शेयर बाजारों की मौजूदा स्थिति में रोजाना शेयरों के दाम गिरावट के नए रेकॉर्ड बना रहे हैं और ऐसे में एक एनालिस्ट का काम काफी मुश्किल हो गया है। प्रत्येक व्यक्ति यह जानता है कि बाजार को फिर से तेजी की राह पकड़ने के लिए सकारात्मक खबरों की जरूरत है लेकिन अभी कहीं से भी ऐसी कोई खबर आती नहीं दिख रही। निवेशकों के लिए इस समय अपने हाथ में नकदी रखना एक सुरक्षित विकल्प है। अगर उनके पास नकदी मौजूद होगी तो वे इसका इस्तेमाल बाजार में अच्छा समय आने पर निवेश के लिए कर सकेंगे। कुछ क्षेत्रों की ओर से आशा की किरण नजर आ रही है। दुनिया भर के केंद्रीय बैंक तरलता की समस्या पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं और अगले कुछ दिनों में इसका हल सामने आ सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) में 50 बेसिस अंकों की कटौती के बाद 100 बेसिक अंकों की अतिरिक्त कटौती कर तरलता की स्थिति सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके अलावा दुनिया भर के केन्दीय बैकों की कोशिशों से भी आगामी सप्ताहों में स्थिति कुछ सुधरने के संकेत मिल रहे हैं और इसका बाजार पर सकारात्मक असर पड़ेगा। बाजार के लिए मुद्रास्फीति की दर कम होना, बैंक दरों में नरमी और उम्मीद से बेहतर नतीजे भी अच्छे समाचार हो सकते हैं। मुद्रास्फीति की दर अब चढ़ने के बजाए नीचे की ओर आ रही है। हालांकि अभी भी यह 12 फीसदी के आसपास है जो कि सामान्य से काफी अधिक है। मुद्रास्फीति का बढ़ना प्रत्येक अर्थव्यवस्था के लिए एक आंतरिक चुनौती होती है और इस पर नियंत्रण रखने के लिए उसे काफी उपाय करने पड़ते हैं। कच्चे तेल के दामों में कमी भी एक अच्छी खबर है। हालांकि निवेशकों को ब्याज दरों में कमी के लिए अभी लंबे समय तक इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि बैंकों ने निकट भविष्य में दरों में कटौती करने से इंकार कर दिया है। शेयरों के दाम में भारी गिरावट जहां निवेशकों का धन लगाने के लिए प्रेरित कर रही है, वहीं अस्थिरता अभी भी चिंता का कारण बनी हुई है और ऐसे में कम मात्रा में खरीदारी करना ही बेहतर होगा। अगर आप इक्विटी में सीधे निवेश करते हैं तो अगले 3 महीने के नजरिए से शेयरों का चयन करें। इस मामले में निवेश की अवधि शेयर बरकरार रखने के लिए नहीं बल्कि खरीदारी के लिए है। आप साप्ताहिक आधार पर भी निवेश पर विचार कर सकते हैं और अपने निवेश को कुछ सप्ताह तक जारी रख सकते हैं। म्युचूअल फंडों के मामले में विकल्प अधिक हैं। आप सिस्टमेटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) चुन सकते हैं, एकमुश्त निवेश के साथ भी एसटीपी में धन लगाया जा सकता है। इक्विटी के अलावा निवेशक डेट और सोने में भी धन लगाने के बारे में सोच सकते हैं। शेयर बाजार में भारी गिरावट के बावजूद सोने के दामों में काफी तेजी देखी जा रही है। डेट में यील्ड की दरें कुछ कम हुई हैं। 3 महीने के फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान पर रिटर्न 11 फीसदी के स्तर से अब नीचे आ गया है। इससे तरलता की स्थिति में सुधार आने के साथ ही निवेश की प्रक्रिया को गति मिल सकती है। बाजार में भले ही इस समय भारी अस्थिरता नजर आ रही है। लेकिन छोटे निवेशकों के लिए अभी भी ऐसे विकल्प मौजूद हैं जिनमें वह निवेश कर वाजिब रिटर्न हासिल कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें सतर्कता बरतने की जरूरत होगी और अगर वे चाहें तो निवेश की योजना के लिए किसी वित्तीय सलाहकार के पास भी जा सकते हैं।
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