बीमा की जरूरत और जागरूकता बढ़ने के चलते इसके दायरे में आने वाले लोगों की संख्या भी काफी बढ़ी है। सुरक्षा, रिटायरमेंट के लिए बचत या फिर पूंजी जमा करने के उद्देश्य के साथ देश की कामकाजी आबादी के ठीक-ठाक हिस्से के पास आज बीमा पॉलिसी मौजूद है। बेहतर बीमा पॉलिसी के लिए कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है।
जरूरत के मुताबिक लें पॉलिसी
बहुत-सी बीमा पॉलिसी लेने में समझदारी नहीं है। इससे बीमा सुरक्षा कई पॉलिसी में बंट जाती है और पॉलिसी लेने वाले को नुकसान होता है। ज्यादा पॉलिसी लेने पर आपको अधिक शुल्क भी चुकाना पड़ता है। अगर आप कुछ खास जोखिम से कवर चाहते हैं तो उन्हीं के लिए पॉलिसी लेनी चाहिए। जैसे, अगर कोई व्यक्ति काम के सिलसिले में बहुत अधिक यात्रा करता है तो वह व्यक्तिगत दुर्घटना के लिए कवर ले सकता है। यह पॉलिसी एक साल की अवधि तक के लिए भी ली जा सकती है।
नॉमिनी का चुनाव
बीमा का पहला मकसद सुरक्षा होता है। परिवार के मुखिया की मौत होने पर पॉलिसी आश्रितों को सुरक्षा देती है। इसके लिए नॉमिनी का चुनाव अहम होता है। ऐसे में बीमा पॉलिसी लेते वक्त नॉमिनी तय करने से जुड़ी सभी औपचारिकताएं पूरी करनी चाहिए। इससे नॉमिनी को पॉलिसी की रकम मिलने में आसानी होती है। अक्सर व्यक्ति अविवाहित जीवन के दौरान खरीदी गई बीमा पॉलिसी में अपने माता-पिता या भाई-बहनों को नॉमिनी चुनता है। विवाह के बाद अगर नॉमिनी का नाम बदलना है तो इसमें देर नहीं करनी चाहिए।
खुद को सुरक्षित करें
बड़ी कंपनियां आमतौर पर अपने कर्मचारियों को बीमा सुरक्षा उपलब्ध कराती हैं। यह सुरक्षा कर्मचारी की वार्षिक कॉस्ट टू कंपनी की अधिकतम तीन गुना तक हो सकती है। कुछ कंपनियां कर्मचारियों के लिए बीमा पॉलिसी का विकल्प पेश करती हैं। आज के दौर में जब नौकरी बदलना आम हो गया है तो बीमा संबंधी सुरक्षा के लिए कंपनी पर पूरी तरह निर्भर करना ठीक नहीं है। ऐसा हो सकता है कि कंपनी आपको जो बीमा सुरक्षा दे रही है, वह आपकी व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त न हो। जोखिम उस समय और बढ़ जाता है जब कोई व्यक्ति एक नौकरी छोड़कर दूसरी नौकरी खोजता है। उम्र बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य बीमा (हेल्थ इंश्योरेंस) की जरूरत भी बढ़ जाती है। जिन लोगों को कंपनी से यह सुविधा मिलती है, वे चाहें तो रिटायरमेंट के बाद इसे खरीदने पर विचार कर सकते हैं। जिन व्यक्तियों को अपनी कंपनी से यह सुविधा हासिल नहीं है उन्हें अपने और परिवार के लिए इसे खरीदना बेहतर रहता है।
बच्चों के लिए बीमा पॉलिसी
भारत में बहुत से लोग अपने बच्चों के लिए बीमा पॉलिसी खरीदते हैं। आमतौर पर इसका उद्देश्य उनकी शिक्षा और विवाह पर आने वाले खर्च के लिए धन जुटाना होता है। अक्सर लोग यह भूल जाते हैं कि बच्चे परिवार के लिए आमदनी नहीं लाते। इसी वजह से परिवार के मुखिया को पहले अपने लिए बीमा लेने के बाद बच्चों के लिए पॉलिसी लेने के बारे में सोचना चाहिए। अभिभावक अपने निवेश को कभी भी भुनाकर बच्चों की जरूरतों के लिए धन जुटा सकते हैं।
कर्ज के साथ बीमा? न छोड़ें...
अगर आप कर्ज ले रहे हैं और कर्ज देने वाली संस्था आपको ग्रुप इंश्योरेंस के तहत बीमा सुरक्षा की पेशकश करती है तो इसे लेने में कोई हानि नहीं है। विशेष तौर पर अगर आप की आयु 45 वर्ष या इससे अधिक है तो आपके लिए यह और भी बेहतर है। जीवन के इस स्तर पर बीमा खरीदना मुश्किल हो जाता है क्योंकि आपको इसके लिए बहुत सी स्वास्थ्य जांच करवाने के साथ अधिक प्रीमियम भी देना पड़ता है।
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