Tuesday, January 20, 2009

सीनियर सिटीजंस के लिए नियमित आय वाले प्रोडक्ट बेहतर

निवेश के लिए सही प्रोडक्ट को चुनना बहुत से निवेशकों के लिए काफी मुश्किल होता है। सीमित रकम रखने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह एक बड़ी चुनौती होती है। पेंशन प्लान से आमदनी के उनके नियमित स्रोत की जरूरत पूरी हो जाती है। लेकिन जिन वरिष्ठ नागरिकों के पास आय का यह स्रोत नहीं होता, उनका जीवन काफी मुश्किल हो जाता है। उन्हें जोखिम और रिटर्न के बीच संतुलन बनाने की जरूरत होती है। ऐसे लोगों के लिए जोखिम जितना कम हो उतना ही अच्छा होता है। वरिष्ठ नागरिकों को तभी जोखिम लेना चाहिए, जब उनके पास नकदी अधिक हो। उन्हें अपनी मासिक आय की जरूरतों को फिक्स्ड रिटर्न वाले प्रोडक्ट के जरिए पूरा करना चाहिए। ऐसे लोगों के लिए नियमित आय और कम जोखिम वाले निवेश के कुछ विकल्प नीचे दिए जा रहे हैं:
वरिष्ठ नागरिकों के लिए बचत योजना:
इसमें नौ फीसदी के निश्चित रिटर्न की पेशकश की जाती है। लेकिन इसमें 15 लाख रुपए से अधिक का निवेश नहीं किया जा सकता। इस तरह निवेशक सालाना 1.35 लाख रुपए से अधिक मुनाफा हासिल नहीं कर सकता। इस योजना में धन लगाने पर अधिकतम मासिक रिटर्न लगभग 11,000 रुपए होगा।
डाकघर मासिक आय योजना:
वरिष्ठ नागरिकों के बीच यह योजना काफी लोकप्रिय है, लेकिन हाल ही में इसमें ब्याज दर घटकर आठ फीसदी हो गई है। बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट में इससे अधिक रिटर्न की पेशकश की जा रही है। इसे देखते हुए आप अगर चाहें तो अपनी रकम इस योजना से निकालकर किसी अन्य बेहतर विकल्प में लगा सकते हैं।
मंथली इनकम प्लान (एमआईपी):
म्यूचुअल फंड भी एमआईपी की पेशकश करते हैं, लेकिन इसमें कुछ जोखिम भी जुड़ा होता है क्योंकि फंड का कुछ हिस्सा इक्विटी में भी निवेश किया जाता है। इक्विटी में आवंटन का अनुपात बदलता रहता है, इसलिए निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार इसका चुनाव कर सकते हैं। उदाहरण के लिए रिटायरमेंट के शुरुआती दौर में यह 20 फीसदी हो सकता है, बाद में इसे कम किया जा सकता है। म्यूचुअल फंड की एमआईपी स्कीम में जहां ऊंचे रिटर्न और पूंजी में इजाफे का अवसर मिलता है, वहीं इसमें नुकसान का जोखिम भी रहता है। एमआईपी में वही रकम लगानी चाहिए, जो आपकी मासिक जरूरतों को पूरा करने के बाद बचती हो।
फिक्स्ड और बैंक डिपॉजिट:
वरिष्ठ नागरिक पूंजी की सुरक्षा के मद्देनजर इन विकल्पों में धन लगाना काफी पसंद करते हैं। लेकिन ब्याज पर कर लगने की वजह से इनमें निवेश से पहले सोच विचार कर लें। वरिष्ठ नागरिकों के लिए जहां ब्याज दर अधिक होती है, वहीं उनके लिए आयकर की सीमा भी ज्यादा होती है। निवेशक इसी के अनुसार एफडी में धन लगा सकते हैं।

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