Monday, September 15, 2008

कम उम्र से ही डालें निवेश-बचत की आदत

जब हम कॉलेज से निकलते हैं या अपनी पहली नौकरी में होते हैं तो बचत और निवेश जैसे शब्द जेहन में नहीं आते। हमारी प्राथमिकता महंगा मोबाइल फोन या पसंदीदा कार होती है। युवाओं में ऐसी इच्छाएं पैदा होना स्वाभाविक है। आज के जमाने में मीडिया का प्रभाव अधिक होने की वजह से अक्सर लोग ऐसी चीजों को हासिल करने के लिए आकर्षित हो जाते हैं। युवा लोगों को वित्तीय रूप से सुरक्षित बनाने के लिए मैं पर्सनल फाइनेंस के 5 टिप्स पर चलने की सलाह दूंगा : बजट बनाएं अक्सर हम इस सोच में पड़े रहते हैं कि हमारा धन कहां खर्च हो रहा है। लिखित बजट बनाने से हमें यह पता चल सकता है कि हम कहां धन खर्च कर रहे हैं और इस पर नियंत्रण के लिए क्या किया जा सकता है। बजट में मनोरंजन और खरीदारी के खर्च के साथ ही बचत को शामिल करना न भूलें। इसे उतना ही महत्व देना चाहिए जितना हम अपने मासिक बिलों को देते हैं। क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल क्रेडिट कार्ड आसानी से उपलब्ध होने की वजह से अब खर्च भी बढ़ रहा है। क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल आपात भुगतान या जीवन बीमा का प्रीमियम भरने के लिए करना चाहिए। अगर इसके इस्तेमाल में सावधानी नहीं बरती जाएगी और ' न्यूनतम भुगतान के विकल्प ' का इस्तेमाल किया जाएगा तो कर्ज का फंदा कसता जाएगा। क्रेडिट कार्ड की ब्याज दरें काफी अधिक होती हैं। क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल के संबंध में यह नियम याद रखना चाहिए , ' अगर हमारे पास नकदी नहीं है तो हम खरीदारी नहीं कर सकते। ' निवेश की जल्द शुरुआत नौकरी के शुरुआती वर्षों में अक्सर जिम्मेदारियां कम होती हैं और धन और समय अधिक रहता है। एसआईपी में नियमित अंतराल पर निवेश किया जाता है। इसकी शुरुआत आप 500 रुपए महीना से भी कर सकते हैं।
उद्देश्य तय करें किसी भी निवेश योजना की शुरुआत उद्देश्य के साथ होनी चाहिए। उद्देश्य को लघु , मध्यम और लंबी अवधि में बांटना चाहिए। इसके कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं - इलेक्ट्रॉनिक गैजेट खरीदना ( लघु अवधि ), उच्च शिक्षा की योजना बनाना ( मध्यम अवधि ) और मकान खरीदने की योजना बनाना ( लंबी अवधि ) । निवेश का उद्देश्य तय करने के बाद यह देखें कि इसे पूरा करने के लिए कितनी राशि की जरूरत होगी। इसके बाद आप निवेश की राह पर बढ़ सकते हैं। अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार , निवेश का विकल्प चुनना बेहतर रहता है। अधिक जोखिम उठाने वाले लोग इक्विटी में धन लगा सकते हैं। अगर आप जोखिम नहीं चाहते तो सावधि जमा या डेट में निवेश आपके लिए बेहतर रहेगा। कर्ज चुकाने में देर न करें कर्ज के भुगतान में ऐसे कर्ज को प्राथमिकता दें , जिसकी ब्याज दर अधिक है। क्रेडिट कार्ड पर लिया गया कर्ज इस श्रेणी में आता है। ऋण तभी लें जब इसकी बहुत अधिक आवश्यकता हो। अनावश्यक जरूरतों के लिए कर्ज लेने से आप पर वित्तीय और मानसिक दबाव बढ़ता जाएगा।

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