Friday, October 24, 2008

जानें सुरक्षित निवेश के रास्ते

वर्ष की शुरुआत तक सेंसेक्स और निफ्टी नए रिकॉर्ड बना रहे थे, लेकिन सब-प्राइम संकट की वजह से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी और वैश्विक क्रेडिट संकट के चलते अब ये जमीन पर नजर आ रहे हैं। इक्विटी में निवेश करने वाले लोगों की स्थिति काफी खराब है और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वे इन हालात में क्या करें? दुनिया भर के निवेशकों के सामने इस समय यही सवाल खड़ा है कि आखिर वे अपना धन कहां लगाएं? आइए हम बताते हैं, निवेश के ऐसे पांच आदर्श विकल्प, जहां वे सुरक्षित निवेश कर सकते हैं।
कर लाभ वाले FD और FMP
' ओल्ड इज गोल्ड' की कहावत हम सबने सुनी है। वित्तीय अस्थिरता के मौजूदा दौर में निवेश का एक पुराना विकल्प सावधि जमा योजना (कर बचाने वाली) आपके लिए काफी अच्छा रहेगा। इनके साथ सबसे अच्छी बात यह है कि इनमें मुदास्फीति के खिलाफ आपके धन की सुरक्षा तो होती है, साथ ही आपको आयकर कानून की धारा 70सी के तहत कर लाभ भी मिलता है। इनमें जमा राशि क्लोज एंडेड होती है और सभी लाभ लेने के लिए कम से कम पांच वर्ष का निवेश करना होता है। इस समय कर लाभ वाली FD पर सालाना 11 फीसदी से अधिक के रिटर्न की पेशकश की जा रही है। वेल्थकेयर सिक्योरिटीज के निदेशक मुकेश गुप्ता का कहना है, 'अधिक रिटर्न हासिल करने के लिए हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों की ऐसी सावधि जमा योजनाओं पर भी विचार किया जा सकता है, जिनकी रेटिंग ऊंची है। इनमें बैंक जमा से कुछ अधिक रिटर्न मिलता है। AAA रेटिंग वाली कंपनियों की जमा योजनाओं में ही धन लगाना चाहिए।' जानकारों का कहना है कि इस समय डाकघर की मासिक किस्त योजनाओं, NSC और अन्य योजनाओं में निवेश नहीं करना चाहिए क्योंकि इनमें ब्याज दरें अभी भी कम हैं। फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान (FMP) पर भी विचार किया जा सकता है। जिन लोगों को FMP के बारे में जानकारी नहीं है, उनके लिए यह जानना जरूरी है कि बैंक जमा योजनाओं की तुलना में इनमें बेहतर कर लाभ मिलता है। एंजल ब्रोकिंग के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर, हितुंग्शु देबनाथ के अनुसार, 'इस समय FMP पर एक वर्ष की यील्ड 11 फीसदी के करीब है जबकि लिक्विड और लघु अवधि के फंडों की औसत एक वर्ष की यील्ड 9 फीसदी के आसपास है।' एएसके वेल्थ एडवाइजर्स के प्रमुख (वेल्थ मैनेजमेंट सॉल्यूशंस), मनीष कुमार का मानना है कि कम अवधि के FMP बेहतर हैं क्योंकि तीन महीने की FMP पर इस समय लगभग 12 फीसदी का रिटर्न मिल रहा है। उनका कहना है, 'जब ब्याज दरें गिरनी शुरू हों तो आप अधिक रिटर्न पाने के लिए इनकम फंडों का रुख कर सकते हैं।' बाजार की मौजूदा स्थिति में फाइनेंशियल प्लानर्स उन्हीं FMP में निवेश की सलाह दे रहे हैं जिनके पोर्टफोलियो में बैंक और ऊंची रेटिंग वाली कंपनियां शामिल हों। गुप्ता ने कहा, 'जहां तक संभव हो, आपको ऐसे FMP से बचना चाहिए जिसके पोर्टफोलियो में रियल एस्टेट और गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां (NBFC) शामिल हों।'
सोना
सोने की चमक कभी भी फीकी नहीं पड़ सकती। जानकारों का मानना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मुदास्फीति हावी रहेगी और सोने में खरीदारी बनी रहने की उम्मीद है। इसके साथ ही मुदास्फीति के खिलाफ सोना एक अच्छी ढाल के तौर पर काम करता है और इसका इक्विटी बाजारों से न के बराबर संबंध है। कुमार ने बताया, 'सितंबर में जब सेंसेक्स में जहां मंदी जारी थी वहीं गोल्ड ईटीएफ लगभग 30-40 फीसदी ऊपर चल रहे थे।' गुप्ता का कहना है, 'गोल्ड में निवेश पर रिटर्न भले ही बहुत अधिक न हो, लेकिन अगर आर्थिक स्थितियां और खराब होती हैं तो यह एक बीमा के तौर पर काम करेगा।' जानकारों के अनुसार, अगर सोने को केवल निवेश के उद्देश्य के लिए खरीदा जा रहा है तो गोल्ड ईटीएफ एक अच्छा विकल्प है।
सरकारी प्रतिभूतियां
सूची में अगला नंबर सरकारी प्रतिभूतियों का है। इन्हें आसानी से भुनाया जा सकता है। ये प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों बाजारों में उपलब्ध हैं। इन्हें बैंकों या डीलरों से खरीदा जा सकता है। कुमार के अनुसार, 'इस समय सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश बेहतर है। ये जोखिम मुक्त रिटर्न तो देती ही हैं और घटती ब्याज दरों के दौर में भी इनमें निवेश फायदेमंद रहता है।'
म्यूचुअल फंड और SIP
कुछ महीने पहले तक निवेश के सूची में म्यूचुअल फंड और एसआईपी शीर्ष पर थे। बाजारों में इस वर्ष की शुरुआत से भले ही गिरावट का दौर जारी है लेकिन इनमें निवेश की अभी भी गुंजाइश बाकी है। देबनाथ का कहना है, 'तीन वर्ष से अधिक के लिए निवेश करने वाले लोग इक्विटी म्यूचुअल फंड या सीधे इक्विटी में धन लगा सकते हैं। मौजूदा स्थिति में इक्विटी म्यूचुअल फंड में एसआईपी एक अच्छा विकल्प है।' जानकारों का मानना है कि लंबी अवधि के निवेशकों के लिए लार्ज कैप शेयरों में निवेश भी एक सुरक्षित विकल्प है। कुमार ने कहा, 'बाजार जब संभलेंगे तो सबसे पहले लॉर्ज कैप शेयरों में ही तेजी देखी जाएगी।'
किराए पर संपत्ति से आमदनी
बाजार की स्थिति को देखते हुए संपत्ति को किराए पर देना भी निवेश का एक अच्छा जरिया है। रिहायशी संपत्तियों की तुलना में व्यावसायिक संपत्तियों का किराया अधिक होता है। इस समय व्यावसायिक संपत्तियों पर किराए की यील्ड 8-10 फीसदी के बीच है। गुप्ता के अनुसार, 'मॉल और कार्यालयों का लीज अनुबंध आमतौर पर तीन से नौ वर्ष के लिए होता है। किसी अच्छी जगह पर संपत्ति खरीदकर इसे किराए पर देना भी अच्छा रहेगा। '
सुरक्षित निवेश
कर बचाने वाली FD और FMP 10.5-11 फीसदी की रेंज में रिटर्न की पेशकश कर रही हैं। अगर केवल निवेश के उद्देश्य से सोना खरीदना हो तो गहने या किसी अन्य रूप में सोना खरीदने के बजाए ईटीएफ में धन लगाएं। सरकारी प्रतिभूतियों में सुरक्षा और तरलता का दोहरा लाभ मिलता है। शेयर बाजार में निवेश के लिए एसआईपी का रास्ता अपनाएं।

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