन कमाने में पुरुषों की अपेक्षा मेष महिलाएं अधिक कामयाब और सफल मानी जाती हैं, लेकिन यह भी सत्य है कि अगर वह अकेले ही किसी परियोजना या प्रोजेक्ट को हाथ में लेती हैं तो जल्दी ही धोखेबाजी का शिकार हो सकती हैं, ऐसी नुकसानदायक परियोजनाओं से बचने के लिए उन्हें यही सलाह दी जाती है कि किसी न किसी प्रकार का आश्रय या संरक्षण लेकर ही अपना कारोबार करना चाहिए। व्यापार की अपेक्षा नौकरी में उन्हें अधिक आर्थिक सफलता मिल सकती है। धन की तंगी या आर्थिक परेशानी उनके आगे वर्ष 2009 में नहीं टिक सकती। जिन महानुभावों का समय का दौर अभी नाजुक चल रहा है, उन्हें सलाह दी जाती है कि वह इस महालक्ष्मी पर्व में दीपावली की दिन के समय कुंभ लग्न में लक्ष्मी-गणेश और कुबेर आदि यंत्रों की स्थापना करके महालक्ष्मी की पूजा अर्चना करें। साथ ही सिंह लग्न के दौरान रात्रि काल में लक्ष्मी तंत्र का आह्वान करें। माणिक्य, नीलम और पुखराज से युक्त एक त्रिधातु पैंडल भी गले में धारण करना चाहिए। चूंकि शनि ग्रह इस साल अपनी शत्रु राशि में है। अत: महामृत्यंजय और शनि मंत्र का जाप भी करवाना चाहिए । इन सब उपायों से उनके आर्थिक कष्ट तत्काल दूर हो सकते हैं।
वृषभ: खास तरकीब और लगन से मिलेगा धन ( उ, ए, ओ, वा, वि, वू, वे, वो)
यद्यपि सूर्य का गोचर सारे साल आपके लिए अनुकूल पृष्ठभूमि तैयार करता रहेगा, परंतु चौथी राशि पर चल रहा शनि और अष्टम बृहस्पति का गोचर मात्र जनवरी से मार्च-अप्रैल तक ही वेधमुक्त होकर योजनाओं को फलीभूत करेगा। इस साल जहां घर-परिवार के सदस्यों से धन की अच्छी आमद होगी वहीं मित्रों के आश्रय से भी अनेक जातक यथाशीघ्र धन कमाने में तत्पर रहेंगे। अधिकांश जातकों के लिए व्यवसाय धन कमाने में सहायक होगा। बौद्धिक और कलात्मक कार्यों से भी वृषभ राशि के जातक धन कमा सकेंगे। जो जातक आधुनिक व्यावसायिक शिक्षा से युक्त हैं, उच्च स्तर की डिग्रियां और कारोबारी अनुभव से युक्त हैं, उन्हें कॉर्परट सेक्टर में लाखों के पैकिज मिलने की संभावना है। जमीन-जायदाद, बैंकिंग, इन्शुअरन्स तथा शेयर बाजार के कारोबार से जुड़े वृष जातक इस साल पर्याप्त धन कमा पाएंगे। काफी समय से रुकी हुई पदोन्नतियां कार्यक्षेत्र में बदलाव और मनपसंद स्थान परिवर्तन एवं विदेश यात्रा से भी अनेक वृष जातकों को अच्छा लाभ होगा। अनेक युवा वृष जातक जो नौकरी की अपेक्षा व्यापार करने में अधिक लाभ कमाने पर विश्वास रखते हैं उनके लिए भी यह वर्ष काफी उत्साहवर्द्धक साबित होगा। चाहे वह पंडित हों या पुजारी, डॉक्टर हों या एन्जीनियर, सलाहकार हों या संपादक। वह जो भी रचनात्मक काम करेंगे, उनका पर्याप्त पारिश्रमिक बतौर लक्ष्मी की कृपा के रूप में इस महालक्ष्मी वर्ष की शुरुआत से ही मिलने लग जाएगा। वृष राशि के व्यापारी खानपान और होटल आदि के कारोबार से भी धन कमा सकते हैं। वृष महिलाओं को भी इस महालक्ष्मी वर्ष में अनेक प्रकार की सफलताएं और पदोन्नतियां नवंबर-दिसंबर के दरम्यान मिल सकती हैं। साल के उत्तरार्द्ध में उन्हें मनपसंद कार्यक्षेत्र के अलावा ऐसा कार्यभार भी सौंपा जा सकता है, जो उनके लिए एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य हो। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में जहां औरों को कई वर्ष बीत जाते हैं, वहां वृष जातकों को यह पद वर्ष 2009 में कभी भी मिल सकता है। वर्ष के अंत तक चल और अचल संपत्ति का लाभ भी उनकी आर्थिक संपन्नता का संकेत होगा। राहु-केतु के रत्न को एक साथ गले में पैडल बनाकर धारण करें। साथ ही हाथ में मूंगा और पुखराज रत्न की अंगूठी भी महालक्ष्मी पर्व के दौरान वृष लग्न में पूजा के उपरांत धारण करें। समय-समय पर शनि की शांति के लिए तेल और अन्न आदि का दान करते रहें।
मिथुनः धन और सिद्धियां हासिल करने का योग (की, कु, घ, छ, के, को, ह)
इस महालक्ष्मी वर्ष
में सबसे अधिक अर्थ लाभ कमाने वाली मिथुन राशि का स्वामी ग्रह बुध इस महीने के अंत तक चौथे स्थान में चंद्रमा के साथ विचरण करेगा। चंद्रमा आपके लिए धन प्रदायक ग्रह है। वर्ष 2009 जातकों के परिश्रमपूर्ण इरादों से ओतप्रोत है और कोई बाधा न हो, तो अच्छे स्वास्थ्य और अच्छे खानपान के जरिए श्रेष्ठ सिद्धियां भी प्राप्त होंगी। व्यापारी वर्ग के लिए यह साल काफी फायदेमंद साबित होगा। कार्यक्षेत्र में तनाव कम होंगे। यदि मशीनरी, किराना या अनाज आदि का कारोबार होगा, तो साल के उत्तरार्द्ध में अच्छे लाभ मिलेंगे। तकनीकी तथा जोखिम भरे कामों से भी मिथुन राशि के जातक लाभान्वित होते हैं। सेवा कार्य, रखरखाव और एजंसी कार्यों से भी अच्छा लाभ मिलने के संकेत हैं। सर्राफा, खाद्यान्न, खानपान, फैशन, कपड़ा और यातायात, पर्यटन के कारोबार में लगे हुए मिथुन जातक इस वर्ष अप्रैल-जून के दौरान अच्छी कमाई करेंगे। महिला मिथुन जातकों के लिए इस साल का पूर्वार्द्ध बहुत ही उत्साहवर्धक परिणाम देगा। नवंबर-दिसंबर से लेकर मार्च-अप्रैल तक रोजगारपरक अवसर प्राप्त होंगे। संसाधनों के व्यवस्था संबंधी कार्य में आपकी सूझबूझ अत्यंत लाभदायक सिद्ध होगी। यात्रा आदि के अवसर मिलेंगे। यदि आप अविवाहित हैं, तो वर्ष के उत्तरार्द्ध में विवाह संबंधी परिचर्चा में आपको सफलता मिलेगी। कार्यों से जुड़े रहने की इच्छा होगी। कला, संगीत और आर्ट, कल्चर, मनोरंजन एवं फैशन से जुड़ी महिला जातकों के लिए भी पूरा साल फायदेमंद रहेगा। उपाय के तौर पर आप अपने आर्थिक भविष्य को सुधारने के लिए दीपावली के अवसर पर घर में श्रीयंत्र और मंगल यंत्र को एक साथ स्थापित कर सकते हैं। इसके अलावा मूंगा और मोती रत्न को चांदी या सोने में धारण कर सकते हैं। यदि निवेश या बचत करना चाहें, तो सरकारी एवं उच्च स्तर के कॉर्परट शेयर बाजार एवं म्यूचुअल फंड आदि में भी धन लगाकर लाभ अर्जित कर सकते हैं। जमीन जायदाद या जूलरी आदि के क्षेत्र में भी निवेश करने से युवा मिथुन जातकों को विशेष लाभ हो सकता है। आपके लिए शुभ महीने हैं नवंबर, दिसंबर, फरवरी, मार्च, मई, जून, जुलाई, सितंबर।
में सबसे अधिक अर्थ लाभ कमाने वाली मिथुन राशि का स्वामी ग्रह बुध इस महीने के अंत तक चौथे स्थान में चंद्रमा के साथ विचरण करेगा। चंद्रमा आपके लिए धन प्रदायक ग्रह है। वर्ष 2009 जातकों के परिश्रमपूर्ण इरादों से ओतप्रोत है और कोई बाधा न हो, तो अच्छे स्वास्थ्य और अच्छे खानपान के जरिए श्रेष्ठ सिद्धियां भी प्राप्त होंगी। व्यापारी वर्ग के लिए यह साल काफी फायदेमंद साबित होगा। कार्यक्षेत्र में तनाव कम होंगे। यदि मशीनरी, किराना या अनाज आदि का कारोबार होगा, तो साल के उत्तरार्द्ध में अच्छे लाभ मिलेंगे। तकनीकी तथा जोखिम भरे कामों से भी मिथुन राशि के जातक लाभान्वित होते हैं। सेवा कार्य, रखरखाव और एजंसी कार्यों से भी अच्छा लाभ मिलने के संकेत हैं। सर्राफा, खाद्यान्न, खानपान, फैशन, कपड़ा और यातायात, पर्यटन के कारोबार में लगे हुए मिथुन जातक इस वर्ष अप्रैल-जून के दौरान अच्छी कमाई करेंगे। महिला मिथुन जातकों के लिए इस साल का पूर्वार्द्ध बहुत ही उत्साहवर्धक परिणाम देगा। नवंबर-दिसंबर से लेकर मार्च-अप्रैल तक रोजगारपरक अवसर प्राप्त होंगे। संसाधनों के व्यवस्था संबंधी कार्य में आपकी सूझबूझ अत्यंत लाभदायक सिद्ध होगी। यात्रा आदि के अवसर मिलेंगे। यदि आप अविवाहित हैं, तो वर्ष के उत्तरार्द्ध में विवाह संबंधी परिचर्चा में आपको सफलता मिलेगी। कार्यों से जुड़े रहने की इच्छा होगी। कला, संगीत और आर्ट, कल्चर, मनोरंजन एवं फैशन से जुड़ी महिला जातकों के लिए भी पूरा साल फायदेमंद रहेगा। उपाय के तौर पर आप अपने आर्थिक भविष्य को सुधारने के लिए दीपावली के अवसर पर घर में श्रीयंत्र और मंगल यंत्र को एक साथ स्थापित कर सकते हैं। इसके अलावा मूंगा और मोती रत्न को चांदी या सोने में धारण कर सकते हैं। यदि निवेश या बचत करना चाहें, तो सरकारी एवं उच्च स्तर के कॉर्परट शेयर बाजार एवं म्यूचुअल फंड आदि में भी धन लगाकर लाभ अर्जित कर सकते हैं। जमीन जायदाद या जूलरी आदि के क्षेत्र में भी निवेश करने से युवा मिथुन जातकों को विशेष लाभ हो सकता है। आपके लिए शुभ महीने हैं नवंबर, दिसंबर, फरवरी, मार्च, मई, जून, जुलाई, सितंबर।
कर्कः शुरुआती महीने रहेंगे उतार-चढ़ाव भरे ( हु, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
राशि स्वामी
चंद्रमा महालक्ष्मी वर्ष के आरंभ के दिन चौथे भाव में बैठा है। कर्क राशि को नवंबर-दिसंबर से मार्च-अप्रैल 2009 तक अच्छा खासा लाभ अपने ही कार्यक्रम और उपक्रम के माध्यमों से हो जाएगा। युवा और प्रौढ़, कर्क जातक इस साल के अंत तक यानी सितंबर-अक्टूबर 2009 में जहां अच्छा खासा धनकोष प्राप्त करेंगे, वहीं मकान, वाहन और सुखद यात्राओं पर धन का निवेश करेंगे। वर्ष 2009 में जातकों को अपने चुने हुए कार्यक्षेत्र में अपार सफलता पाने के अवसर मिलेंगे। कर्क राशि के व्यापारी जातकों के लिए यह साल शुरुआत में कुछ उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा। नवंबर से जनवरी तक फायदा और नुकसान बराबर का रहेगा। यदि आप कोई पैतृक और पुश्तैनी कारोबार कर रहे हैं, तो आपको अपने बिज़नस में साल के आखिर में बदलाव लाने के लिए कुछ खर्च करना पड़ेगा। वैसे महालक्ष्मी की कृपा आप पर सदैव ही रहती है, अत: यही सोचकर चलें कि साल के अंत में जाकर कुछ ऐसा दौर आ सकता है कि आपका पूरा घाटा एकसाथ रिकवर हो जाए। महिलाओं के लिए यह पूरा साल विशेष लाभकारी सिद्ध होगा। नवंबर से दिसंबर के दौरान वस्त्र आभूषणों की प्राप्ति होगी। जुलाई-अगस्त 2009 के बाद जहां विशेष प्रकार की आजीविका मिलेगी वहीं कुछ अच्छे काम करने के नतीजे भी फायदेमंद साबित होंगे। कुछ जातकों को इस साल विशेष प्रयासों के बावजूद मनोवांछित लाभ की प्राप्ति होने में अड़चन आ सकती है। उन्हें यही सलाह दी जाती है कि वह अपनी व्यक्तिगत जन्मकुंडली या ग्रहदशा को सुधारने के लिए लक्ष्मी व्रत करें। इसके साथ ही चतुर्दशी और एकादशी के व्रत ऐसे जातकों के लिए लाभप्रद साबित होंगे। मंगल रत्न मूंगा और पुखराज धारण करने से भी मनोवांछित की प्राप्ति होगी। नए कारोबार आदि का जोखिम लेने की जरूरत नहीं है। लंबी अवधि के निवेश में भी पैसा लगाना हितकर नहीं होगा। जो कुछ भी काम आपको मिल रहा है उसे तन्मयता और ईमानदारी से करने से लाभ मार्ग की जल्दी ही शुरुआत हो जाएगी। इसके बावजूद अनेक जातक ऐसे भी होंगे, जिनका समय पूरी तरह साथ नहीं दे रहा होगा। उनको श्रीयंत्र, मंगल यंत्र का पूजन करना चाहिए और मोती तथा मूंगा धारण करना होगा।
चंद्रमा महालक्ष्मी वर्ष के आरंभ के दिन चौथे भाव में बैठा है। कर्क राशि को नवंबर-दिसंबर से मार्च-अप्रैल 2009 तक अच्छा खासा लाभ अपने ही कार्यक्रम और उपक्रम के माध्यमों से हो जाएगा। युवा और प्रौढ़, कर्क जातक इस साल के अंत तक यानी सितंबर-अक्टूबर 2009 में जहां अच्छा खासा धनकोष प्राप्त करेंगे, वहीं मकान, वाहन और सुखद यात्राओं पर धन का निवेश करेंगे। वर्ष 2009 में जातकों को अपने चुने हुए कार्यक्षेत्र में अपार सफलता पाने के अवसर मिलेंगे। कर्क राशि के व्यापारी जातकों के लिए यह साल शुरुआत में कुछ उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा। नवंबर से जनवरी तक फायदा और नुकसान बराबर का रहेगा। यदि आप कोई पैतृक और पुश्तैनी कारोबार कर रहे हैं, तो आपको अपने बिज़नस में साल के आखिर में बदलाव लाने के लिए कुछ खर्च करना पड़ेगा। वैसे महालक्ष्मी की कृपा आप पर सदैव ही रहती है, अत: यही सोचकर चलें कि साल के अंत में जाकर कुछ ऐसा दौर आ सकता है कि आपका पूरा घाटा एकसाथ रिकवर हो जाए। महिलाओं के लिए यह पूरा साल विशेष लाभकारी सिद्ध होगा। नवंबर से दिसंबर के दौरान वस्त्र आभूषणों की प्राप्ति होगी। जुलाई-अगस्त 2009 के बाद जहां विशेष प्रकार की आजीविका मिलेगी वहीं कुछ अच्छे काम करने के नतीजे भी फायदेमंद साबित होंगे। कुछ जातकों को इस साल विशेष प्रयासों के बावजूद मनोवांछित लाभ की प्राप्ति होने में अड़चन आ सकती है। उन्हें यही सलाह दी जाती है कि वह अपनी व्यक्तिगत जन्मकुंडली या ग्रहदशा को सुधारने के लिए लक्ष्मी व्रत करें। इसके साथ ही चतुर्दशी और एकादशी के व्रत ऐसे जातकों के लिए लाभप्रद साबित होंगे। मंगल रत्न मूंगा और पुखराज धारण करने से भी मनोवांछित की प्राप्ति होगी। नए कारोबार आदि का जोखिम लेने की जरूरत नहीं है। लंबी अवधि के निवेश में भी पैसा लगाना हितकर नहीं होगा। जो कुछ भी काम आपको मिल रहा है उसे तन्मयता और ईमानदारी से करने से लाभ मार्ग की जल्दी ही शुरुआत हो जाएगी। इसके बावजूद अनेक जातक ऐसे भी होंगे, जिनका समय पूरी तरह साथ नहीं दे रहा होगा। उनको श्रीयंत्र, मंगल यंत्र का पूजन करना चाहिए और मोती तथा मूंगा धारण करना होगा।
सिंहः लटके प्रोजेक्ट पकड़ सकते हैं रफ्तार ( मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
महालक्ष्मी वर्ष 2008-09 की कुंडली में आपकी राशि का स्वामी सूर्य तीसरे भाव से आकाशमंडल में विचरण कर रहा है और सायंकाल पूजा के समय चंद्रमा का योग भी पराक्रम यानी तीसरे भाव से हो रहा है। आपके लिए पिछले काफी समय से पड़े हुए कार्य गति पकड़ेंगे। नया वातावरण दिन-प्रतिदिन अनुकूल होता जाएगा। पुराने व्यापार के अलावा अनेक सिंह जातकों को नये उपक्रमों से भी सीधा लाभ होगा। आगामी वर्ष में नवंबर से दिसंबर तक सभी युवा प्रौढ़ कर्मठ सिंह जातकों पर धन की आवक का अच्छा दौर व्याप्त होगा। सभी प्रकार के स्थायी और अस्थायी उद्यम बिना किसी प्रतिरोध के लाभ देते रहेंगे। नौकर-चाकर और विश्वासी मित्रों के जरिए भी धन कमाने में मदद मिलेगी। यद्यपि संतान पक्ष के कारण अथवा दांपत्य जीवन के उतार-चढ़ाव के कारण जनवरी-फरवरी में कुछ अनावश्यक व्यय भी सामने आएंगे, परंतु कुल मिलाकर मार्च से अगस्त तक लगातार धन का स्त्रोत स्थायी कोष को मजबूत करता रहेगा। सितंबर से अक्टूबर तक अचल संपत्ति की खरीद-फरोख्त के कारण व्यय भार बढ़ेगा या फिर घर में किसी सदस्य के मांगलिक कार्य, विदेश यात्रा के चलते मामूली खर्च भी वहन करना होगा। जो सिंह जातक अभी अध्ययनरत हैं या फिर आजीविका की तलाश में हैं, उनके लिए वर्ष का उत्तरार्द्ध यानी अप्रैल-मई 2009 के बाद अवसर काफी अनुकूल और नियोजन कारक है। अनेक जातकों को अपने प्रभाव प्रतिष्ठा से राजनैतिक संपर्कों से या फिर जोखिम के जरिए भी धनलाभ के अवसर मिलेंगे। महिलाओं के लिए यह वर्ष बहुत ही उत्साहवर्धक और प्रेरणादायक रहेगा। जनवरी से अप्रैल के बीच में आपको पदोन्नति या प्रमोशन आदि मिलने का भी अवसर प्राप्त होगा। जो महिलाएं अपना ही निजी उद्यम कर रही हैं, उनके लिए भी यह साल फायदेमंद साबित होगा। कुछ सिंह जातकों को, जिनका समय अभी ठीक नहीं चल रहा है। उनको यही सलाह दी जाती है कि इस महालक्ष्मी पर्व के दौरान प्रदोषकाल में अपने कारोबार या घर पर श्रीयंत्र तथा महालक्ष्मी यंत्र और गणेश यंत्र की स्थापना करें। एक नवग्रह ताबीज को गले में धारण करें और संभव हो तो हर रविवार को खाने-पीने की सामग्री आदि का थोड़ा बहुत दान पुण्य करें । पन्ना या नीलम धारण करना भी उन जातकों को लाभप्रद रहेगा, जिनको बुध या शनि ग्रह की महादशा चल रही है।
कन्याः सोच-समझ कर खर्च करें पैसा ( पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
कन्
या राशि के लिए यह महालक्ष्मी वर्ष 2008-09 एक अच्छा खासा आर्थिक पैकिज लेकर आ रहा है। आकाशीय चक्र में राशि स्वामी बुध पहले स्थान पर चंद्रमा के साथ बैठा है। यह वर्ष आपके लिए अक्टूबर शेष से नवंबर तक अनेक प्रकार के स्त्रोतों से विपुल लाभ का प्रतीक बनेगा। यदि आप किसी नए व्यापार से जुड़े होंगे तो इस दीपावली के बाद धन की चतुर्दिक आवक बढ़ेगी। यही नहीं जो कन्या जातक अपने कला-कौशल अथवा तकनीकी ज्ञान का सहारा लेकर धन कमाना चाहते हैं, उनको भी बेहतर अवसर नवंबर से दिसंबर के मध्य आ रहे हैं। प्रौढ़ और वरिष्ठ कन्या जातकों के लिए यह साल अपनी जमा पूंजी को सही तरीके से उपयोग में लाने के लिए सावधानी की चेतावनी देता है। इसलिए ऐसे संदर्भ या घटनाक्रम नहीं उलझें, जिसमें आपका अनुभव और ज्ञान अपरिपक्व हो। कुछ वरिष्ठ कन्या जातकों के लिए यह महालक्ष्मी वर्ष कुछ आर्थिक परेशानियों से भरा हुआ हो सकता है। इसका मुख्य कारण जहां शनि की साढ़े साती का असर है वहीं पारिवारिक उत्तरदायित्व और संतान पक्ष की जिम्मेदारी भी आपके ऊपर आ सकती है। कन्या राशि की महिलाओं के लिए यह वर्ष स्वरोजगार के क्षेत्र में बहुत ही कामयाबी देने वाला होगा। पार्टनरशिप या फिर सहायक उद्योग व्यापार में पांव जमाने में आपको ज्यादा समय नहीं लगेगा। आप एक अच्छी बिज़नसमैन साबित हो सकती हैं।यदि आपके पास कोई हुनर कला या प्रफेशनल डिग्री है, तो आप अपने बलबूते पर ही धन कमाने में सफल हो सकती हैं। कुछ कन्या जातकों के लिए शनि की साढ़ेसाती के कारण समय का दौर बहुत ज्यादा लाभप्रद नहीं चल रहा है। इसके लिए उन्हें शनि और राहु-केतु की मुकम्मल शांति करवानी चाहिए। इसके लिए गोमेद, लहसुनिया और नीलम आदि रत्न भी जांच परख कर धारण किए जा सकते हैं। शनि यंत्र और मंगल यंत्र की पूजा करना और अर्द्धरात्रि के समय दीपावली के दिन महालक्ष्मी मंत्र का जाप करना भी आपके लिए मनोकामना पूरक हो सकता है।
या राशि के लिए यह महालक्ष्मी वर्ष 2008-09 एक अच्छा खासा आर्थिक पैकिज लेकर आ रहा है। आकाशीय चक्र में राशि स्वामी बुध पहले स्थान पर चंद्रमा के साथ बैठा है। यह वर्ष आपके लिए अक्टूबर शेष से नवंबर तक अनेक प्रकार के स्त्रोतों से विपुल लाभ का प्रतीक बनेगा। यदि आप किसी नए व्यापार से जुड़े होंगे तो इस दीपावली के बाद धन की चतुर्दिक आवक बढ़ेगी। यही नहीं जो कन्या जातक अपने कला-कौशल अथवा तकनीकी ज्ञान का सहारा लेकर धन कमाना चाहते हैं, उनको भी बेहतर अवसर नवंबर से दिसंबर के मध्य आ रहे हैं। प्रौढ़ और वरिष्ठ कन्या जातकों के लिए यह साल अपनी जमा पूंजी को सही तरीके से उपयोग में लाने के लिए सावधानी की चेतावनी देता है। इसलिए ऐसे संदर्भ या घटनाक्रम नहीं उलझें, जिसमें आपका अनुभव और ज्ञान अपरिपक्व हो। कुछ वरिष्ठ कन्या जातकों के लिए यह महालक्ष्मी वर्ष कुछ आर्थिक परेशानियों से भरा हुआ हो सकता है। इसका मुख्य कारण जहां शनि की साढ़े साती का असर है वहीं पारिवारिक उत्तरदायित्व और संतान पक्ष की जिम्मेदारी भी आपके ऊपर आ सकती है। कन्या राशि की महिलाओं के लिए यह वर्ष स्वरोजगार के क्षेत्र में बहुत ही कामयाबी देने वाला होगा। पार्टनरशिप या फिर सहायक उद्योग व्यापार में पांव जमाने में आपको ज्यादा समय नहीं लगेगा। आप एक अच्छी बिज़नसमैन साबित हो सकती हैं।यदि आपके पास कोई हुनर कला या प्रफेशनल डिग्री है, तो आप अपने बलबूते पर ही धन कमाने में सफल हो सकती हैं। कुछ कन्या जातकों के लिए शनि की साढ़ेसाती के कारण समय का दौर बहुत ज्यादा लाभप्रद नहीं चल रहा है। इसके लिए उन्हें शनि और राहु-केतु की मुकम्मल शांति करवानी चाहिए। इसके लिए गोमेद, लहसुनिया और नीलम आदि रत्न भी जांच परख कर धारण किए जा सकते हैं। शनि यंत्र और मंगल यंत्र की पूजा करना और अर्द्धरात्रि के समय दीपावली के दिन महालक्ष्मी मंत्र का जाप करना भी आपके लिए मनोकामना पूरक हो सकता है।
तुला: क्रेडिट कार्ड के सहारे न दिखाएं शान (री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
महालक्ष्मी वर्ष के दौरान आपकी राशि का स्वामी शुक्र आपके दूसरे भाव में वृश्चिक राशि में ही चल रहे हैं। सूर्य और मंगल आपकी राशि में योग कर रहे हैं। बुध और चन्द्रमा बारहवें भाव में तथा शनि ग्यारहवें भाव में और गुरू तीसरे भाव, राहु चौथे भाव तथा केतु की स्थिति दशम भाव में है । धन सम्पदा के भाव में शुक्र बैठा है, जबकि रोज़गार और करोबार का स्वामी चंद्रमा भाग्येश बुध के साथ बारहवें भाव में बैठा है।
आपकी राशि वर्ष 2008 और 2009 उतना सहज और आसान नहीं रहेगा, जितना आपको प्रतीत हो रहा है। कई बातें आपके प्रतिकूल जा रही हैं। एक तो राशि पर चल रहा सूर्य और मंगल का योग आपको सरकार तथा नियम कानून के खतरे और प्रतिबंध से आगाह कर रहा है। यदि आप खुलकर काम करना चाह रहे हैं या व्यापार करने की इच्छा है तो उस दौरान भी आपके लिए रास्ते बहुत ही कठिन हैं।
एक तरफ जहां आर्थिक पक्ष की चौकन्नी नज़र आपको बांधे हुए रहेगी। दूसरी तरफ धीरे-धीरे आगे बढ़ता हुआ व्यापार आपके धैर्य की परीक्षा ले रहा है। यदि आपने कहीं पर भी कोई गलती या चूक कर दी तो आपको इसका भारी दण्ड चुकाना पड़ सकता है। किसी दूसरे क्षेत्र से क्षतिपूर्ति की गुंजाइश इस साल तुला राशि को नहीं हो पाएगी। कहने का अभिप्राय यह है कि अगर उन्होंने साग-सब्जी बेचकर अपना गुजारा चलाया है तो अभी भी उन्हें उसी अनुपात से साग-सब्जी का ही कारोबार करना पड़ेगा।
युवा वर्ग में एक समुदाय ऐसा भी है, जो बहुत ही मूल्यवान सौदे में धन लगाकर अपना कारोबार कर रहा है। आने वाले महीने आपको यथेष्ट धन धान्य से परिपूर्ण करने में सक्षम हो रहे हैं। व्यय स्थान का बुध, जहां कुछ विवादग्रस्त मामलों को निबटा सकता है, वहीं गुप्त लाभ के तरीके से भी आपको मालामाल करने में सक्षम है। किसी कारण कोई मामला आर्थिक दंड की प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ सकता है। परंतु सभी तुला जातकों के मामले में यह विचारणीय नहीं है।
तुला राशि व्यापार जगत की नायक राशि है। या तो उच्चस्तरीय बौद्धिक कार्य या फिर अच्छे स्तर का व्यापार करना इस राशि का परम धर्म है। कोई भी तुला जातक, चाहे वह नौकरी आजीविका करे या फिर व्यापार, कभी धन के अभाव में विपन्नता का शिकार नहीं हुआ है। यदि कुछ भी कर सकने की क्षमता उसमें है, तो अवश्य ही लक्ष्मी का वरदहस्त उसके सिर पर सदैव रहता है। यही स्थिति इस साल नवंबर से दिसंबर तक व्यापार विशेषकर गल्ला, किराना, दलहन या फिर सोना-चांदी या धातु, शेयर बाजार आदि से जुड़े तुला जातकों पर लागू होती है। जनवरी से मार्च 2009 तक अनेक जातकों को व्यापार या अन्य व्यापरिक गतिविधियों से अपार लाभ हो रहा है।
युवा और प्रौढ़ तुला जातकों के लिए यह साल आजीविका में बहुत ही कठिन परिश्रम और उतार चढ़ाव से भरा हो सकता है। जो कुछ भी आपको अपने भरण पोषण और वेतन आदि के रूप में मिल रहा है, उसको सही तरीके से उपयोग में लाने की जरूरत होगी। रिस्क और जोखिम से भरा हुआ कोई कदम उठाना आपको महंगा पड़ सकता है। यही स्थिति तुला राशि के व्यापारियों के लिए भी लागू होती है। बार-बार व्यापार को बदलना या उसमें काट छांट करना आपके लिए फायदेमंद नहीं है।
जो तुला राशि के जातक प्रबंधन विपणन एवं कमीशन आदि के कारोबार में जुड़े हैं या फिर डॉक्टरी वकालत और मीडिया के क्षेत्र में कारोबार कर रहे हैं, उनके लिए अच्छी खबर यह है कि वर्ष 2009 के उत्तरार्ध में विशेष अवसर और उपलब्धियां मिल सकती हैं। सर्राफा सोना-चांदी, धातु, पदार्थ निर्माण कार्य लोहा, सीमेंट अथवा खाद्यान एवं कृषि कार्यों से जुड़े हुए तुला राशि के जातकों को सारा साल नफे नुकसान का प्रभाव दे सकता है। ऐसे समय में यही जरूरी है कि आप धैर्य रखें तथा अपने सम्पर्क सूत्रों को खराब नहीं करें।
अधिक कर्ज या लोन ब्याज के चक्कर में नहीं पड़ें। यदि आपकी कारोबार की स्थिति कुछ मंदी का सामना कर भी रही हो तो यह भरोसा रखें कि नवंबर उत्तरार्ध , दिसंबर, फरवरी, मार्च तथा जुलाई अगस्त 2009 के महीने आपके लिए नुकसान की भरपाई करने में समर्थ होंगे।
तुला महिलाओं के लिए वर्ष 2009 का महालक्ष्मी वर्ष काफी खर्चीला और आर्थिक उतार चढ़ाव से भरा रहेगा। आपकी आर्थिक सोच के जो भी साधन हैं, उनकी समीक्षा बहुत जरूरी है। यदि आप नौकरीपेशा हैं तो अपनी ज़रूरत से ज्यादा खर्च करना आपके लिए नुकसानदेह साबित होगा। अधिक धन के लालच में कोई निवेश करना या जायदाद प्रॉपर्टी की खरीद करना अथवा उधार देकर ब्याज आदि की प्राप्ति की आशा रखना भी आपके लिए फायदेमंद नहीं रहेगी।
हो सकता है इस दौर में अगर आप किफायत और संकोच के साथ अपने हाथ को आगे बढाएंगे तो वर्ष के उत्तरार्ध में आपकी आर्थिक समस्या अपने आप ही हल हो जाएगी। वैसे तो आपको अपने परिजनों का पूरा सहयोग मिलेगा, लेकिन कभी-कभी ऐसा भी लगेगा कि जिनके लिए आप अपना तन मन धन न्योछावर कर रही हैं वही आपके लिए आर्थिक समस्या का कारण बन रहे हैं। इन सब मामलों में शनि की भूमिका भी बहुत ही गंभीरता से विचारनी होगी। यदि आप ग्रहों की चाल पर आस्था रखती हैं तो शनिवार के दिन दान-पुण्य की कोशिश करें।
जिन महानुभाव के लिए यह आर्थिक वर्ष अधिक संतोषप्रद नहीं है, उन्हें उतावली और जल्दबाजी से बचना चाहिए। ताव में आकर कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे कर्ज और ऋण का बोझ बढ़ जाए । शान शौकत या बाहरी दिखावे से बचना होगा। शनि की शान्ति के लिए माणिक और गोमेद को अलग-अलग धातुओं में डाल कर धारण करें। गणेश चतुर्थी और अमावस्या का व्रत रखना भी आपके लिए संकटमोचक हो सकता है।
आपकी राशि वर्ष 2008 और 2009 उतना सहज और आसान नहीं रहेगा, जितना आपको प्रतीत हो रहा है। कई बातें आपके प्रतिकूल जा रही हैं। एक तो राशि पर चल रहा सूर्य और मंगल का योग आपको सरकार तथा नियम कानून के खतरे और प्रतिबंध से आगाह कर रहा है। यदि आप खुलकर काम करना चाह रहे हैं या व्यापार करने की इच्छा है तो उस दौरान भी आपके लिए रास्ते बहुत ही कठिन हैं।
एक तरफ जहां आर्थिक पक्ष की चौकन्नी नज़र आपको बांधे हुए रहेगी। दूसरी तरफ धीरे-धीरे आगे बढ़ता हुआ व्यापार आपके धैर्य की परीक्षा ले रहा है। यदि आपने कहीं पर भी कोई गलती या चूक कर दी तो आपको इसका भारी दण्ड चुकाना पड़ सकता है। किसी दूसरे क्षेत्र से क्षतिपूर्ति की गुंजाइश इस साल तुला राशि को नहीं हो पाएगी। कहने का अभिप्राय यह है कि अगर उन्होंने साग-सब्जी बेचकर अपना गुजारा चलाया है तो अभी भी उन्हें उसी अनुपात से साग-सब्जी का ही कारोबार करना पड़ेगा।
युवा वर्ग में एक समुदाय ऐसा भी है, जो बहुत ही मूल्यवान सौदे में धन लगाकर अपना कारोबार कर रहा है। आने वाले महीने आपको यथेष्ट धन धान्य से परिपूर्ण करने में सक्षम हो रहे हैं। व्यय स्थान का बुध, जहां कुछ विवादग्रस्त मामलों को निबटा सकता है, वहीं गुप्त लाभ के तरीके से भी आपको मालामाल करने में सक्षम है। किसी कारण कोई मामला आर्थिक दंड की प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ सकता है। परंतु सभी तुला जातकों के मामले में यह विचारणीय नहीं है।
तुला राशि व्यापार जगत की नायक राशि है। या तो उच्चस्तरीय बौद्धिक कार्य या फिर अच्छे स्तर का व्यापार करना इस राशि का परम धर्म है। कोई भी तुला जातक, चाहे वह नौकरी आजीविका करे या फिर व्यापार, कभी धन के अभाव में विपन्नता का शिकार नहीं हुआ है। यदि कुछ भी कर सकने की क्षमता उसमें है, तो अवश्य ही लक्ष्मी का वरदहस्त उसके सिर पर सदैव रहता है। यही स्थिति इस साल नवंबर से दिसंबर तक व्यापार विशेषकर गल्ला, किराना, दलहन या फिर सोना-चांदी या धातु, शेयर बाजार आदि से जुड़े तुला जातकों पर लागू होती है। जनवरी से मार्च 2009 तक अनेक जातकों को व्यापार या अन्य व्यापरिक गतिविधियों से अपार लाभ हो रहा है।
युवा और प्रौढ़ तुला जातकों के लिए यह साल आजीविका में बहुत ही कठिन परिश्रम और उतार चढ़ाव से भरा हो सकता है। जो कुछ भी आपको अपने भरण पोषण और वेतन आदि के रूप में मिल रहा है, उसको सही तरीके से उपयोग में लाने की जरूरत होगी। रिस्क और जोखिम से भरा हुआ कोई कदम उठाना आपको महंगा पड़ सकता है। यही स्थिति तुला राशि के व्यापारियों के लिए भी लागू होती है। बार-बार व्यापार को बदलना या उसमें काट छांट करना आपके लिए फायदेमंद नहीं है।
जो तुला राशि के जातक प्रबंधन विपणन एवं कमीशन आदि के कारोबार में जुड़े हैं या फिर डॉक्टरी वकालत और मीडिया के क्षेत्र में कारोबार कर रहे हैं, उनके लिए अच्छी खबर यह है कि वर्ष 2009 के उत्तरार्ध में विशेष अवसर और उपलब्धियां मिल सकती हैं। सर्राफा सोना-चांदी, धातु, पदार्थ निर्माण कार्य लोहा, सीमेंट अथवा खाद्यान एवं कृषि कार्यों से जुड़े हुए तुला राशि के जातकों को सारा साल नफे नुकसान का प्रभाव दे सकता है। ऐसे समय में यही जरूरी है कि आप धैर्य रखें तथा अपने सम्पर्क सूत्रों को खराब नहीं करें।
अधिक कर्ज या लोन ब्याज के चक्कर में नहीं पड़ें। यदि आपकी कारोबार की स्थिति कुछ मंदी का सामना कर भी रही हो तो यह भरोसा रखें कि नवंबर उत्तरार्ध , दिसंबर, फरवरी, मार्च तथा जुलाई अगस्त 2009 के महीने आपके लिए नुकसान की भरपाई करने में समर्थ होंगे।
तुला महिलाओं के लिए वर्ष 2009 का महालक्ष्मी वर्ष काफी खर्चीला और आर्थिक उतार चढ़ाव से भरा रहेगा। आपकी आर्थिक सोच के जो भी साधन हैं, उनकी समीक्षा बहुत जरूरी है। यदि आप नौकरीपेशा हैं तो अपनी ज़रूरत से ज्यादा खर्च करना आपके लिए नुकसानदेह साबित होगा। अधिक धन के लालच में कोई निवेश करना या जायदाद प्रॉपर्टी की खरीद करना अथवा उधार देकर ब्याज आदि की प्राप्ति की आशा रखना भी आपके लिए फायदेमंद नहीं रहेगी।
हो सकता है इस दौर में अगर आप किफायत और संकोच के साथ अपने हाथ को आगे बढाएंगे तो वर्ष के उत्तरार्ध में आपकी आर्थिक समस्या अपने आप ही हल हो जाएगी। वैसे तो आपको अपने परिजनों का पूरा सहयोग मिलेगा, लेकिन कभी-कभी ऐसा भी लगेगा कि जिनके लिए आप अपना तन मन धन न्योछावर कर रही हैं वही आपके लिए आर्थिक समस्या का कारण बन रहे हैं। इन सब मामलों में शनि की भूमिका भी बहुत ही गंभीरता से विचारनी होगी। यदि आप ग्रहों की चाल पर आस्था रखती हैं तो शनिवार के दिन दान-पुण्य की कोशिश करें।
जिन महानुभाव के लिए यह आर्थिक वर्ष अधिक संतोषप्रद नहीं है, उन्हें उतावली और जल्दबाजी से बचना चाहिए। ताव में आकर कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे कर्ज और ऋण का बोझ बढ़ जाए । शान शौकत या बाहरी दिखावे से बचना होगा। शनि की शान्ति के लिए माणिक और गोमेद को अलग-अलग धातुओं में डाल कर धारण करें। गणेश चतुर्थी और अमावस्या का व्रत रखना भी आपके लिए संकटमोचक हो सकता है।
वृश्चिक: खूब कमाएंगे और खूब ही खर्च करेंगे ( ना , नी , नू , ने , नो , या , यी , यू )
इस वर्ष महालक्ष्मी वर्ष 2008-09 के दौरान आपकी राशि का स्वामी मंगल बारहवें भाव से विचरण कर रहा है। इसके साथ ही व्यय भाव में सूर्य, मंगल और लाभ भाव में बुध और चंद्रमा की स्थिति आपके इर्द-गिर्द के जंजाल को भी उजागर कर रही है, जहां पर विशेष प्रयास करने और अपने पीछे के झंझटों को दूर करने के लिए उन आर्थिक कार्यक्रमों को हाथ में लेने को तैयार है। आपका जीवन एक नए संपदा क्षेत्र की ओर अग्रसर होगा, शनि आपके कर्म स्थान में बृहस्पति धन भाव में तथा राहु तीसरे और नवें भाव में रहने से यह साल आपको खूब कमाओ और खूब खर्च करो की नसीहत दे रहा है।
पिछले काफी समय से अनेक जातकों को जहां अस्तित्व की लड़ाई लड़ना मजबूरी हो रहा है, वहां प्रयास करने पर आय के स्रोत धारा-प्रवाह नहीं हो पा रहे हैं। परंतु इस महालक्ष्मी वर्ष के दौरान एक नए संकल्प के साथ आप अपनी क्षमता और शक्ति के अनुकूल कार्य करते हुए काफी हद तक सफल होने की आशा रख सकते हैं। मंगल ग्रह चूंकि साहस और आशा का प्रतीक ग्रह है, अतः हार जाने के बाद भी खेल को जारी रखना आपकी फितरत है। यही अप्रतिम साहस आपके जीवन में अपनी वांछित जरूरतों को पूरा करा देने में सहायक भी होता है।
इस महालक्ष्मी वर्ष का आगाज़ चाहे जितना कठोर हो, परंतु अंजाम काफी हद तक अच्छा ही होगा। कुछ ऐसे कार्य भी आप कर सकते हैं, जो आपके व्यवहार और बुद्धि से एकदम विपरीत हो। अनुभवहीन और अकुशल होते हुए भी आप कुछ न कुछ करने को उतारू रहेंगे, जिसके चलते नवंबर दिसंबर में दौड़भाग बढ़ेगी और कुछ ऋण या उधार भी लेना वाजिब हो जाएगा। बृहस्पति आपके धन स्थान और बुध लाभ स्थान का प्रतीक ग्रह है।
इन दोनों का संचार आपकी राशि पर वर्ष 2009 पर होगा। कुछ अच्छे लोगों के प्रयास से मित्रों से बंधुजनों या सखा मित्रों के सहयोग से आपको सारे साल धन कमाने का मौका मिलता रहेगा। राहुकेतु आपके अनुकूल रहेंगे, भाग्य स्थान यानी नवम भाव शनि रूकावट डाल सकता है। लोहा मशीनरी और शनिकारक वस्तुओं से हानि हो सकती है। लेकिन, जमीन-जायदाद , प्रॉपर्टी तथा कमीशन एवं अन्य एजंसी कार्य आपके भाग्य को खोलने में सहायक सिद्ध होंगे।
प्रौढ़ और वरिष्ठ वृश्चिक जातकों के लिए यह साल अपनी जमापूंजी को सही तरीके से उपयोग में लाने के लिए सावधानी की चेतावनी देता है। इसलिए, ऐसे संदर्भ या घटनाक्रम में नहीं उलझें, जिसमें आपका अनुभव और ज्ञान अपरिपक्व हो। आप पर सामाजिक और पारिवारिक उत्तरदायित्व भी बने रहेंगे। बच्चों की शादी-विवाह, आवास, वाहन आदि में खर्च हो सकता है। यदि आप जोड़-तोड़ और युक्ति से काम लेंगे तो कई नाजायज़ खर्चे आपके लिए धन संचय का कारण बन सकते हैं।
यदि आप कोई छोटा-मोटा रोज़गार या कारोबार करने की सोच रहे हैं, तो उसमें भी आप अपने आपको भागीदार अवश्य बनाएं, लेकिन यह भी समझें कि ऐसा कार्यक्षेत्र या व्यापार आपके लिए आगे चलकर बोझ न बन जाए। आपको यह भी ध्यान रखना है कि वर्ष 2008 और 2009 विश्वव्यापी मंदी की चपेट में है। यदि आपने कोई भी कदम गलत उठा लिया या कोई भी कार्य बिना परिणाम जांच ही शुरू कर दिए, तो निश्चित समझें कि आपकी वही गति होगी, जो एक तपते रेगिस्तान में आसमान से गिरे पक्षी की होती है।
आपको यह समझ रहती है कि जो भी जमापूंजी है आपके पास, वह प्यास बुझाने का एक अक्षय जल स्रोत है। अतः यह महालक्ष्मी वर्ष आपको इस बात से आगाह कर रहा है कि जिस धंधे में औरों को फायदा होता है, उसी धंधे में आपको भी फायदा हो यह जरूरी नहीं है। यदि आपको छोटे से काम में फायदा हो रहा है, तो आप उसी काम पर टिके रहें और अपनी लाइन नहीं बदलें।
महिला वृश्चिक जातकों के लिए यह साल उनके एजुकेशन और करियर को चमकाने में विशेष योगदान देगा। शनि की साढ़ेसाती उनके लिए जहां रोजगार प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होगी, वहीं उनकी कर्मठता और जाग्रत बौद्धिक क्षमता उन्हें जल्द ही आगे बढ़ाने में मदद करेगी। उन्हें सरकारी या गैरसरकारी क्षेत्र से आकर्षक पैकिज या ऑफर भी मिल सकते हैं। यद्यपि अपने काम को पूरी तरह निभाने में कभी-कभी कुछ कठिनाइयां भी आएंगी, लेकिन उन्हें यही सोच कर धैर्य रखना होगा कि हमेशा ही ऐसा तनावपूर्ण दौर नहीं रहेगा।
अपने परिजनों और परिवार के लोगों पर उन्हें विशेष खर्च करने का साहस रखना होगा और यही सोचकर अपना सहयोग देना होगा कि परिवार की भलाई में ही उनकी भलाई भी है। अनेक युवा वृश्चिक जातकों को इस वर्ष मांगलिक और शुभकार्यों में भी सफलता मिल सकती है और वातावरण का बदलाव उन्हें नए आर्थिक परिवेश में ले जा सकता है।
ऐसे भी अनेक वृश्चिक जातक होंगे, जिन्हें या तो नौकरी मिलने में कठिनाई हो रही हो या फिर अपना व्यापार या कारोबार जमाने में दिक्कतें आ रही हैं। कुछ ऐसे महानुभाव भी होंगे जो पिछले कई वर्षों से आर्थिक लाभ के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यदि उन्हें अभी भी समय प्रतिकूल नजर आ रहा हो, तो उन्हें तत्काल ही एक अच्छे स्तर का पन्ना, रत्न धारण करना चाहिए । उन्हें यह भी देखना होगा कि अपने कार्यक्षेत्र या व्यापार में तत्पर होकर दिनरात मेहनत करें ।
मौज-मस्ती या लापरवाही उन्हें और भी नुकसान की ओर ले जा सकती है। अपने क्षमता और शक्ति के बीच संतुलन बनाते हुए यदि वे सोमवार या शनिवार को उपवास रखेंगे तो उनका धन लाभ का रास्ता स्वतः ही खुल जाएगा। सभी दिन एक समान नहीं रहते हैं, अतः इस शुरुआती दौर में जो कुछ भी घट रहा है इससे घबराना नहीं चाहिए । शनि के उपचार के लिए शनि का जपदान, शनि यंत्र की पूजा और दीपावली के दिन लक्ष्मी गणेश यंत्र की स्थापना करना लाभप्रद रहेगा।
पिछले काफी समय से अनेक जातकों को जहां अस्तित्व की लड़ाई लड़ना मजबूरी हो रहा है, वहां प्रयास करने पर आय के स्रोत धारा-प्रवाह नहीं हो पा रहे हैं। परंतु इस महालक्ष्मी वर्ष के दौरान एक नए संकल्प के साथ आप अपनी क्षमता और शक्ति के अनुकूल कार्य करते हुए काफी हद तक सफल होने की आशा रख सकते हैं। मंगल ग्रह चूंकि साहस और आशा का प्रतीक ग्रह है, अतः हार जाने के बाद भी खेल को जारी रखना आपकी फितरत है। यही अप्रतिम साहस आपके जीवन में अपनी वांछित जरूरतों को पूरा करा देने में सहायक भी होता है।
इस महालक्ष्मी वर्ष का आगाज़ चाहे जितना कठोर हो, परंतु अंजाम काफी हद तक अच्छा ही होगा। कुछ ऐसे कार्य भी आप कर सकते हैं, जो आपके व्यवहार और बुद्धि से एकदम विपरीत हो। अनुभवहीन और अकुशल होते हुए भी आप कुछ न कुछ करने को उतारू रहेंगे, जिसके चलते नवंबर दिसंबर में दौड़भाग बढ़ेगी और कुछ ऋण या उधार भी लेना वाजिब हो जाएगा। बृहस्पति आपके धन स्थान और बुध लाभ स्थान का प्रतीक ग्रह है।
इन दोनों का संचार आपकी राशि पर वर्ष 2009 पर होगा। कुछ अच्छे लोगों के प्रयास से मित्रों से बंधुजनों या सखा मित्रों के सहयोग से आपको सारे साल धन कमाने का मौका मिलता रहेगा। राहुकेतु आपके अनुकूल रहेंगे, भाग्य स्थान यानी नवम भाव शनि रूकावट डाल सकता है। लोहा मशीनरी और शनिकारक वस्तुओं से हानि हो सकती है। लेकिन, जमीन-जायदाद , प्रॉपर्टी तथा कमीशन एवं अन्य एजंसी कार्य आपके भाग्य को खोलने में सहायक सिद्ध होंगे।
प्रौढ़ और वरिष्ठ वृश्चिक जातकों के लिए यह साल अपनी जमापूंजी को सही तरीके से उपयोग में लाने के लिए सावधानी की चेतावनी देता है। इसलिए, ऐसे संदर्भ या घटनाक्रम में नहीं उलझें, जिसमें आपका अनुभव और ज्ञान अपरिपक्व हो। आप पर सामाजिक और पारिवारिक उत्तरदायित्व भी बने रहेंगे। बच्चों की शादी-विवाह, आवास, वाहन आदि में खर्च हो सकता है। यदि आप जोड़-तोड़ और युक्ति से काम लेंगे तो कई नाजायज़ खर्चे आपके लिए धन संचय का कारण बन सकते हैं।
यदि आप कोई छोटा-मोटा रोज़गार या कारोबार करने की सोच रहे हैं, तो उसमें भी आप अपने आपको भागीदार अवश्य बनाएं, लेकिन यह भी समझें कि ऐसा कार्यक्षेत्र या व्यापार आपके लिए आगे चलकर बोझ न बन जाए। आपको यह भी ध्यान रखना है कि वर्ष 2008 और 2009 विश्वव्यापी मंदी की चपेट में है। यदि आपने कोई भी कदम गलत उठा लिया या कोई भी कार्य बिना परिणाम जांच ही शुरू कर दिए, तो निश्चित समझें कि आपकी वही गति होगी, जो एक तपते रेगिस्तान में आसमान से गिरे पक्षी की होती है।
आपको यह समझ रहती है कि जो भी जमापूंजी है आपके पास, वह प्यास बुझाने का एक अक्षय जल स्रोत है। अतः यह महालक्ष्मी वर्ष आपको इस बात से आगाह कर रहा है कि जिस धंधे में औरों को फायदा होता है, उसी धंधे में आपको भी फायदा हो यह जरूरी नहीं है। यदि आपको छोटे से काम में फायदा हो रहा है, तो आप उसी काम पर टिके रहें और अपनी लाइन नहीं बदलें।
महिला वृश्चिक जातकों के लिए यह साल उनके एजुकेशन और करियर को चमकाने में विशेष योगदान देगा। शनि की साढ़ेसाती उनके लिए जहां रोजगार प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होगी, वहीं उनकी कर्मठता और जाग्रत बौद्धिक क्षमता उन्हें जल्द ही आगे बढ़ाने में मदद करेगी। उन्हें सरकारी या गैरसरकारी क्षेत्र से आकर्षक पैकिज या ऑफर भी मिल सकते हैं। यद्यपि अपने काम को पूरी तरह निभाने में कभी-कभी कुछ कठिनाइयां भी आएंगी, लेकिन उन्हें यही सोच कर धैर्य रखना होगा कि हमेशा ही ऐसा तनावपूर्ण दौर नहीं रहेगा।
अपने परिजनों और परिवार के लोगों पर उन्हें विशेष खर्च करने का साहस रखना होगा और यही सोचकर अपना सहयोग देना होगा कि परिवार की भलाई में ही उनकी भलाई भी है। अनेक युवा वृश्चिक जातकों को इस वर्ष मांगलिक और शुभकार्यों में भी सफलता मिल सकती है और वातावरण का बदलाव उन्हें नए आर्थिक परिवेश में ले जा सकता है।
ऐसे भी अनेक वृश्चिक जातक होंगे, जिन्हें या तो नौकरी मिलने में कठिनाई हो रही हो या फिर अपना व्यापार या कारोबार जमाने में दिक्कतें आ रही हैं। कुछ ऐसे महानुभाव भी होंगे जो पिछले कई वर्षों से आर्थिक लाभ के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यदि उन्हें अभी भी समय प्रतिकूल नजर आ रहा हो, तो उन्हें तत्काल ही एक अच्छे स्तर का पन्ना, रत्न धारण करना चाहिए । उन्हें यह भी देखना होगा कि अपने कार्यक्षेत्र या व्यापार में तत्पर होकर दिनरात मेहनत करें ।
मौज-मस्ती या लापरवाही उन्हें और भी नुकसान की ओर ले जा सकती है। अपने क्षमता और शक्ति के बीच संतुलन बनाते हुए यदि वे सोमवार या शनिवार को उपवास रखेंगे तो उनका धन लाभ का रास्ता स्वतः ही खुल जाएगा। सभी दिन एक समान नहीं रहते हैं, अतः इस शुरुआती दौर में जो कुछ भी घट रहा है इससे घबराना नहीं चाहिए । शनि के उपचार के लिए शनि का जपदान, शनि यंत्र की पूजा और दीपावली के दिन लक्ष्मी गणेश यंत्र की स्थापना करना लाभप्रद रहेगा।
मकर:कारोबार से अच्छा-खासा लाभ ( जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
इस महालक्ष्मी वर्ष 2008-09 में गोचर का राहु , लग्न भाव से विचरण कर रहा है। सूर्य और मंगल दशम भाव से विचरण कर रहा है और साथ में बुध और चंद्रमा भी नवमभाव से आपके भाग्य योग को प्रबल कर रहा है। फिलहाल गुरू बाहरवें भाव में बैठे हैं, लेकिन ठीक एक-डेढ़ महीने के बाद वह आपकी राशि में प्रवेश करेंगे। शुक्र एकादश में और शनि अष्टम भाव में सारे साल आपके लिए धन कमाने के अच्छे-अच्छे तौर तरीके पेश करेगा। केतु सप्तम भाव में रहेगा। कुल मिलाकर राहु इस साल अच्छी अर्थव्यवस्था को सूचित कर रहा है, जबकि दशम का सूर्य मंगल आपके नेक कार्यों को आगे बढ़ाने में तत्पर रहेगा। मंगल की वजह से ही आपके अंदर साहस, शौर्य और हिम्मत का संचार होगा। आपकी आधी ताकत मंगल है। जिस बदौलत आप चारों तरफ चैकन्ने और मैदान में बहादुर सिपाही की तरह डटे रहेंगे। चंद्रमा और बुध जब भाग्य स्थान में रहते हैं, तो किस्मत के चमकने में देर नहीं लगती। लेकिन, यह किस्मत बहुत लंबे दौर तक चमकती नहीं रहेगी। चंद्रमा और बुध कुछ ऐसे काम करा जाते हैं, जब आपकी ख्याति और सम्मान में वृद्धि होने लगेगी। साथ ही आपके चहेते मित्र भाई-बहन और निकट संबंधी भी आपके लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहेंगे। द्वादश का शुक्र और भाग्य स्थान का मंगल भी एक नहीं, बल्कि अनेक स्रोतों से धन-लाभ का पर्याय बन रहा है। जिन जातकों को शनि और बृहस्पति योग कारक है, उनको विशेष तौर पर आजीविका के जरिए अच्छा धन लाभ मिलता है। अनेक जातकों के अपने स्वजनों और परिजनों के जरिए भी पारिवारिक अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का अवसर मिलेगा। अपने साथ-साथ पत्नी और संतान के भाग्योदय के माध्यम से भी इस राशि का आर्थिक स्तर उन्नत होगा। मकर राशि वाले धन कमाने के मामले में काफी कर्मठ और किफायत से चलने वाले होते हैं। अपने मूलभूत जरूरतों के अलावा फिजूलखर्ची से सदैव दूर ही रहते हैं, परंतु अनेक मकर जातकों को युवावस्था में कुछ अवांछित व्यसन होते हैं, जो कि धन के अपव्यय का स्रोत बनते हैं। ऐसा ही कुयोग अनेक जातकों को खर्च के बावजूद संतोषजनक आजीविका और आर्थिक लाभ का सूचक तो बनेगा ही, कुछ अप्रत्याशित लाभ और धनागमन भी जोखिम सट्टे लॉटरी अथवा विनियोग के माध्यम से होना संभव है। आप वर्ष 2009 में रोजगार और व्यापार से अच्छा धन कमाएंगे, क्योंकि राशि स्वामी सप्तम भाव में रहेगा। अनेक जातकों को, जिनके पास अच्छी व्यवसायिक शिक्षा है, उन्हें आज के कॉर्पोरेट तथा बीपीओ सेक्टर में प्रवेश मिलेगा और वे विदेश की नौकरी भी सहज रूप में प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन, यह भी एक सत्य है कि जिन देशों में आर्थिक मंदी चल रही है वहां पर बसे हुए मकर जातकों को कड़ी बेरोजगारी का सामना भी कुछ समय के लिए करना पड़ सकता है। जो मकर जातक नौकरी छोड़कर व्यापार में उतर आते हैं या फिर शुरू से ही व्यापार के क्षेत्र में भाग्य आजमा रहे हैं, उनके लिए भी यह साल भाग्यशाली साबित हो रहा है। यदि उनके पास आर्थिक उद्योग से जुड़े हुए अनुबंध कारोबार या एजंसी आदि हैं या किसी उपभोक्ता पदार्थ के वितरण विपणन का कार्य है, तो यह समझें कि उनके लिए पूरा साल ही फायदे का स्रोत रहेगा। जहां तक मेहनत और परिश्रम का सवाल है, उसमें मकर जातक बहुत अधिक सक्रिय और सजग नहीं माने जाते हैं। कभी- कभी वे मौज-मस्ती और मनमानी के चलते अपने कर्तव्य से परे हट जाते हैं। ऐसा भी होता है कि जब किसी कारोबार में फायदे का अवसर आता है तो उनके प्रतिद्वंदी उन्हें कुछ ऐसा भ्रमित कर देते हैं कि वे अपना मूल काम छोड़कर इधर-उधर की बातों में भटक जाते हैं। इसका सीधा असर यही होता है कि वे अवसर के अनुसार मिलने वाले लाभ से वंचित हो जाते हैं। वर्ष के पूर्वार्ध में कुछ ऐसी ही घटनाएं नवंबर से लेकर मार्च-अप्रैल के महीने में हो सकती है, जब मकर जातकों को अपने कारोबार और व्यापार पर पूरी तरह केंद्रित होना आवश्यक होगा। प्रौढ़ और वरिष्ठ जातकों के लिए यह साल बेहतरीन साबित होगा। मानवश्रम और अपने कार्यकर्ताओं को संगठित करने की कुशल रणनीति उनके पास रहती है। समय के आखिरी पड़ाव तक कुछ न कुछ करने की और धन कमाने की कामना मकर जातकों में रहती है। सामाजिक कार्य , एनजीओ या कोई प्राइवट प्रैक्टिस आदि के जरिए भी मकर जातकों को वांछित धन लाभ होता रहता है। अनेक जातक कमीशन प्रॉपर्टी और रिअल एस्टेट या फिर ठेकेदारी आदि से भी धन कमाने में समर्थ रहेंगे। मकर महिलाएं अपने व्यवहार और व्यक्तित्व से हर जगह छाई रहती हैं। नौकरीपेशा हों या कारोबारी, प्राइवट सेक्टर में हों या सरकारी या फिर कला संगीत और मीडिया क्षेत्र में, सब जगह मकर महिलाओं का प्रभुत्व जमा रहता है। आज के समय में अभिनय , मॉडलिंग , सशस्त्र सेना या पुलिस या फिर कम्प्यूटर आईटी या मार्केटिंग से जुड़े कार्य, सब जगह मकर महिलाओं का बोलबाला बना रहता है। इस महालक्ष्मी वर्ष में सभी सक्षम महिलाएं अपने बलबूते पर अच्छा धन कमाने में कामयाब रहेंगी। अपने छोटे से छोटे व्यापार या कारोबार से भी उनको अच्छा-खासा लाभ मिल जाएगा। जिन महानुभावों का खराब समय चल रहा है और कोशिश के बावजूद भी कामयाबी नहीं मिल रही है उनको मंगल यंत्र और श्रीयंत्र की संयुक्त रूप से स्थापना करके दीपावली की रात्रि को कुबेर और गणेश जी की स्तुति करनी चाहिए। साथ ही दस कैरेट का मूंगा और पांच कैरेट का पुखराज भी सोना या चांदी में डालना चाहिए। इन सब उपायों से मकर जातकों को आर्थिक संघर्ष से जूझने में मदद मिलेगी और संकट का दौर जल्द ही खत्म हो जाएगा ।
धनु:पदोन्नति का लाभ होगा ( यो , भा , भी , भू , धा , फा , ढा , भे )
इस महालक्ष्मी वर्ष 2008-09 के दौरान शुक्र आपकी राशि से बारहवें भाव में सीधी चाल से संक्रमण कर रहा है। राशि स्वामी बृहस्पति आपकी ही राशि में चलता हुआ मकर राशि की ओर अग्रसर हो रहा है। अगले एक डेढ़ महीने के दौरान यह मकर राशि में एक साल के लिए अपनी गोचर यात्रा जारी रखेगा। मंगल ग्रह एकादश भाव में सूर्य के साथ योग कर रहा है। शनि आपके धन भाव का स्वामी है, जो पूरे वर्ष आपके नवम भाव में ही रहेगा। चंद्रमा और बुध आपके कर्म भाव से विचरण कर रहे हैं।
राहु दूसरे तथा केतु अष्टम भाव में बैठा है। इस बात की चिंता नहीं करें कि गोचर का बृहस्पति लाभ भाव से कितनी धन प्राप्ति कराएगा, बल्कि यही समझें कि बृहस्पति आपके कई प्रकार लंबित पड़े हुए मामलों को पूरा करेगा। वहां शरीर और स्वास्थ्य की अड़चनों को भी समाप्त करता रहेगा। महालक्ष्मी वर्ष के आरंभ के दिनों में आप किसी न किसी धार्मिक अनुष्ठान को पूरा करने में तत्पर रहेंगे और निकट दूर की यात्रा भी आपको करनी होगी। उसके बाद नवंबर से दिसंबर तक घर परिवार के सदस्यों का भाग्योदय होगा और किसी न किसी सदस्य को आजीविका अथवा व्यापार आदि के सुचारू रूप से चलने से आर्थिक लाभ भी होने लग जाएगा।
वर्ष 2009 में जनवरी फरवरी में कुछ खर्च बढ़ेगा, परंतु आमदनी भी बढ़ेगी। यही समझ कर आप किसी प्रकार का मांगलिक या संतान पक्ष से जुड़ा वैवाहिक कार्य भी आयोजित करेंगे। जिन जातकों की अभी युवा अवस्था है, उनको या तो दाम्पत्य सुख होगा या फिर पुत्र संतान की उपलब्धि भी मार्च से अप्रैल के मध्य तक होगी। अनेक जातक जो बौद्धिक और सलाहाकार सेवा या अन्य स्तर की नौकरी से जुडे हैं, उनके लिए मई और जून के महीनों में पदोन्नति आदि का लाभ होगा ।
जुलाई से अगस्त के मध्य अनेक धनु जातकों को जहां अचल सम्पत्ति, मकान, जायदाद का लाभ होगा वहां वाहन आदि के सुख से भी अभिभूत होंगे। कुल मिलाकर महालक्ष्मी वर्ष के अंतिम दो महीने यानी सितम्बर और अक्टूबर भी अत्यंत उत्साहवर्धक और सुख संपदाकारक साबित होंगे। कुछ जातकों को अपना कमाया हुआ धन स्वास्थ्य रक्षा अथवा निर्माण कार्यों में व्यय करना होगा। परंतु यह व्यय भी एक अनिवार्य निवेश है, जो कि आगे चलकर आपकी परिसम्पत्ति को बढ़ाता रहेगा।
व्यापार का क्षेत्र धनु राशि के लिए सबसे बड़ा धन कमाने का क्षेत्र रहा है। अपनी नौकरी या आजीविका के दौरान वे चाहे कितना ही धन कमा लें, लेकिन उनकी आंतरिक अभिलाषा सदैव व्यापार की ओर उन्मुख रहती है। आज के समय में रीटेल हो या होलसेल, खाद्यान हो या फूड प्रॉसेसिंग, वकालत हो या मनोरंजन, फार्मेसी या फिर होटल बिज़नेस, शेयर बाजार , धातु बाजार , फर्नीचर , फैशन , कपडा़ रेडीमेड से लेकर जूलरी सर्राफा और आर्थिक विषयों से जुड़े तमाम व्यापार क्षेत्र तुला राशि की पहली पसंद होते हैं।
इस महालक्ष्मी वर्ष में आपके लिए विश्वव्यापी व्यापार, ट्रेडिंग, आयात-निर्यात के सुनहरे अवसर सदैव आपका रास्ता देख रहे होंगे। धन कमाने की जितनी क्षमता आपके अंदर होगी आप उससे भी अधिक अपने व्यापार से प्राप्त करने में कामयाब हो सकेंगे।
धनु राशि की महिलाएं भी नौकरी पेशा हों या अपने निजी व्यपार से जुड़ी हुई, कहीं पर आर्थिक स्वतंत्रता अर्जित करने में पीछे नहीं रहती हैं। उनकी आकर्षक और कलात्मक कार्यक्षमता व्यक्तित्व और व्यवहार शैली हमेशा एक सफल कार्यकर्ता और व्यापारी के रूप में उभरकर आती हैं। आज के आधुनिक दौर में धनु महिलाएं बड़ी-बड़ी कंपनियों की सीईओ महाप्रबंधक या मुख्य संचालक से लेकर मार्केटिंग और फाइनैंस की मुख्य संचालक होती हैं।
इस वर्ष भी धनु महिलाओं के लिए ये सभी क्षेत्र धन कमाने के लिए आकर्षक क्षेत्र होंगे। जो भी महिलाएं आज के दौर में अच्छी क्वालिफाइड हैं, उनके लिए वर्ष 2009 का उत्तरार्ध आर्थिक लाभ के लिए बेहतरीन वर्ष साबित होगा। संघर्ष और परेशानी का दौर धनु राशि के अनेक जातकों के लिए इस साल भी रहेगा। ऐसे में उन्हें सलाह दी जाती है कि वे अपने प्रयास को धीमा नहीं छोडें, जो भी काम मिलता है और जिस स्तर पर भी वे अपना परिश्रम कर सकते हैं अवश्य करें।
कुछ महीनों के बाद ही उनके परेशानी से भरे दिन खत्म हो सकते हैं। उपाय के तौर पर उन्हें प्रदोष व्रत करना चाहिए। साथ ही पूर्णिमा के दिन भी चंद्रमा की आराधना अवश्य करनी चाहिए। धन की वृद्धि के लिए माणिक्य तथा मूंगा अवश्य धारण करना चाहिए। जो जातक हीरा और नीलम धारण कर सकते हैं। जैसे कि लक्ष्मी यंत्र और श्रीयंत्र की घर में स्थापना करना, अगर व्यापार करते हों तो व्यापार वृद्धि यंत्र और कार्यसिद्धि यंत्र की स्थापना करना या फिर वास्तुनियमों के अनुसार घर या व्यापार स्थल की समीक्षा करना। ये सभी उपाय उन्हें संकट के दौर से बाहर निकालकर अर्थ संपन्न बना सकते हैं ।
राहु दूसरे तथा केतु अष्टम भाव में बैठा है। इस बात की चिंता नहीं करें कि गोचर का बृहस्पति लाभ भाव से कितनी धन प्राप्ति कराएगा, बल्कि यही समझें कि बृहस्पति आपके कई प्रकार लंबित पड़े हुए मामलों को पूरा करेगा। वहां शरीर और स्वास्थ्य की अड़चनों को भी समाप्त करता रहेगा। महालक्ष्मी वर्ष के आरंभ के दिनों में आप किसी न किसी धार्मिक अनुष्ठान को पूरा करने में तत्पर रहेंगे और निकट दूर की यात्रा भी आपको करनी होगी। उसके बाद नवंबर से दिसंबर तक घर परिवार के सदस्यों का भाग्योदय होगा और किसी न किसी सदस्य को आजीविका अथवा व्यापार आदि के सुचारू रूप से चलने से आर्थिक लाभ भी होने लग जाएगा।
वर्ष 2009 में जनवरी फरवरी में कुछ खर्च बढ़ेगा, परंतु आमदनी भी बढ़ेगी। यही समझ कर आप किसी प्रकार का मांगलिक या संतान पक्ष से जुड़ा वैवाहिक कार्य भी आयोजित करेंगे। जिन जातकों की अभी युवा अवस्था है, उनको या तो दाम्पत्य सुख होगा या फिर पुत्र संतान की उपलब्धि भी मार्च से अप्रैल के मध्य तक होगी। अनेक जातक जो बौद्धिक और सलाहाकार सेवा या अन्य स्तर की नौकरी से जुडे हैं, उनके लिए मई और जून के महीनों में पदोन्नति आदि का लाभ होगा ।
जुलाई से अगस्त के मध्य अनेक धनु जातकों को जहां अचल सम्पत्ति, मकान, जायदाद का लाभ होगा वहां वाहन आदि के सुख से भी अभिभूत होंगे। कुल मिलाकर महालक्ष्मी वर्ष के अंतिम दो महीने यानी सितम्बर और अक्टूबर भी अत्यंत उत्साहवर्धक और सुख संपदाकारक साबित होंगे। कुछ जातकों को अपना कमाया हुआ धन स्वास्थ्य रक्षा अथवा निर्माण कार्यों में व्यय करना होगा। परंतु यह व्यय भी एक अनिवार्य निवेश है, जो कि आगे चलकर आपकी परिसम्पत्ति को बढ़ाता रहेगा।
व्यापार का क्षेत्र धनु राशि के लिए सबसे बड़ा धन कमाने का क्षेत्र रहा है। अपनी नौकरी या आजीविका के दौरान वे चाहे कितना ही धन कमा लें, लेकिन उनकी आंतरिक अभिलाषा सदैव व्यापार की ओर उन्मुख रहती है। आज के समय में रीटेल हो या होलसेल, खाद्यान हो या फूड प्रॉसेसिंग, वकालत हो या मनोरंजन, फार्मेसी या फिर होटल बिज़नेस, शेयर बाजार , धातु बाजार , फर्नीचर , फैशन , कपडा़ रेडीमेड से लेकर जूलरी सर्राफा और आर्थिक विषयों से जुड़े तमाम व्यापार क्षेत्र तुला राशि की पहली पसंद होते हैं।
इस महालक्ष्मी वर्ष में आपके लिए विश्वव्यापी व्यापार, ट्रेडिंग, आयात-निर्यात के सुनहरे अवसर सदैव आपका रास्ता देख रहे होंगे। धन कमाने की जितनी क्षमता आपके अंदर होगी आप उससे भी अधिक अपने व्यापार से प्राप्त करने में कामयाब हो सकेंगे।
धनु राशि की महिलाएं भी नौकरी पेशा हों या अपने निजी व्यपार से जुड़ी हुई, कहीं पर आर्थिक स्वतंत्रता अर्जित करने में पीछे नहीं रहती हैं। उनकी आकर्षक और कलात्मक कार्यक्षमता व्यक्तित्व और व्यवहार शैली हमेशा एक सफल कार्यकर्ता और व्यापारी के रूप में उभरकर आती हैं। आज के आधुनिक दौर में धनु महिलाएं बड़ी-बड़ी कंपनियों की सीईओ महाप्रबंधक या मुख्य संचालक से लेकर मार्केटिंग और फाइनैंस की मुख्य संचालक होती हैं।
इस वर्ष भी धनु महिलाओं के लिए ये सभी क्षेत्र धन कमाने के लिए आकर्षक क्षेत्र होंगे। जो भी महिलाएं आज के दौर में अच्छी क्वालिफाइड हैं, उनके लिए वर्ष 2009 का उत्तरार्ध आर्थिक लाभ के लिए बेहतरीन वर्ष साबित होगा। संघर्ष और परेशानी का दौर धनु राशि के अनेक जातकों के लिए इस साल भी रहेगा। ऐसे में उन्हें सलाह दी जाती है कि वे अपने प्रयास को धीमा नहीं छोडें, जो भी काम मिलता है और जिस स्तर पर भी वे अपना परिश्रम कर सकते हैं अवश्य करें।
कुछ महीनों के बाद ही उनके परेशानी से भरे दिन खत्म हो सकते हैं। उपाय के तौर पर उन्हें प्रदोष व्रत करना चाहिए। साथ ही पूर्णिमा के दिन भी चंद्रमा की आराधना अवश्य करनी चाहिए। धन की वृद्धि के लिए माणिक्य तथा मूंगा अवश्य धारण करना चाहिए। जो जातक हीरा और नीलम धारण कर सकते हैं। जैसे कि लक्ष्मी यंत्र और श्रीयंत्र की घर में स्थापना करना, अगर व्यापार करते हों तो व्यापार वृद्धि यंत्र और कार्यसिद्धि यंत्र की स्थापना करना या फिर वास्तुनियमों के अनुसार घर या व्यापार स्थल की समीक्षा करना। ये सभी उपाय उन्हें संकट के दौर से बाहर निकालकर अर्थ संपन्न बना सकते हैं ।
कुंभ: इस वर्ष अवसरों की भरमार रहेगी (गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
इस महालक्ष्मी वर्ष 2008-09 के दौरान आपकी राशि का स्वामी शनि सप्तम भाव से विचरण कर रहा है। सूर्य मंगल के साथ नवम भाव में , शुक्र दशम भाव में , गुरू एकादश भाव में तथा राहु द्वादश भाव में विचरण कर रहा है। इसी ग्रहयोग के साथ चंद्रमा और बुध भी अष्टम भाव में बैठे हैं। केन्द्र भाव में शुक्र की स्थिति बेहतर आर्थिक समन्वय को सूचित करती है।
केतु अष्टम में किसी प्रकार अप्रत्याशित लाभ का कारक बन रहा है। परंतु मुख्यतः तकनीकी, गैर तकनीकी आजीवका से व्यापार व्यवसाय और अन्य जोखिम भरे स्रोतों से कुंभ राशि को धन कमाने में प्रवीण होना पड़ेगा, क्योंकि इस वर्ष अवसरों की भरमार रहेगी। कार्य, पूंजी और व्यापार आदि में लगाने योग्य धन की प्राप्ति भी हो जाएगी। अलबत्ता जो जातक परंपरागत कारोबार से जुड़े हैं, उनको कभी-कभी आर्थिक अभाव से अभी भी जूझना पड़ सकता है और लाभ कमाने के नए तरीकों पर विचार करना पड़ सकता है।
गैर-जिम्मेदार परंतु कर्मठ कुंभ जातक भी इस साल अच्छी आय प्राप्त करेंगे। लक्ष्मी अगर मेहरबान रहेगी तो उनकी भी चांदी है, जो हमेशा पैसे कमाने के लिए दूसरों के आसरे पर लटके हुए रहते हैं। छोटे स्तर के तकनीकी कार्यों की भरमार रहेगी। ग्रामीण और शहरी परिवेश में हर स्तर पर नौकरी और रोजगार का अच्छा तालमेल रहने से कुंभ राशि के चतुर जातक बिना कुछ काम किए भी अच्छा धन कमा सकते हैं, बशर्ते उनमें संगठन करने की शक्ति हो।
इस राशि के जातक बहुमुखी प्रतिभा से युक्त होते हैं। जीवन के हर क्षेत्र में उनका दखल रहता है। अतः यह कहना गलत होगा कि किसी विशेष क्षेत्र से ही कुंभ राशि के महानुभाव धन कमा सकेंगे। जो, जातक खतरनाक और जोखिम भरे रास्तों से धन कमाने का प्रयास कर रहे हैं, उनकी जमापूंजी अन्य जातकों के मुकाबले वर्ष के अंत तक कई गुना बढ़ सकती है। आमातौर पर युवा और प्रौढ़ जातक अपने कारोबार और कामकाज तथा अनुभव से परिपक्व हैं।
अनेक कुंभ जातक अपने पैतृक व्यवसाय से भी जुड़े रहते हैं। कुछ ऐसे भी स्वाभिमानी और खुद्दार जातक हैं, जो नौकरी की बजाय अपने ही कारोबार को अधिक तवज्जो देते हैं। लेकिन, यह भी एक सत्य है कि आज के छल-कपट भरे व्यापार में कुंभ जातकों की ईमानदार छवि और छल कपट भरी रणनीति अधिक दिन कामयाबी नहीं देती है। ऐसे में अधिकांश कुंभ जातक व्यापार में असफल भी रहते हैं। इतना जरूर है कि वे व्यापारिक संगठनों में अच्छे प्रबंधक और सलाहकार साबित हो सकते हैं।
साझेदारी और पार्टनरशिप उन्हें राश आती है। ऐसे अवसरों के लिए भी यह साल कुंभ राशि के जातकों के लिए विशेष लाभकारी सिद्ध होगा। कुछ उल्लेखनीय कारोबार और व्यापार की शुरूआत इस साल के नवंबर दिसंबर महीने में भी हो सकती है। इनमें मुख्यतः जमीन जायदाद, प्रॉपर्टी, शेयर बाजार, कमीशन एजंट और सलाहकार सेवाएं ठेकेदारी, सुरक्षा सेवा, एवं अन्य रक्षात्मक सम्बंधी सेवाएं हैं, जिनकी बदौलत कुंभ महिलाएं और पुरूष और महिलाएं अपनी अलग पहचान बना सकते हैं।
वर्ष के उत्तरार्ध में जहां वे आधी दुनिया की ताकत बनकर बाहर आएंगे वहां कुछ नए और आधुनिक क्षेत्र में दबदबा भी कायम करेंगे। कुंभ महिलाएं भी अपने ज्ञान और बुद्धि तत्व से हमेशा ही नौकरी में सम्मानित पदों पर सुशोभित रहती हैं। आमतौर पर मेडिकल , वकालत , अध्ययन अध्यापन और शिक्षण-प्रशिक्षण का क्षेत्र उन्हें अधिक रास आता है। इसके अलावा खानपान होटल बैंकिंग तथा आर्थिक उपक्रम भी उनके लिए अनुकूल साबित होंगे।
जो महिलाएं प्रबंधन और शिक्षण प्रशिक्षण के क्षेत्र से जुड़ी हैं, उनके लिए वर्ष का पूर्वार्ध विशेष लाभकारी सिद्ध होगा। घर और परिवार की समृद्धि भी इस महालक्ष्मी वर्ष में इनकी विशेष उपलब्धि होगी। कुंभ महिलाओं को हमेशा ही लक्ष्मी का वरदान रहता है, फिर भी वह अपने आध्यात्मिक स्तर पर जो भी उपक्रम करती हैं उसका शीघ्र प्रभाव उनकी जीवन शैली में दिखाई पड़ता है।
ऐसा भी होता है कि अनेक कुंभ जातकों का बृहस्पति उनके लिए हमेशा ही अनुकूल नहीं रहता। ऐसी परिस्थिति में यह भी संभव है कि उन्हें अपने आर्थिक उपार्जन के लिए संघर्ष करना पड़े। यह बात बड़ी विचित्र है, कि जो कुंभ जातक जीवन के हर क्षेत्र में अग्रणीय रहते हैं वही लोग कभी-कभी ग्रह दशा के बुरे फेर में पड़कर अर्थहीन हो जाते हैं।
उन्हें यही सलाह दी जाती है कि इस महालक्ष्मी वर्ष में वे स्थिर लग्न में लक्ष्मी और कुबेर यंत्र की स्थापना घर पर करें। पीले वस्त्र धारण करके अर्द्धरात्रि के समय लक्ष्मी और गणेश का ध्यान करें। साथ ही पुखराज और नीलमणी जैसे रत्न भी सोने या चांदी में पहनें, उन्हें जल्द से जल्द अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता मिलेगी। साथ ही आने वाले समय में आर्थिक दुष्चक्र भी खत्म होगा।
केतु अष्टम में किसी प्रकार अप्रत्याशित लाभ का कारक बन रहा है। परंतु मुख्यतः तकनीकी, गैर तकनीकी आजीवका से व्यापार व्यवसाय और अन्य जोखिम भरे स्रोतों से कुंभ राशि को धन कमाने में प्रवीण होना पड़ेगा, क्योंकि इस वर्ष अवसरों की भरमार रहेगी। कार्य, पूंजी और व्यापार आदि में लगाने योग्य धन की प्राप्ति भी हो जाएगी। अलबत्ता जो जातक परंपरागत कारोबार से जुड़े हैं, उनको कभी-कभी आर्थिक अभाव से अभी भी जूझना पड़ सकता है और लाभ कमाने के नए तरीकों पर विचार करना पड़ सकता है।
गैर-जिम्मेदार परंतु कर्मठ कुंभ जातक भी इस साल अच्छी आय प्राप्त करेंगे। लक्ष्मी अगर मेहरबान रहेगी तो उनकी भी चांदी है, जो हमेशा पैसे कमाने के लिए दूसरों के आसरे पर लटके हुए रहते हैं। छोटे स्तर के तकनीकी कार्यों की भरमार रहेगी। ग्रामीण और शहरी परिवेश में हर स्तर पर नौकरी और रोजगार का अच्छा तालमेल रहने से कुंभ राशि के चतुर जातक बिना कुछ काम किए भी अच्छा धन कमा सकते हैं, बशर्ते उनमें संगठन करने की शक्ति हो।
इस राशि के जातक बहुमुखी प्रतिभा से युक्त होते हैं। जीवन के हर क्षेत्र में उनका दखल रहता है। अतः यह कहना गलत होगा कि किसी विशेष क्षेत्र से ही कुंभ राशि के महानुभाव धन कमा सकेंगे। जो, जातक खतरनाक और जोखिम भरे रास्तों से धन कमाने का प्रयास कर रहे हैं, उनकी जमापूंजी अन्य जातकों के मुकाबले वर्ष के अंत तक कई गुना बढ़ सकती है। आमातौर पर युवा और प्रौढ़ जातक अपने कारोबार और कामकाज तथा अनुभव से परिपक्व हैं।
अनेक कुंभ जातक अपने पैतृक व्यवसाय से भी जुड़े रहते हैं। कुछ ऐसे भी स्वाभिमानी और खुद्दार जातक हैं, जो नौकरी की बजाय अपने ही कारोबार को अधिक तवज्जो देते हैं। लेकिन, यह भी एक सत्य है कि आज के छल-कपट भरे व्यापार में कुंभ जातकों की ईमानदार छवि और छल कपट भरी रणनीति अधिक दिन कामयाबी नहीं देती है। ऐसे में अधिकांश कुंभ जातक व्यापार में असफल भी रहते हैं। इतना जरूर है कि वे व्यापारिक संगठनों में अच्छे प्रबंधक और सलाहकार साबित हो सकते हैं।
साझेदारी और पार्टनरशिप उन्हें राश आती है। ऐसे अवसरों के लिए भी यह साल कुंभ राशि के जातकों के लिए विशेष लाभकारी सिद्ध होगा। कुछ उल्लेखनीय कारोबार और व्यापार की शुरूआत इस साल के नवंबर दिसंबर महीने में भी हो सकती है। इनमें मुख्यतः जमीन जायदाद, प्रॉपर्टी, शेयर बाजार, कमीशन एजंट और सलाहकार सेवाएं ठेकेदारी, सुरक्षा सेवा, एवं अन्य रक्षात्मक सम्बंधी सेवाएं हैं, जिनकी बदौलत कुंभ महिलाएं और पुरूष और महिलाएं अपनी अलग पहचान बना सकते हैं।
वर्ष के उत्तरार्ध में जहां वे आधी दुनिया की ताकत बनकर बाहर आएंगे वहां कुछ नए और आधुनिक क्षेत्र में दबदबा भी कायम करेंगे। कुंभ महिलाएं भी अपने ज्ञान और बुद्धि तत्व से हमेशा ही नौकरी में सम्मानित पदों पर सुशोभित रहती हैं। आमतौर पर मेडिकल , वकालत , अध्ययन अध्यापन और शिक्षण-प्रशिक्षण का क्षेत्र उन्हें अधिक रास आता है। इसके अलावा खानपान होटल बैंकिंग तथा आर्थिक उपक्रम भी उनके लिए अनुकूल साबित होंगे।
जो महिलाएं प्रबंधन और शिक्षण प्रशिक्षण के क्षेत्र से जुड़ी हैं, उनके लिए वर्ष का पूर्वार्ध विशेष लाभकारी सिद्ध होगा। घर और परिवार की समृद्धि भी इस महालक्ष्मी वर्ष में इनकी विशेष उपलब्धि होगी। कुंभ महिलाओं को हमेशा ही लक्ष्मी का वरदान रहता है, फिर भी वह अपने आध्यात्मिक स्तर पर जो भी उपक्रम करती हैं उसका शीघ्र प्रभाव उनकी जीवन शैली में दिखाई पड़ता है।
ऐसा भी होता है कि अनेक कुंभ जातकों का बृहस्पति उनके लिए हमेशा ही अनुकूल नहीं रहता। ऐसी परिस्थिति में यह भी संभव है कि उन्हें अपने आर्थिक उपार्जन के लिए संघर्ष करना पड़े। यह बात बड़ी विचित्र है, कि जो कुंभ जातक जीवन के हर क्षेत्र में अग्रणीय रहते हैं वही लोग कभी-कभी ग्रह दशा के बुरे फेर में पड़कर अर्थहीन हो जाते हैं।
उन्हें यही सलाह दी जाती है कि इस महालक्ष्मी वर्ष में वे स्थिर लग्न में लक्ष्मी और कुबेर यंत्र की स्थापना घर पर करें। पीले वस्त्र धारण करके अर्द्धरात्रि के समय लक्ष्मी और गणेश का ध्यान करें। साथ ही पुखराज और नीलमणी जैसे रत्न भी सोने या चांदी में पहनें, उन्हें जल्द से जल्द अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता मिलेगी। साथ ही आने वाले समय में आर्थिक दुष्चक्र भी खत्म होगा।
मीन: नए क्षेत्रों में लाभ कमाएंगे (दू, थ, झ, दे, दो, च, ची)
महालक्ष्मी वर्ष 2008-09 में इस राशि का स्वामी बृहस्पति अपनी बेहतरीन स्थिति से दशम भाव में चल रहा है। एकादश और द्वादश भाव के शनि के साथ बृहस्पति का त्रिकोण योग है, जबकि चंद्रमा और बुध के साथ केंद्र योग है। अगले एक डेढ़ महीने के अंदर ही बृहस्पति अपनी नीच राशि मकर में प्रवेश कर जाएंगे और राहु के साथ वर्ष 2009 में अधिकांश गोचर का समय व्यतीत करेंगे।
शुक्र पंचम भाव से विचरण कर रहा है। सूर्य और मंगल अष्टम भाव में, बुध और चंद्रमा छठे भाव में, राहु एकादश और केतु पंचम भाव में चलते हुए मीन राशि को पूरे साल एक अद्भुत गति और संचार दे रहे हैं। इ सके माध्यम से यह राशि अपने श्रेष्ठ कार्य को पूरा करके आगे बढ़ेगी। बृहस्पति और शनि आगामी 2009 के उत्तरार्ध से एकादश तथा पंचम भाव से विचरण करेंगे। मीन की जीवन के आरंभ में कभी भी आर्थिक संकट नहीं आता है। परंतु, अवस्था के अनुसार जब यह राशि प्रौढ़ता और वृद्धावस्था को प्राप्त करती है, तो इसके आगे भी अस्तित्व का संकट खड़ा हो जाता है।
इसके साथ ही अनेक मीन जातक अभी तक पिछले वर्षों के दौरान समाप्त हुई साढ़ेसाती से भी बाहर नहीं निकल पाए हैं। ऐसे जातकों के लिए यह साल काफी आशाएं और सफलताएं लेकर आ रहा है। बस जरूरत है एक ईमानदार चेष्टा की। मीन राशि का आधिपत्य बृहस्पति के अलावा शनि और बुध से भी अच्छा रहता है। अनेक जातक इस साल लेखन पत्रकारिता या शिक्षण प्रशिक्षण जैसे बौद्धिक कार्यों से धन कमाने में सफल होंगे।
युवा मीन जातकों का आर्थिक पक्ष नवंबर दिसंबर से सुदृढ़ होने लगेगा। उसके उपरांत जनवरी से मार्च 2009 तक सभी क्रियाशील मीन राशि के महानुभाव नए-नए कार्यक्षेत्र के अलावा कुछ अस्थाई उद्यमों से लाभ कमाएंगे। जो जातक व्यापार व्यवसाय अथवा वाणिज्य विषयों से जुड़े हैं या आधुनिक तकनीकी के ज्ञान से युक्त हैं, उनके लिए भी सरकारी या गैरसरकारी उपक्रमों में मनपसंद आजीविका अथवा किसी दूसरे के द्वारा शुरू किए गए व्यापार में महत्वपूर्ण पदाधिकारी बनने पदवृद्धि का लाभ होगा। वहां पिछले समय से चला आ रहा आर्थिक गतिरोध भी समाप्त होगा। दूसरों के हाथों में गया हुआ धन प्राप्त होगा या फिर किसी मांगलिक कर्म के जरिए लाभान्वित होने का अवसर प्राप्त होगा।
यदि आप कोई दुर्लभ खोज अनुसंधान या विशिष्ट कार्य का संपादन कर रहे हैं तो भी जुलाई अगस्त तक अपने पुरूषार्थ के जरिए लाभ के अवसर हाथ में आएंगे। मान, प्रतिष्ठा, यश प्राप्ति का अवसर भी वर्ष के अंतिम महीने यानी सितंबर अक्टूबर तक प्राप्त होगा। मीन महिलाओं के लिए यह साल शुरूआत से ही आशावादी है, परंतु उससे ज्यादा असरदार मई जून के बाद का है, जब उनकी आय एकदम द्विगुणित हो जाएगी। किसी कारण अगर ग्रहों का पूरा सहयोग नहीं मिल रहा है तो पुखराज मूंगा और नीलम एक साथ धारण करें।
व्यापार और कारोबार भी मीन जातकों के लिए धन कमाने का एक बेहतर और कामयाब स्रोत रहता है। आज के समय में भवन निर्माण कार्य मशीनरी, लोहा, सीमेंट, रंग-रोगन, फर्नीचर, तथा कपड़े, अनाज गल्ला और किराना वस्तुओं का होलसेल या फुटकर व्यापार अथवा कृषि डेयरी उद्योग जैसे नए-नए उद्योग और कार्यक्षेत्र मीन राशि के पसंदीदा व्यापार हैं। जनसेवा से जुड़े हुए उद्योग नगर निगम रेलवे परिवहन डाक तार और दूरसंचार जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि उद्योग मीन राशि पर धन कमाने की सही रणनीति कहे जा सकते हैं।
उनकी लगन, मेहनत और अनुशासन प्रियता तथा अपने कर्मचारियों एवं कार्यकर्ताओं की संतुष्टि उन्हें धनकुबेर बनाने में देर नहीं लगाती है। दुनिया के बड़े-बड़े अमीर उद्योगपति जमींदार और भवन निर्माता मीन राशि की देन है। व्यापार के मामले में सफलता पाना उनके लिए बाएं हाथ का खेल है। इस महालक्ष्मी वर्ष में भी उनकी व्यापारिक सफलता वर्ष के उत्तरार्ध में नए कीर्तिमान स्थापित कर सकती है। इस वर्ष भी उन्हें शेयर बाजार से, कृषि कार्यों से तथा दलाली और कमीशन से भी विशेष अर्थ लाभ होता रहेगा। बड़े-बड़े काम उनके लिए आर्थिक लाभ के अच्छे स्रोत बन जाएंगे।
अनेक मीन जातकों को काफी संघर्ष भी करना पड़ सकता है। लेकिन, संघर्ष के दौर में भी उनका आर्थिक पक्ष कमजोर नहीं रहता है, क्योंकि वे छोटे से छोटा काम करना भी अपने आर्थिक नियोजन के लिए जरूरी समझते हैं। ऐसे जातकों को सलाह दी जाती है कि वे इस महालक्ष्मी वर्ष पर गणेश और लक्ष्मी की संयुक्त प्रतिमाओं के आगे श्री यंत्र और कुबेर यंत्र की स्थापना करें और नियमित रूप से महालक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करें। शनि ग्रह उनके लिए भाग्य निर्माता कहलाता है।
अतः शनि मंदिर में जाकर तेल और तिल आदि का दान करने से भी उनके कष्ट दूर हो सकते हैं। अगर संभव हो तो सवा पांच रत्ती का नीलम और हीरा रत्न धारण कर सकते हैं। सभी उपाय उनके लिए संकट मोचन का काम करेंगे। हनुमान मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करना भी लाभप्रद रहेगा। शिवभक्त मीन जातकों को श्रावण के महीने में सोमवार व्रत रखना भी फायदेमंद साबित होगा। समयानुसार चलने से उनकी आर्थिक समृद्धि निश्चित रूप से बढ़ सकती है।
शुक्र पंचम भाव से विचरण कर रहा है। सूर्य और मंगल अष्टम भाव में, बुध और चंद्रमा छठे भाव में, राहु एकादश और केतु पंचम भाव में चलते हुए मीन राशि को पूरे साल एक अद्भुत गति और संचार दे रहे हैं। इ सके माध्यम से यह राशि अपने श्रेष्ठ कार्य को पूरा करके आगे बढ़ेगी। बृहस्पति और शनि आगामी 2009 के उत्तरार्ध से एकादश तथा पंचम भाव से विचरण करेंगे। मीन की जीवन के आरंभ में कभी भी आर्थिक संकट नहीं आता है। परंतु, अवस्था के अनुसार जब यह राशि प्रौढ़ता और वृद्धावस्था को प्राप्त करती है, तो इसके आगे भी अस्तित्व का संकट खड़ा हो जाता है।
इसके साथ ही अनेक मीन जातक अभी तक पिछले वर्षों के दौरान समाप्त हुई साढ़ेसाती से भी बाहर नहीं निकल पाए हैं। ऐसे जातकों के लिए यह साल काफी आशाएं और सफलताएं लेकर आ रहा है। बस जरूरत है एक ईमानदार चेष्टा की। मीन राशि का आधिपत्य बृहस्पति के अलावा शनि और बुध से भी अच्छा रहता है। अनेक जातक इस साल लेखन पत्रकारिता या शिक्षण प्रशिक्षण जैसे बौद्धिक कार्यों से धन कमाने में सफल होंगे।
युवा मीन जातकों का आर्थिक पक्ष नवंबर दिसंबर से सुदृढ़ होने लगेगा। उसके उपरांत जनवरी से मार्च 2009 तक सभी क्रियाशील मीन राशि के महानुभाव नए-नए कार्यक्षेत्र के अलावा कुछ अस्थाई उद्यमों से लाभ कमाएंगे। जो जातक व्यापार व्यवसाय अथवा वाणिज्य विषयों से जुड़े हैं या आधुनिक तकनीकी के ज्ञान से युक्त हैं, उनके लिए भी सरकारी या गैरसरकारी उपक्रमों में मनपसंद आजीविका अथवा किसी दूसरे के द्वारा शुरू किए गए व्यापार में महत्वपूर्ण पदाधिकारी बनने पदवृद्धि का लाभ होगा। वहां पिछले समय से चला आ रहा आर्थिक गतिरोध भी समाप्त होगा। दूसरों के हाथों में गया हुआ धन प्राप्त होगा या फिर किसी मांगलिक कर्म के जरिए लाभान्वित होने का अवसर प्राप्त होगा।
यदि आप कोई दुर्लभ खोज अनुसंधान या विशिष्ट कार्य का संपादन कर रहे हैं तो भी जुलाई अगस्त तक अपने पुरूषार्थ के जरिए लाभ के अवसर हाथ में आएंगे। मान, प्रतिष्ठा, यश प्राप्ति का अवसर भी वर्ष के अंतिम महीने यानी सितंबर अक्टूबर तक प्राप्त होगा। मीन महिलाओं के लिए यह साल शुरूआत से ही आशावादी है, परंतु उससे ज्यादा असरदार मई जून के बाद का है, जब उनकी आय एकदम द्विगुणित हो जाएगी। किसी कारण अगर ग्रहों का पूरा सहयोग नहीं मिल रहा है तो पुखराज मूंगा और नीलम एक साथ धारण करें।
व्यापार और कारोबार भी मीन जातकों के लिए धन कमाने का एक बेहतर और कामयाब स्रोत रहता है। आज के समय में भवन निर्माण कार्य मशीनरी, लोहा, सीमेंट, रंग-रोगन, फर्नीचर, तथा कपड़े, अनाज गल्ला और किराना वस्तुओं का होलसेल या फुटकर व्यापार अथवा कृषि डेयरी उद्योग जैसे नए-नए उद्योग और कार्यक्षेत्र मीन राशि के पसंदीदा व्यापार हैं। जनसेवा से जुड़े हुए उद्योग नगर निगम रेलवे परिवहन डाक तार और दूरसंचार जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि उद्योग मीन राशि पर धन कमाने की सही रणनीति कहे जा सकते हैं।
उनकी लगन, मेहनत और अनुशासन प्रियता तथा अपने कर्मचारियों एवं कार्यकर्ताओं की संतुष्टि उन्हें धनकुबेर बनाने में देर नहीं लगाती है। दुनिया के बड़े-बड़े अमीर उद्योगपति जमींदार और भवन निर्माता मीन राशि की देन है। व्यापार के मामले में सफलता पाना उनके लिए बाएं हाथ का खेल है। इस महालक्ष्मी वर्ष में भी उनकी व्यापारिक सफलता वर्ष के उत्तरार्ध में नए कीर्तिमान स्थापित कर सकती है। इस वर्ष भी उन्हें शेयर बाजार से, कृषि कार्यों से तथा दलाली और कमीशन से भी विशेष अर्थ लाभ होता रहेगा। बड़े-बड़े काम उनके लिए आर्थिक लाभ के अच्छे स्रोत बन जाएंगे।
अनेक मीन जातकों को काफी संघर्ष भी करना पड़ सकता है। लेकिन, संघर्ष के दौर में भी उनका आर्थिक पक्ष कमजोर नहीं रहता है, क्योंकि वे छोटे से छोटा काम करना भी अपने आर्थिक नियोजन के लिए जरूरी समझते हैं। ऐसे जातकों को सलाह दी जाती है कि वे इस महालक्ष्मी वर्ष पर गणेश और लक्ष्मी की संयुक्त प्रतिमाओं के आगे श्री यंत्र और कुबेर यंत्र की स्थापना करें और नियमित रूप से महालक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करें। शनि ग्रह उनके लिए भाग्य निर्माता कहलाता है।
अतः शनि मंदिर में जाकर तेल और तिल आदि का दान करने से भी उनके कष्ट दूर हो सकते हैं। अगर संभव हो तो सवा पांच रत्ती का नीलम और हीरा रत्न धारण कर सकते हैं। सभी उपाय उनके लिए संकट मोचन का काम करेंगे। हनुमान मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करना भी लाभप्रद रहेगा। शिवभक्त मीन जातकों को श्रावण के महीने में सोमवार व्रत रखना भी फायदेमंद साबित होगा। समयानुसार चलने से उनकी आर्थिक समृद्धि निश्चित रूप से बढ़ सकती है।
- पं. केवल आनंद जोशी
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