जॉन मेनार्ड कीन्स ने कहा था, 'बाजार में क्या चल रहा है, उसका पता लगाने के बजाए ऐसे कारोबार की खोज करें जिसकी आपको समझ हो और उस पर ध्यान दें।' शेयरों में निवेश आर्ट से ज्यादा साइंस है। कुछ ऐसे जरूरी नियम हैं, जिनपर अमल करना सफलता के लिए जरूरी है। शेयर बाजार में पैसा लगाने से पहले आपको यह तय करना होगा कि कुल बचत में से कितना हिस्सा आप इसके नाम करना चाहते हैं। अगर आप उन निवेशकों में शामिल हैं, जो निवेश की समय-समय पर जांच नहीं कर सकते तो आपके लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड सही जरिया होगा। पोर्टफोलियो तैयार करने के लिए आपको ये कदम काफी मदद कर सकते हैं:
निवेश की शैली चुनें
आप रक्षात्मक निवेशक हैं या आक्रामक? निवेश के लिए शेयर चुनने का आधार यही होगा। क्या आप स्थिर कारोबार और नियमित डिविडेंड देने वाली ब्लूचिप कंपनी में निवेश करना चाहते हैं या ऐसी मिड-कैप कंपनी की खोज में हैं, जो आने वाले समय में ब्लूचिप बन सकती है? क्या आप ग्रोथ कंपनी की तलाश में हैं या बेहद सस्ते (यानी वैल्यू) शेयरों में पैसा लगाना चाहते हैं? अपना नजरिया पहचान कर पसंदीदा कंपनियों में निवेश के लिए कदम उठाएं।
वैल्यू देखें
पोर्टफोलियो बनाने के लिए टिप्स या सुनी सुनाई बातों के आधार पर निवेश न करें। जब आप किसी कंपनी में निवेश का फैसला करते हैं तो आपको उसमें वैल्यू नजर आनी चाहिए। शुरुआत के लिए कंपनी का कारोबार, प्रबंधन की क्षमता, आमदनी, मुनाफा और विकास की संभावनाओं को समझें। इसके साथ ही कंपनी जिस उद्योग या सेक्टर में काम कर रही है, उसकी संभावनाओं को देखें और अन्य प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से उसके प्रदर्शन की तुलना करें। कंपनी की जानकारी के लिए रिसर्च रिपोर्टों और बैलेंस शीट को पढ़ें। शेयर की कीमत और उसकी वैल्यू के बीच अंतर को समझना जरूरी है। आप वैल्यू के आधार पर शेयर खरीद रहे हैं और यही आपके लिए महत्वपूर्ण है।
डायवर्सिफाई करें
पुरानी कहावत है कि अपना पूरा धन एक ही जगह पर नहीं रखना चाहिए और यही बात इक्विटी निवेश पर भी लागू होती है। ऐसा हो सकता है कि किसी विशेष सेक्टर को आप काफी पसंद करते हों, लेकिन डायवर्सिफाई करना हमेशा फायदेमंद रहता है। कई सेक्टरों के कारोबारी माहौल और संभावनाओं का अध्ययन करें और जो सेक्टर आपको ठीक लगें, उनकी बेहतर कंपनियों में निवेश करें।
लंबी अवधि का निवेश करें
वॉरेन बफेट का कहना है, 'किसी चीज को अगर आप अपने पास 10 साल तक रखकर खुश नहीं हैं तो उसे 10 मिनट के लिए भी न रखें।' जब आप शेयरों में कम अवधि का निवेश करेंगे तो उनके दाम बाजार की चाल के अनुसार चलेंगे। दाम चाहें ऊपर जाएं या नीचे, कंपनी में तब तक निवेश बरकरार रखें, जब तक उसके फंडामेंटल सही हैं। अगर कारोबार अच्छा चलेगा तो शेयर का दाम भी इसी के अनुसार होगा। अफवाहों या निराशा के आधार पर फैसले लेना ठीक नहीं होता। याद रखें कि निवेश में भावनाओं की कोई अहमियत नहीं होती।
निवेश पर निगाह रखें
शेयरों का पोर्टफोलियो तैयार करने के बाद उस पर निगाह रखना और कंपनियों की आमदनी, मुनाफे और विकास की योजनाओं का अध्ययन करना महत्वपूर्ण होता है। ऐसा हो सकता है कि शेयरों के चुनाव में आप से कोई गलती हुई हो। इसे स्वीकार कर पोर्टफोलियो में बदलाव करना समझदारी होगी। खराब निवेश से बाहर निकलने में कोताही न बरतें। इसमें बने रहने पर आप किसी अच्छे अवसर को गंवा सकते हैं। इक्विटी बड़े जोखिम वाला निवेश हो सकता है लेकिन वास्तव में जोखिम तब होता है, जब आप यह नहीं जानते कि किस दिशा में बढ़ रहे हैं। अगर आप संभावना वाले शेयरों के साथ अपना पोर्टफोलियो तैयार करने के लिए समय और प्रयास करेंगे तो इसका इनाम आपको जरूर मिलेगा।
No comments:
Post a Comment