Monday, March 9, 2009

आयकर रिटर्न के मोर्चे पर कुछ महत्वपूर्ण बिंदु क्या हैं, जानिए

टैक्स प्लानिंग के बारे में महत्वपूर्ण बातें
आयकर रिटर्न दाखिल करना देश के हर नागरिक की जिम्मेदारी है, हालांकि रिटर्न दाखिल करने की जटिल प्रक्रिया के चलते पेशेवर लोग भी रिटर्न दाखिल करने से झिझकते हैं। हम अपने पाठकों की सुविधा के लिए आसानी से आयकर रिटर्न (आरओआई) दाखिल करने के तरीकों के बारे में बता रहे हैं। रिटर्न दाखिल करने के दौरान करदाता को निम्नलिखित नियमों का ध्यान रखना चाहिए।
आरओआई दाखिल करने की अंतिम तिथि वैसे सभी करदाताओं के लिए, जिन्होंने आयकर कानून के तहत अपने बही-खाता का ऑडिट कराया है, रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 30 सितंबर 2009 है। दूसरे सभी करदाताओं के लिए रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2009 है। *यदि करदाता ऊपर बताई गई तारीख के बाद रिटर्न दाखिल करते हैं तो उन्हें प्रत्येक महीने एक फीसदी ब्याज की दर से जुर्माना देना होगा। हालांकि, यदि रिटर्न 31 मार्च 2010 के बाद दाखिल किया जाता है तो उन्हें इस जुर्माना के अलावा 5,000 रुपए का अतिरिक्त जुर्माना देना पड़ेगा।
आरओआई दाखिल करने का तरीका
रिटर्न उस एसेसिंग अफसर (एओ) के पास दाखिल किया जाना चाहिए जिसने पिछले निर्धारण वर्ष में करदाता के रिटर्न की जांच की है या जिसके पास रिकॉर्ड स्थानांतरित किए गए हैं। नए करदाता को उस एओ के पास रिटर्न दाखिल करना चाहिए, जिसके क्षेत्र के दायरे में करदाता का आवास आता हो या करदाता के कारोबार का स्थान आता हो।
ई-रिटर्न दाखिल करने का तरीका
करदाता जिसके पास पैन हो और जिसे 'वेतन' से आय होती हो, लेकिन जिसे 'व्यवसाय या पेशे से नफा-नुकसान' नहीं होता हो और जिसका एसेसमेंट दिए गए शहर में हो गया हो, वह चाहे तो इंटरनेट के जरिए आयकर रिटर्न दाखिल कर सकता है। हालांकि कंपनियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है।
नाबालिग का आरओआई
नाबालिग को अलग से आय का रिटर्न दाखिल करने की जरूरत नहीं है। हालांकि, यह आय माता-पिता की आय में जोड़ दी जानी चाहिए, भले ही यह बैंक से हासिल ब्याज की मामूली रकम ही क्यों न हो।
टीडीएस आरओआई का विकल्प नहीं
यदि स्त्रोत पर कर कटौती की गई है और करदाता पर कोई अतिरिक्त कर बकाया नहीं है, तो भी कर्मचारी के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है। कर्मचारी को कंपनी के द्वारा दिया गया फॉर्म 16 आयकर रिटर्न नहीं है।
बैंक ब्याज पर कर
आमतौर पर कर्मचारी बचत बैंक खाता पर हासिल ब्याज आय को अपनी आय में शामिल नहीं करते। हकीकत यह है कि आपके बचत खाते पर मिलने वाला पूरा ब्याज कर योग्य है- शिक्षा लोन हाउस प्रॉपर्टी टैक्स सेविंग माध्यम बीमा और मेडिक्लेम
आईटीआर फॉर्म संख्या इस्तेमाल के बारे में-
1.वैसे करदाता जिन्हें (ए) वेतन से आय होती है, (बी) ब्याज आय (कर योग्य/छूट), (सी) पारिवारिक पेंशन, (डी) कृषि गतिविधियों से आय दूसरे शब्दों कहा जा सकता है कि यह फार्म निम्नलिखित स्थितियों में इस्तेमाल के लिए नहीं है: (ए) वैसे करदाता जिनको ऊपर बताए गए स्त्रोतों के अलावा कोई आय (कर योग्य/छूट) होती है, (बी) पिछले वर्ष हुए नुकसान को यदि चालू वर्ष में दिखाया जाता है (सी) किसी दूसरे व्यक्ति की आय जोड़े जाने पर 2.व्यक्तिगत आयकरदाता/अविभाजित हिंदू परिवार (एचयूएफ) जिसे पेशा/कारोबार से या किसी पार्टनरशिप फर्म में हिस्सेदारी से किसी तरह की आय नहीं होती हो 3.व्यक्तिगत आयकरदाता/एचयूएफ जो किसी पार्टनरशिप फर्म में हिस्सेदार है और जो कोई अन्य व्यवसाय या पेशे में नहीं है 4.व्यक्तिगत आयकरदाता/एचयूएफ जो प्रोपरायटरी संस्था के जरिए कारोबार या पेशे में हो
आरओआई दाखिल करने के बाद ये दस्तावेज रखे जाने चाहिए
आयकर विभाग को आरओआई के साथ किसी अतिरिक्त दस्तावेज की जरूरत नहीं होती है। फिर भी, करदाता को निम्नलिखित दस्तावेज अपने पास रखने चाहिए, ताकि विभाग द्वारा मांगे जाने पर वह उन्हें पेश कर सके करयोग्य आय और देय कर/रिफंड की गणना से जुड़ा दस्तावेज फॉर्म संख्या 16/16ए (मूल प्रति) वर्ष के दौरान भुगतान किए गए सभी कर की रसीद निवेश और प्रॉपर्टी की बिक्री से जुड़े दस्तावेज की कॉपी बैंक स्टेटमेंट्स की कॉपी आय के रिटर्न में कटौती और छूट के दावा के लिए दिए गए प्रूफ के दस्तावेज की कॉपी

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