Monday, March 16, 2009

औरतों को आजाद करती है फाइनैंशियल प्लानिंग

घर में जश्न की तैयारी चल रही है, लेकिन मुखिया बाहर हैं। वह इस जश्न में शामिल होने के लिए घर आने की जल्दी में हैं, तभी बीच रास्ते में कुछ बदमाश उनकी हत्या कर देते हैं। जब यह खबर घर पहुंचती है तो उनकी पत्नी कहती है- अब मेरा क्या होगा? मैं आपके बगैर कैसे जी पाऊंगी? आपने यह दृश्य किसी फिल्म या सीरियल में जरूर देखा होगा।फिल्म या सीरियल का यह दृश्य पूरी तरह जिंदगी से कटा हुआ भी नहीं है। परिवार के मुखिया की मौत के बाद पत्नी पर जिम्मेदारियों का बोझ टूट पड़ता है। लेकिन यह भी सही है कि पत्नी की जिंदगी यहीं खत्म नहीं होती। हमारे देश में करीब 90 फीसदी महिलाएं आर्थिक तौर पर पुरुषों पर निर्भर हैं। आपको बहुत कम ऐसी औरतें मिलेंगी, जो आर्थिक तौर पर अपने पैरों पर खुद खड़ी हैं।ऐसे में बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है औरतों की फाइनेंशियल प्लानिंग...
क्यों जरूरी है फाइनैंशियल प्लानिंग:
अब सवाल यह है कि फाइनेंशियल प्लानिंग क्यों की जाए? दरअसल, यह आगे की जिंदगी के लिए एहतियात है। फाइनेंशियल प्लानिंग से आप अपने घर खरीदने का ख्वाब पूरा कर सकती हैं। अगर आप बचत करते हैं तो करियर के दौरान कभी ब्रेक भी ले सकती हैं। इसका इस्तेमाल आप प्रोफेशनल स्किल्स को बेहतर करने के लिए कर सकती हैं। यही नहीं, इस बचत के जरिए माता-पिता की भी आर्थिक मदद की जा सकती है। जानकारों का कहना है कि अगर महिला आर्थिक तौर पर आजादी है तो वह जिंदगी की चुनौतियों का सामना बेहतर ढंग से कर सकती है। चाहे वह पति की मृत्यु हो या तलाक।
कैसे करें फाइनेंशियल प्लानिंग?
टैक्स के मामले में महिलाओं को ज्यादा रियायत मिलती है। उनके लिए साल में 1 लाख 80 हजार की आमदनी तक को इनकम टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। फाइनेंशियल मार्केट में आज महिलाओं के लिए कई प्रोडक्ट हैं, जिनका फायदा उठाया जा सकता है। यहां हम आपके इनके बारे में जानकारी दे रहे हैं:
बैंक एकाउंट और कार्ड: महिलाओं के लिए सुविधा:
आईसीआईसीआई और एक्सिस बैंक महिलाओं को स्पेशल एकाउंट की सुविधा देते हैं। आईट्रस्ट फाइनेंशियल एडवाइजर के ध्रुव अग्रवाल का कहना है, 'इस एकाउंट में महिलाओं को स्पेशल लोन और डिपॉजिट रेट की सुविधा मिलती है। बगैर टीडीएस इनमें आवर्ती जमा की सुविधा भी दी जाती है। साथ ही, स्पेशल एकाउंट में मिनिमम बैलेंस भी काफी कम तय किया जाता है।' कुछ बैंक महिलाओं को जारी किए गए क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर खास रियायत देते हैं। यह बात शायद ही किसी से छिपी है कि महिलाएं ज्वैलरी के बगैर रह नहीं सकतीं। एक्सिस बैंक के डेबिट कार्ड में महिलाओं को 50 हजार रुपए की ज्वैलरी तक पर इंश्योरेंस कवर दिया जाता है। महिलाओं के स्पेशल एकाउंट पर लॉकर फीस में छूट, कैश बैक फैसिलिटी, एक्सीडेंटल इंश्योरेंस कवर, फ्री बिल पे जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं।क्रेडिट कार्ड पर भी कई तरह की रियायतें मिलती हैं। मिसाल के तौर पर अगर आपके पास एचडीएफसी का गोल्ड क्रेडिट कार्ड है और अगर 20 हजार रुपए से ज्यादा का बिल होता है कुछ सामानों की खरीद पर 5 फीसदी का कैश बैक मिल सकता है। सरदेसाई फाइनेंस के वीर सरदेसाई ने बताया कि महिलाओं के क्रेडिट कार्ड से अगर किसी खास स्टोर में खास कीमत तक की खरीदारी की जाती है तो डिस्काउंट मिलता है।
महिलाओं के लिए जरूरी है इंश्योरेंस:
ऑप्टिमा रिस्क इंश्योरेंस के सीईओ राहुल अग्रवाल के मुताबिक, महिलाओं की औसत उम्र पुरुषों से ज्यादा होती है। इसलिए बीमा कंपनियां उन्हें उम्र के मामले में दो से तीन साल तक की छूट देती हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, एलआईसी और बजाज आलियांज ने गृहिणी और कामकाजी महिलाओं के लिए खास इंश्योरेंस प्रोडक्ट उतारे हैं। हालांकि, दूसरी बीमा कंपनियां राइडर के तौर पर महिलाओं को ज्यादा सुविधाएं देती हैं। जानकारों का कहना है कि इस तरह की पॉलिसी लेते वक्त महिलाओं को बीमा दस्तावेज अच्छी तरह पढ़ना चाहिए। आर्थिक आजादी की खातिर-1 लाख 80 हजार रुपए तक की आय को इनकम टैक्स से छूट-बैंक एकाउंट पर स्पेशल लोन और डिपॉडिट रेट। मिनिमम बैलेंस काफी कम।-डेबिट कार्ड पर लॉकर फीस में डिस्काउंट, कैश बैक फैसिलिटी, एक्सीडेंटल इंश्योरेंस कवर-क्रेडिट कार्ड से कुछ खास खरीदारी पर कैश बैक की सुविधा, चुनिंदा स्टोरों में डिस्काउंट, बगैर ब्याज के ग्रेस पीरियड-लोन की कम दरें, बगैर सिक्योरिटी के लोन-इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ कुछ मुफ्त राइडर।
लोन: महिलाओं को मिलती है रियायत:
कई सरकारी बैंक महिलाओं को रियायती दरों पर लोन देते हैं। महिलाओं के होम लोन लेने पर पंजाब नेशनल बैंक और यूको बैंक आम दरों से 0.25 फीसदी कम ब्याज वसूलते हैं। उसी तरह से महिला उद्यमी को जो लोन दिया जाता है, उसकी ब्याज दर भी सामान्य से कम होती है। साथ ही, महिला उद्यमियों को बहुत ज्यादा औपचारिकताएं भी पूरी नहीं करनी पड़तीं। एसबीआई के पास महिला उद्यमियों के लिए स्त्री शक्ति पैकेज है। इसमें पांच लाख तक के लोन के लिए उन्हें सिक्योरिटी नहीं रखनी पड़ती। माइक्रो केडिट के मामले में भी कुछ बैंक महिलाओं को रियायत देते हैं। डेवलपमेंट क्रेडिट बैंक ने गुजरात के कुछ इलाकों में स्वयंसेवी समूहों को लोन देने शुरू किया है। बैंक के अधिकारी के मुताबिक, इन समूहों को रोजाना, साप्ताहिक या पाक्षिक आधार पर लोन चुकाने की सहूलियत मिलती है।
-लीजा मैरी थॉमसन/आनंद रवानी

1 comment:

MANVINDER BHIMBER said...

behatreen jaankaari के लिए शुक्रिया