मुंबई : आतंकवादियों के हाथों इंटरनेट के इस्तेमाल से जुड़ी घटनाओं ने यह साफ कर दिया है कि वेब दुनिया के यूजरों को हैकिंग और पहचान की चोरी जैसी धोखाधड़ी को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। देश के शहरी इलाकों में ई - मेल और सर्फिंग के अलावा बिलों का भुगतान करने और धनराशि ट्रांसफर करने के लिए भी लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। इंटरनेट पर वित्तीय लेन - देन में जरा सी चूक होने पर आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए आपको आईटी का महारथी होने की जरूरत नहीं है , इसके लिए थोड़ी सूझ - बूझ ही काफी होगी। बिल डेस्क के निदेशक एम . एन श्रीनिवासु का कहना है , ' ज्यादातर ऑनलाइन फ्रॉड की जड़ें ऑफलाइन दुनिया में होती हैं। इंटरनेट पर सुरक्षित रहने के लिए भुगतान की ऑनलाइन सुविधाओं का पूरी सतर्कता के साथ इस्तेमाल करना चाहिए। '
उदाहरण के लिए ट्रांजैक्शन समाप्त करने पर नेट बैंकिंग खाते से लॉग आउट जरूर करें। यह तब और अहम हो जाता है , जब आप सार्वजनिक कंप्यूटर पर काम करते हों। इसके अलावा आप नीचे बताए जा रहे कुछ उपायों पर अमल कर भी सुरक्षित रह सकते हैं :
सुरक्षित पोर्टलों का इस्तेमाल करें :
ऑनलाइन भुगतान के लिए जिस साइट का इस्तेमाल किया जा रहा है , वह तकनीकी तौर पर सुरक्षित होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होगा तो आपके पासवर्ड और क्रेडिट कार्ड की जानकारी लीक हो सकती है। आपके आंकड़ों का इस्तेमाल कर फर्जी क्रेडिट कार्ड तैयार किया जा सकता है।
साइट का पता टाइप करते समय जरा सी गलती होने पर आप किसी ऐसी फर्जी साइट पर पहुंच सकते हैं , जो ऐसी ही गलतियों का लाभ उठाने के लिए तैयार की गई है। ट्रांजैक्शन से पहले यह देख लें कि आपने साइट का पता सही टाइप किया है।
लॉ फर्म सेठ असोसिएट्स में पार्टनर कर्णिका सेठ का कहना है , ' ऑनलाइन भुगतान करते समय ऐसे पोर्टलों का इस्तेमाल करना चाहिए , जिन पर विश्वास की ईसील हो और पेपल या सीसीएवेन्यू जैसे जांचे - परखे पेमेंट गेटवे का इस्तेमाल किया जाता हो। '
सतर्कता बरतें
मास्टर कार्ड वर्ल्डवाइड , एशिया पसिफिक के सीनियर बिजनेस लीडर और रीजनल हेड ( सिक्योरिटी एंड रिस्क सर्विसेज ), बैरी वोंग की सलाह है , ' ऑनलाइन खरीदारी करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि आप अच्छी साख वाले इंटरनेट मर्चेंट के साथ कारोबार करें। आपको साइट की प्राइवेसी पॉलिसी को भी ध्यान से पढ़ना चाहिए। कंप्यूटर ब्राउजर भी यह जानकारी दे सकता है कि आप जहां जानकारी भेज रहे हैं , वह जगह सुरक्षित है या नहीं। '
अपनी ट्रांजैक्शन की जानकारी के साथ ऑनलाइन खरीदारी का रेकॉर्ड रखना भी महत्वपूर्ण होता है। अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल पर नेट बैंकिंग का इस्तेमाल कर रहे हैं और पोर्टल आपसे यूजरनेम और पासवर्ड मांगता है तो इसे देने से बचना ही बेहतर रहेगा। खरीदारी के लिए ऐसे पोर्टल का इस्तेमाल करें , जो आपको भुगतान के लिए आपके बैंक की साइट पर री - डायरेक्ट करता है।
फिशिंग से सावधान रहें
फिशिंग ( इंटरनेट पर धोखे से जानकारी लेना ) से हमेशा सतर्क रहें। ऐसी ई - मेल का जवाब न दें , जो आपकी व्यक्तिगत जानकारी या पासवर्ड मांग रही हो। आपको यह याद रखना चाहिए कि कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान ई - मेल पर ऐसी जानकारी नहीं मांगता। अपने कंप्यूटर में एंटी वायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर भी व्यक्तिगत जानकारी और कंप्यूटर को सुरक्षित रखने में मदद मिल सकती है।
अपने अधिकारों को जानें
अगर आप अपने बैंक या क्रेडिट कार्ड के दस्तावेजों में लिखी शर्तों की अनदेखी करते हैं तो आप अपने अधिकारों से भी वंचित हो सकते हैं। श्रीनिवासु ने बताया , ' अगर आप अपनी क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में कोई ऐसा ट्रांजैक्शन देखते हैं जो आपने किया ही न हो तो इसे बैंक के सामने उठाया जा सकता है। ' इसके लिए आपको स्टेटमेंट पर लगातार नजर रखनी चाहिए।
कुछ साल पहले तक जब लोग अपने बैंक खाते की पास बुक को अपडेट कराते थे तो उन्हें खाते के प्रत्येक लेन - देन की जानकारी रहती थी , लेकिन अब स्टेटमेंट का चलन आने से खातों की पूरी जानकारी रखने में मुश्किल होती है।
कानूनी समाधान
अगर आपके खाते का गलत इस्तेमाल किया गया है तो आपके पास कानूनी मदद लेने का भी विकल्प मौजूद रहता है। सेठ के अनुसार , ' ऐसी धोखाधड़ी के लिए तुरंत एफआईआर दर्ज करानी चाहिए। ' आमतौर पर ऐसे अपराधों के लिए लगभग 3 साल की कैद या जुर्माने की सजा हो सकती है। अगर बैंक भी साजिश में शामिल है तो उसके खिलाफ उपभोक्ता अदालत में अपील दायर की जा सकती है।
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