मुंबई : म्युचूअल फंड और दूसरे इनवेस्टमेंट प्रोडक्ट्स के साथ बीमा कवर की सुविधा मिलती रहेगी। ग्रुप इंश्योरेंस को लेकर म्युचूअल फंड और जीवन बीमा परिषद के बीच झगड़ा चल रहा था। वित्त मंत्रालय के दखल से यह विवाद सुलझ गया है। बीमा कंपनियों ने म्युचूअल फंड उत्पादों पर मिलने वाले ग्रुप इंश्योरेंस कवर पर पाबंदी लगाई हुई थी। मंत्रालय के दखल के बाद यह मामला सुलझ गया है। इस मामले में सेबी और इरडा के प्रतिनिधियों की वित्त सचिव के दफ्तर में बैठक हुई। इसमें फैसला लिया गया कि इरडा जीवन बीमा परिषद को इस बात की सलाह देगा कि वह म्युचूअल फंड उत्पादों पर ग्रुप इंश्योरेंस कवर नहीं देने का फैसला बदले। जीवन बीमा परिषद ने फैसला किया था कि वह इस साल 1 अक्टूबर से म्युचूअल फंड उत्पादों पर ग्रुप इंश्योरेंस कवर नहीं देगा। हालांकि, सेबी और इरडा के प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक में फैसला लिया गया कि सेबी म्युचूअल फंड कंपनियों को जीवन बीमा कवर वाले म्युचूअल फंड उत्पादों के विज्ञापन पर गाइडलाइंस जारी करेगा। सेबी और इरडा के चेयरमैन इस पूरे मामले पर नजर रखेंगे। दोनों इस पर अपनी प्रतिक्रिया सरकार को भी सौंपेंगे। म्युचूअल फंड कंपनियों ने जीवन बीमा इंडस्ट्री पर ग्रुप इंश्योरेंस कवर बेचने पर गोलबंदी का आरोप लगाया है। म्युचूअल फंड कंपनियों और जीवन बीमा कंपनियों के बीच चल रहे विवाद का यह दूसरा चरण है। शुरू में म्युचूअल फंड कंपनियों ने आरोप लगाया था कि बीमा कंपनियां यूलिप योजनाएं उतार कर अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन कर रही हैं। बीमा कंपनियों की यूलिप योजनाओं के जवाब में म्युचूअल फंड कंपनियों ने बीमा कवर वाले सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) बाजार में उतार दिए।
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