दुनिया भर में छाई मंदी का असर शेयर बाजारों पर काफी पहले से दिखने लगा था। लेकिन गिरावट इतनी भीषण होगी, इसका अंदाजा अच्छे-अच्छे जानकारों को नहीं था। बाजार के इस बवंडर में निवेशकों का अरबों रुपया जमींदोज हो चुका है। इक्विटी बाजारों के इस भारी गिरावट ने निवेशकों को हैरत में डाल दिया और खासा अनुभव रखने वाले सक्रिय कारोबारी भी इस आग में अपनी उंगलियां जला बैठे। ग्लोबल स्तर पर अर्थव्यवस्था की गाड़ी मंद पड़ रही है और दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं का ग्राफ इन दिनों नीचे की ओर है, ऐसे में घरेलू बाजारों का ढहना हैरानी की बात नहीं होना चाहिए। घरेलू बाजारों की चाल आंतरिक कारणों के अलावा अमेरिका और एशिया के दूसरे हिस्सों में घटने वाली घटनाओं पर भी निर्भर करती है। ऐसे उथल-पुथल के दौर में अपनी जिंदगी भर कम कमाई बाजार के हवाले करने वाले निवेशक उम्मीद और प्रार्थना के अलावा कुछ और नहीं कर सकते। अब सवाल यह उठता है कि अगर आपके पास धन है तो आप उसे कहां निवेश करेंगे? इस सवाल का जवाब तलाशने वाले कुछ विकल्प पेश हैं:
1. छोटी अवधि के बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट 10 से 12 फीसदी के बीच आकर्षक ब्याज दर उपलब्ध करा रहे हैं। वरिष्ठ नागरिकों के लिए 0.5 परसेंट और ज्यादा है।
2. पारंपरिक गिल्ट और डेट म्युचूअल फंड
3. सोना और गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड। हालांकि कुछ जानकारों का मानना है कि सोना इस वक्त सही विकल्प नहीं है। सामान्य व्यवहार से उलट इस बार सोने की कीमतें शेयर बाजारों के ढहने के साथ गिरी हैं।
4. बैंकों में रेकरिंग डिपॉजिट
5. गैर-बैंकिंग संस्थानों के साथ फिक्स्ड डिपॉजिट
6. किसान विकास पत्र और इंदिरा विकास पत्र
7. प्रॉविडेंट फंड में अपनी भागीदारी बढ़ाएं। इसे वॉलेंट्री पीएफ कहा जाता है और एंप्लॉयर उसके बराबर रकम नहीं देता।
8. पब्लिक प्रॉविडेंट फंड
9. छोटी अवधि के म्युचूअल फंड एफएमपी जिनकी मियाद साल भर के करीब हो। कर बाद मुनाफा 10 से 12 फीसदी बैठेगा। इक्विटी बाजारों के पिटाई खाने की वजह से यह निवेशकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।
शेयर बाजारों के साथ जोखिम ने कई लोगों को अपना निशाना बनाया है। लोग अब कम जोखिम वाले और मध्यम अवधि में रिटर्न देने वाले उत्पाद चुन रहे हैं। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि बाजारों की मौजूदा मंदी ने वैल्यू शेयरों को खरीदने का सुनहरा मौका मुहैया कराया है। लेकिन सही शेयर चुनने के लिए आपको फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस की समझ होनी चाहिए। जोखिम से वाकिफ शेयर बाजार विशेषज्ञ ही ऐसा कर सकते हैं। दूसरों के लिए यह वक्त अपने पोर्टफोलियो पर गौर कर उसमें जरूरी संशोधन करने का है। लोगों ने शेयरों में निवेश को सीमित कर डेट में अपना निवेश बढ़ाना शुरू कर दिया है। अगर आप इसके बावजूद शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो लंबी अवधि का नजरिया रखिए और सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लानिंग की राह पकड़िए।
No comments:
Post a Comment