मुंबई : म्यूचुअल फंड कंपनियों के इनकम फंडों का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं होने के बावजूद वेल्थ मैनेजर और म्यूचुअल फंडों के डिस्ट्रिब्यूटर्स अपने ग्राहकों को इन फंडों पर दांव लगाने की सलाह दे रहे हैं। इसकी वजह यह है कि शेयर बाजार की मौजूदा स्थितियों को देखते हुए निवेश की अन्य योजनाओं के मुकाबले अब भी इनकम फंड बेहतर विकल्प है। कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और महंगाई दर में कमी के रुख को देखते हुए जानकारों का मानना है कि ब्याज दरों में जल्द कमी आएगी। ब्याज दरों और बॉन्ड की कीमतों में विपरीत संबंध होता है। इसलिए जब ब्याज दरों में गिरावट आती है, बॉन्ड की कीमतों में बढ़ोतरी होती है, जिससे रिटर्न बढ़ जाता है। पिछले महीने बाजार में आई गिरावट से सबक लेते हुए इनवेस्टमेंट एडवाइजर म्यूचुअल फंड कंपनियों के चुनाव में भी सावधानी बरतने लगे हैं। वे बड़े निवेशकों को निवेश के बारे में राय देने से पहले पोर्टफोलियो की जांच कर रहे हैं। इनकम फंड कंपनियों के डिबेंचर और सरकारी सिक्योरिटी में निवेश करते हैं। अगर पोर्टफोलियो की परिपक्वता की औसत अवधि 4-5 साल की होती है तो इसे लंबी अवधि का इनकम फंड कहा जाता है। परिपक्वता की औसत अवधि 2 साल से कम होने पर उसे छोटी अवधि का इनकम फंड कहा जाता है। एएसके वेल्थ मैनेजर्स के सीईओ राजेश सलूजा ने बताया, 'ब्याज दरों के नीचे जाने की संभावना के मद्देनजर हम अपने ग्राहकों को एक साल की अवधि के नजरिए से निवेश करने की सलाह दे रहे हैं।' उन्होंने कहा कि हम पोर्टफोलियो की गुणवत्ता और फंड के आकार को देखते हुए अपने ग्राहकों को निवेश की सलाह दे रहे हैं। एएसके वेल्थ मैनेजर्स का मानना है कि कर के बाद एक साल की अवधि में इनकम फंडों का रिटर्न फिक्स्ड डिपॉजिट के रिटर्न के मुकाबले बेहतर रहेगा। अक्सर लंबी अवधि के इनकम फंडों की परिपक्वता अवधि 4-5 साल होती है। ब्याज दरों में गिरावट की स्थिति में ये अच्छा रिटर्न दे सकते हैं। पिछले एक महीने में आईडीएफसी डायनेमिक बॉन्ड फंड ने जहां 3.59 फीसदी रिटर्न दिया है वही आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल इनकम फंड ने 3.25 फीसदी का रिटर्न दिया है। आईडीएफसी डायनेमिक ने 3 महीने की अवधि में 5.64 फीसदी का और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल इनकम फंड ने 7.28 फीसदी का रिटर्न दिया है। उधर, सेंट्रम वेल्थ मैनेजर्स ने निवेशकों को छोटी अवधि के इनकम फंडों में निवेश की सलाह दी है।
- प्रशांत महेश
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