फर्ज कीजिए आप उन खुशकिस्मत लोगों में से एक हैं , जिन्हें मंदी से पहले या उसके दौरान बढ़िया तनख्वाह वाली नौकरी मिल गई। आप अपने माता - पिता के साथ रहते हैं , कपड़े , खान - पान और मनोरंजन पर उचित रूप से रकम खर्च करते हैं लेकिन इसके बावजूद हर महीने के अंत में आप कुछ पैसा बचाने में कामयाब रहते हैं। एक तरफ आप इस बात को लेकर परेशान हैं कि आपकी रकम बचत खाते में बेकार पड़ी हुई है और दूसरी ओर ऐसे दोस्त और रिश्तेदार हैं , जो निवेश के बारे में बातचीत करने पर आपको बेवकूफ ठहराने की कोशिश करते रहते हैं। इन सभी विचारों को कुछ वक्त के लिए दरकिनार कर दीजिए। क्या कोई ऐसा वाकया याद है , जब किसी ने आपको नामुमकिन सा दिखने वाले काम अंजाम तक पहुंचाने की चुनौती दी हो और आपको उसमें कामयाबी मिली हुई। आप इस बात से तो इत्तेफाक रखते होंगे कि विजेता की कुर्सी तक पहुंचने के लिए उस काम में पारंगत होना जरूरी है। ऐसे बहुत से लोग होंगे , जो मौजूदा हालात में बाजार में निवेश न करने की हिदायत देंगे और आपके कोशिश करने पर हतोत्साहित करने का हरसंभव जतन करेंगे। हालांकि , ऐसे अनुभवी लोगों की भी कमी नहीं , जो मौजूदा स्थिति में निवेश से मुनाफा निकालने का रास्ता जानते हैं। अगर आपकी जेब इजाजत देती है तो वित्तीय सलाहकार की मदद लीजिए और अगर उस पर पैसा खर्च करने की स्थिति में नहीं हैं तो इकनॉमिक टाइम्स आपको कुछ बुनियादी चीजों से रूबरू करा रहा है जिन पर गौर कर आप उठापटक के बाजार में भी कामयाबी तक पहुंचाने वाला पोर्टफोलियो तैयार कर सकते हैं।
सही पोर्टफोलियो
सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि सर्वश्रेष्ठ पोर्टफोलियो तैयार करने का कोई तय फॉर्मूला नहीं है। निवेशकों के बीच अनिश्चितता प्रबल भावना होती है , ऐसे में उद्देश्य होता है जोखिम को कम करना और पोर्टफोलियो से ज्यादा से ज्यादा मुनाफा बटोरना। एंजल ब्रोकिंग में इनवेस्टमेंट एडवायजरी प्रमुख सिद्धार्थ भामरे ने कहा , ' श्रेष्ठ पोर्टफोलियो का मकसद पूंजी की बढ़त और उसकी सुरक्षा होनी चाहिए। ' रिलायंस मनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुदीप बंद्योपाध्याय भी मौजूदा हालात के खिलाफ चेता रहे हैं। उनका कहना है , ' पोर्टफोलियो में शामिल पूंजी पर रिटर्न से ज्यादा पूंजी वापस मिलना जरूरी है। ' हालांकि , बुनियादी फलसफा अब भी वही है। अलग - अलग एसेट श्रेणियों में अपना निवेश बांटिए क्योंकि ये अलग - अलग सेगमेंट वक्त बदलने पर अलग - अलग तरह की चाल दिखाते हैं। वित्तीय लक्ष्य या फिर शामिल उत्पादों को लेकर अगर पोर्टफोलियो किसी एक दिशा में ज्यादा झुका होता है तो यह बुरे वक्त का संकेत है। मसलन , 2007 के अंत में जब तेजड़िए पूरे शबाब पर थे तो कई लोगों ने इक्विटी में निवेश किया। लेकिन इक्विटी के बजाय सोने ने 2008 में बेहतरीन मुनाफा दिया।
कैसे करें आवंटन ?
किस उत्पाद में रकम का कितना हिस्सा लगाया जाए , यह आपकी उम्र , आमदनी की क्षमता , जोखिम सहने का माद्दा और जिम्मेदारियों पर निर्भर करता है। साथ ही कुछ ऐसे सवाल हैं जो आपको लगातार खुद से करने चाहिए। निवेश से जुड़े आपके लंबी अवधि के वित्तीय लक्ष्य क्या हैं , क्या आपका निवेश सुरक्षित और लिक्विड है , क्या यह गारंटीशुदा रिटर्न का वादा करता है। ये ऐसे ही कुछ सवाल हैं। जब आप यह तय कर लें कि आपको किस उत्पाद में निवेश करना है तो जानकारों की इन बातों पर गौर किया जा सकता है :
इक्विटी पर करें गौर
अगर आप इस बात से हैरान हैं कि बीते कुछ महीने के दौरान शेयरों की कीमत में भारी गिरावट आने के बावजूद इस सूची में इक्विटी को क्यों जगह दी जा रही है तो उसकी वजह आपके सामने है। भामरे ने कहा , ' सिद्धांत रूप से देखें तो इक्विटी में ज्यादा आवंटन किया जाना चाहिए क्योंकि आगामी कुछ तिमाहियों से जुड़ी नकारात्मक मैक्रो संभावनाओं को शामिल करने के बावजूद वैल्यूएशन काफी आकर्षक दिख रही है। ' लेकिन एक चेतावनी भी साथ है। अपना पैसा सीधा शेयरों में लगाने के बजाय जानकारों को लगता है कि म्यूचुअल फंड , पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस या निजी इक्विटी फंड या फिर इन तीनों के मिश्रण के माध्यम से बाजार में दाखिल होना सही रहेगा। बंद्योपाध्याय सुझाव देते हैं कि निवेशक को अपने पोर्टफोलियो का 25-30 फीसदी हिस्सा लार्ज कैप इक्विटी डायवर्सिफाइड फंड में लगाना चाहिए और सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी को तरजीह दी जा सकती है। उन्होंने कहा , ' इक्विटी बाजार अपने बॉटम के काफी करीब हैं , ऐसे में लंबी अवधि में पूंजी में बढ़त की संभावना मौजूद है तथा इसलिए डायवर्सिफाइड लार्ज कैप फंड के जरिए निवेश की सलाह दी जा रही है। '
डेट
कोटक सिक्योरिटीज में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट - पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज कुंज बंसल ने कहा , ' निवेशक डेट आधारित म्यूचुअल फंड के जरिए या फिर प्रतिष्ठित कंपनियां तथा एएए रैंकिंग वाली फर्मों के बॉन्ड में निवेश करने पर गौर कर सकते हैं। ' आपके सामने जो दूसरे विकल्प मौजूद हैं , उनमें एफडी या सरकारी प्रतिभूतियां या फिर इनकम फंड शामिल हैं। हालांकि डेट उत्पादों को पोर्टफोलियो में सुरक्षित दांव माना जाता है , लेकिन भामरे का कहना है कि अगर आपकी नौकरी में कम वर्ष बचे हैं तो इक्विटी में कम और डेट में ज्यादा निवेश से आपको बाजार की मौजूदा स्थिति में ज्यादा अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना नहीं हैं।
सोना और रियल एस्टेट
सोना और रियल एस्टेट , दोनों ही निवेश के बेहतरीन माध्यम हैं लेकिन निवेशकों को इन सेगमेंट में वित्तीय उत्पादों या डेरिवेटिव पर विचार करना चाहिए। गोल्ड ईटीएफ तुलनात्मक रूप से ज्यादा लिक्विड होते हैं और आभूषण , सिक्कों को रखने से जुड़े जोखिम से भी छूट दिलाते हैं। रियल एस्टेट फंड में निश्चित लॉक इन अवधि हो सकती है लेकिन उन पर भी गौर किया जा सकता है। बंद्योपाध्याय ने कहा , ' निवेशक को प्रतिष्ठित एसेट मैनेजमेंट कंपनी के लिक्विड या कैश फंड में 20-30 फीसदी हिस्सा निवेश करने पर भी गौर करना चाहिए क्योंकि डिविडेंड के विकल्प के साथ लिक्विड फंड में पैसा लगाने से मूल राशि की सुरक्षा के अलावा कॉल मार्केट से संबंधित कर मुक्त रिटर्न मुहैया कराता है। जल्द पैसा निकालने और उसे सही वक्त पर दोबारा निवेश करने का मौका मौजूद रहता है। '
दोबारा तैयार करें पोर्टफोलियो
शेयर बाजार के गोता लगाने से पहले जिन लोगों ने निवेश कर अपने हाथ जलाएं हैं , कुछ टिप्स उनके लिए भी हैं। बाजार से तुरंत भागना सही रास्ता नहीं है। जानकारों की राय में यह आपकी दूसरी बड़ी गलती होगी। बंसल के मुताबिक , अगर निवेशक अतिरिक्त पैसा दोबारा ला सकता है तो ऐसा करना चाहिए और उस राशि को अलग - अलग एसेट श्रेणियों में इस तरह बांटना चाहिए कि वे बढि़या रिटर्न दें। लेकिन निवेशकों को स्मॉल कैप और मिड कैप कंपनियों के बजाय लार्ज कैप और लिक्विड कंपनियों में पैसा लगाना चाहिए। इसके अलावा , सोने की कीमतें आगे भी बढ़ सकती हैं , इसलिए उन्हें सोने में निवेश के खिलाफ सतर्क रहना चाहिए।
-लीजा मैरी थॉमसन
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