Wednesday, February 25, 2009

सही पेंशन प्लान देता है सुखमय जिंदगी

पेंशन प्लान बेचते समय ऐसा कम ही होता है कि एजेंट आपको रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले लाभ के बारे में पूरी जानकारी दे। बीमा कंपनियों के लिए पेंशन योजनाएं रिटायरमेंट के लिए फंड तैयार करना होता है। हालांकि, बीमा नियामक की शर्तों के अनुसार, इस कोष का इस्तेमाल एन्युटी खरीदने के लिए किया जाना चाहिए। एन्युटी एक अनुबंध होता है जिसके तहत पॉलिसीधारक को नियमित भुगतान मिलता है। कोई भी कंपनी आपको यह नहीं बता सकती कि पेंशन प्लान लेने के 30 वर्ष बाद आपको कितना रिटर्न मिलेगा। इसके अलावा यह भी हो सकता है कि आपकी बीमा कंपनी के पास कोई पेंशन प्रोडक्ट इस समय मौजूद ही न हो। रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले लाभ स्पष्ट न होने की वजह से पेंशन योजना खरीदने का फैसला लेना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में बाजार में उपलब्ध बहुत सी योजनाओं की समीक्षा करने के बाद ही आपको कोई फैसला लेना चाहिए। पेंशन प्लान के विकल्प इस प्रकार हैं:
जीवन भर मिलने वाली पेंशन
इसमें प्लान खरीदने वाले को पहले से तय अंतराल पर जीवन भर एक निश्चित राशि का भुगतान किया जाता है। व्यक्ति की मृत्यु के साथ ही पेंशन बंद हो जाती है। इस योजना में पेंशन की राशि सबसे अधिक होती है। इसे 'लाइफ एन्युटी' भी कहा जाता है और यह ऐसे लोगों के लिए ठीक रहती है जिन्हें अपनी मृत्यु के बाद कोई पारिवारिक जिम्मेदारी पूरी नहीं करनी होती।
निश्चित अवधि की गारंटी के साथ जीवन भर पेंशन
इसे गारंटीड पेंशन भी कहा जाता है। इसमें एक निश्चित अवधि तक पेंशन देना सुनिश्चित किया जाता है और उसके बाद व्यक्ति के जीवित रहने तक इसका भुगतान किया जाता है। इसमें गारंटीड अवधि जितनी कम होती है, पेंशन उतनी ही अधिक होती है। पांच वर्ष के गारंटीड विकल्प में मिलने वाली पेंशन 20 वर्ष के प्लान से अधिक होती है। कुछ बीमा कंपनियां तीन वर्ष की कम अवधि के साथ भी शुरुआत का विकल्प दे सकती हैं। यह ऐसे परिवार के लिए बेहतर है जिसे एक निश्चित अवधि के लिए आमदनी जरूरत है।
ज्वाइंट लाइफ एंड लास्ट सर्वाइवर एन्युटी
इस विकल्प में पेंशन का भुगतान प्लान खरीदने वाले व्यक्ति और उसके पति या पत्नी की मृत्यु तक किया जाता है। कुछ बीमा कंपनियों ने पेंशनधारक की मृत्यु के बाद उसके साथ ही पेंशन की रकम की सीमा 50 फीसदी तक की हुई है। यह प्लान उस व्यक्ति के लिए अच्छा रहता है जो अपने साथी के लिए आमदनी का नियमित जरिया चाहता है। इसमें पेंशन की रकम प्लान लेने वाले और उसके पति/पत्नी की उम्र को देखकर तय की जाती है।
पेंशन के साथ खरीद मूल्य की वापसी
यह जीवन भर मिलने वाली पेंशन योजना का एक विस्तार है। इसमें प्लान लेने वाले को मृत्यु तक पेंशन मिलती है और इसके बाद उसके द्वारा नामांकित व्यक्ति को वह कीमत चुका दी जाती है जो प्लान खरीदने के समय दी गई थी। हालांकि इस प्लान में जीवन भर मिलने वाले दूसरे पेंशन प्लान की तुलना में पेंशन की राशि कम होती है। लैडर 7 फाइनेंशियल एडवायजरीज के सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर, सुरेश सद्गोपन का कहना है, 'यह सबसे लोकप्रिय विकल्प है क्योंकि इसमें प्लान लेने वाले की मृत्यु के बाद उसके नामांकित व्यक्ति को खरीद का शुरुआती दाम चुकाया जाता है। यह उस स्थिति में काफी फायदेमंद हो जाता है, जब पेंशनधारक कम अवधि तक जीता है और पेंशन का पूरा लाभ नहीं ले पाता।'
निश्चित दर पर बढ़ने वाली जीवन भर पेंशन
यह भी जीवन भर मिलने वाली पेंशन योजना का विस्तार है। इसमें पेंशनधारक को मिलने वाली रकम एक निश्चित फीसदी में जीवन भर बढ़ती रहती है। उदाहरण के लिए यह प्रतिवर्ष 5 फीसदी की साधारण दर पर बढ़ सकती है। यह उन लोगों के लिए एक अच्छी योजना है जो जल्द रिटायर होने के साथ लंबी अवधि तक जीने की उम्मीद रखते हैं और महंगाई बढ़ने के साथ पेंशन की रकम में भी इजाफा चाहते हैं।
पेंशन की रकम तय करने का आधार
व्यक्ति को प्रति एक लाख रुपए के भुगतान पर रिटायरमेंट के बाद कितनी मासिक आय मिलेगी, यह दो बातों पर निर्भर करता है। पहला फंड पर बीमा कंपनी द्वारा हासिल किया गया रिटर्न, जो सरकारी बॉन्ड पर मिलने वाले रिटर्न से प्रभावित होता है। दूसरा आयु का अनुमान। आमतौर पर जीवन भर मिलने वाली पेंशन की रिटर्न की दर एक वर्ष की बैंक सावधि जमा योजना (एफडी) के बराबर होती है। लेकिन यहां यह बात याद रखनी चाहिए कि आप बैंक एफडी पर ब्याज दर को 3-5 वर्ष के लिए लॉक कर सकते हैं जबकि पेंशन की राशि पूरे जीवन के लिए निश्चित होती है।
रिटायरमेंट का फैसला
ऐसे ही विकल्प उन लोगों को भी उपलब्ध होते हैं जिन्हें अपनी कंपनी (नियोक्ता) की ओर से पेंशन की पेशकश की जाती है। जो लोग निर्धारित समय से पहले रिटायरमेंट लेना चाहते हैं, उन्हें अपने पेंशन लाभ पर जरूर नजर डालनी चाहिए। नियोक्ता की ओर से मिलने वाला योगदान बीमा कंपनी के पास जमा होता रहता है। साथ ही पेंशन की राशि आपके द्वारा तय किए गए विकल्प पर निर्भर करती है। रिटायरमेंट का फैसला लेने से पहले पेंशन की रकम पर जरूर ध्यान देना चाहिए। बहुत सी कंपनियां अपने कर्मचारियों से निवेदन मिलने पर पेंशन के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराती हैं। इससे सही फैसला लेने में मदद मिलती है।
कितने फायदेमंद हैं पेंशन प्लान?
कुछ फाइनेंशियल एडवाइजर्स का कहना है कि निवेश के अन्य विकल्पों की तुलना में पेंशन पॉलिसी अच्छे रिटर्न या कर लाभ की पेशकश नहीं करती। आपके पास रिटायरमेंट के लिए रकम जमा करने के अन्य विकल्प भी मौजूद हैं। इनमें पीपीएफ, इक्विटी और म्यूचुअल फंड शामिल हैं। बहुत से लोग पेंशन प्लान में पेंशन शब्द को देखकर आकर्षित हो जाते हैं। लेकिन आप जो पेंशन अर्जित करते हैं, उस पर कर चुकाना होता है। सद्गोपन का कहना है, 'आप संपत्ति के बहुत से वर्गों में से कुछ प्रोडक्ट की बास्केट चुनकर रिटायरमेंट के लिए एक अच्छी रकम जमा कर सकते हैं। रकम जमा करने के बाद आप इसे किसी बीमा कंपनी को भी सौंप सकते हैं। जो इसका प्रबंधन कर आपको मासिक आमदनी उपलब्ध करा सकती है।

1 comment:

संगीता पुरी said...

बहुत अच्‍छी जानकारी दी है .... आगे भी ऐसे लेखों का इंतजार रहेगा।