करों के सर्वोच्च संगठन केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मौजूदा प्रावधान में संशोधन किया है, जिसके तहत ग्राहकों को अभी तक डाकघर बचत योजना में कर छूट का लाभ मिल रहा था। प्रावधान में ताजा संशोधन के मुताबिक व्यक्तिगत खातों में जमा रकम के ब्याज पर मिल रही कर छूट सिर्फ 3,500 रुपए तक ही सीमित रहेगी। वहीं, संयुक्त खाते में 7,000 रुपए तक के ब्याज पर ग्राहकों को कर चुकाने से राहत मिलती रहेगी।
विश्लेषकों का कहना है कि पहले दी गई कर छूट योजनाओं की समीक्षा जरूरी थी, ताकि ये मौजूदा आर्थिक हालात के अनुकूल हो सकें। केपीएमजी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर विकास वासल ने कहा, 'यह कदम सरकार द्वारा कर दायरा बढ़ाने की पहल का यह एक हिस्सा है।' उन्होंने कहा सरकार द्वारा दी गई सहूलियतों का औचित्य बनाए रखने के लिए उनका मूल्यांकन जरूरी है।
डाकघर बचत योजनाएं अब कर दायरे में शामिल हो गई है। ऐसे में छूट की सीमा से ज्यादा ब्याज को करदाता की कुल आमदनी में शामिल कर लिया जाएगा और उसके मुताबिक उसे कर भुगतान करना पड़ेगा। डाकघर बचत खातों में फिलहाल सालाना 3.5 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। निवेशक डाकघरों में महज 50 रुपए के न्यूनतम निवेश से भी अपना खाता खोल सकते हैं।
इन खातों में एक व्यक्ति अधिकतम 1 लाख रुपए जमा कर सकता है, जबकि जॉइंट एकाउंट के लिए यह सीमा 2 लाख रुपए की है। एक सरकारी समिति ने हाल ही में यह सिफारिश की थी कि सभी डाकघर बचत योजनाओं को कर दायरे में शामिल किया जाए।
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