कैसे बनें शेयरों के शेर? जानें शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग मंत्र
नवंबर-दिसंबर के दौरान अक्सर शेयरों में ज्यादा उतार-चढ़ाव रहता है। फॉरेन इंस्टिट्यूशनल इनवेस्टर (एफआईआई) इस दौरान खुलकर बाजार में हाथ आजमाते हैं। दरअसल, उनके फंड की क्लोजिंग दिसंबर तक चलती है और वे ज्यादा रिटर्न के चक्कर में रहते हैं। स्लोडाउन के बुरे दौर के बाद इस बार शेयर बाजार में कुछ ज्यादा घट-बढ़ देखने को मिल रही है। यह घटबढ़ अगले महीने भी जारी रह सकती है। ऐसे दौर में रिटेल इनवेस्टर को चाहिए कि रिस्क कम लें और समझदारी से शॉर्ट टर्म रणनीति बनाकर कारोबार करें।
1. छोटी तेजियों को पकड़ें
ऐसे दौर में जब एक दिन शेयरों में मंदी के भारी झटके लगें और दूसरे दिन शेयर नई ऊंचाइयां चढ़ जाएं, तो रिटेल इनवेस्टरों को उन शेयरों में हाथ आजमाना चाहिए, जिनमें उतार-चढ़ाव कम हुआ है। इन शेयरों को गिरने पर खरीद लेना चाहिए। जब ये शेयर चढ़ें, तो बेच दें। इन शेयरों को खरीदने का फायदा यह होगा कि इन शेयरों के ज्यादा गिरने का रिस्क आपको नहीं डराएगा। कुछ समय तक गिरने के बाद इन शेयरों का बढ़ना तय है। ऐसे में आप इन्हें बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं। डीएसई के पूर्व अध्यक्ष बी. बी. साहनी का कहना है कि छोटी तेज वाले शेयरों में इनवेस्टमेंट ऐसे दौर में सबसे सेफ होता है।
2. प्रॉफिट मार्जिन रहे कम
रिटेल इनवेस्टर झटके तभी खाते हैं, जब वे बड़े प्रॉफिट के चक्कर में पड़ते हैं। ज्यादा बढ़ने की चाहत में वे कई बारे शेयरों को होल्ड करके रख लेते हैं। अचानक पता चलता है कि मुनाफा वसूली की वजह से शेयर बुरी तरह गिर गए। ऐसे में जरूरी है कि शॉर्ट टर्म मुनाफा वसूली करते समय प्रॉफिट माजिर्न कम करें। शेयरों को निचले स्तर पर खरीदें और 5 से 10 पसेर्ंट के प्रॉफिट पर बेच दें। विनायक इंक के सीएमडी विजय सिंह का कहना है कि खरीदने और बेचने की छोटी रैलियां चलाएं। मुनाफा कम मिलने पर अगर कारोबारी रैलियां ज्यादा संख्या में होंगी, तो प्रॉफिट कवर हो जाएगा।
3. झटकों पर रखें ध्यान
मुनाफा कमाने के लिए शेयर बाजार में होने वाले झटकों पर ध्यान रखना जरूरी है, न कि बड़े चढ़ाव पर। जब भारी झटके लगें, तो देखें कि कौन-कौन से शेयर कितने गिरे हैं। शेयरों की गिरावट की तुलना उनकी पिछली गिरावट से करें। शेयरों के निचले स्तर का पता लगाएं। जो शेयर ज्यादा गिरे हैं और पहले की तुलना में निचले स्तर पर पहुंच गए हैं, उन्हें खरीदना फायदेमंद है। ऐसे शेयर दो-तीन कारोबारी दिनों के दौरान ही फिर तेजी पकड़ लेते हैं या पुराने स्तर पर आ जाते हैं। दोनों ही स्थितियों में उन शेयरों को बेच दें। आपको शॉर्ट टर्म फायदा होगा। ऐसे शेयरों में रिस्क कम होता है।
4. पूंजी का 60 परसेंट ही इनवेस्ट करें
शेयरों में अपनी पूंजी का 60 परसेंट ही लगाएं। कई बार शेयर बाजार का मूड भांपने में इनवेस्टर धोखा खा जाते हैं। वे ज्यादा प्रॉफिट के लालच में अपनी सारी पूंजी शेयरों में लगा देते हैं। जिन शेयरों में उन्होंने अपनी पूंजी लगाई है, अगर दुर्भाग्य से वे गिर गए तो वे घबरा जाते हैं और भविष्य में भारी नुकसान की आशंका के मद्देनजर शेयरों को बेच देते हैं। बाजार एक्सपर्ट के. के. मदान का कहना है कि अपने पास 40 परसेंट पूंजी रखना इसलिए जरूरी है कि इसके जरिए आप बाजार में रिकवरी कर सकते हैं। आपने जिन शेयरों को खरीदा है, अगर वे गिर भी गए, तो आप बाकी की 40 परसेंट पूंजी दूसरे शेयरों में लगाकर प्रॉफिट कमाने की रणनीति बना सकते हैं।
5. बड़े शेयरों को सस्ते में खरीदें
शेयर बाजार में ऐसे मौके भी आते हैं, जब बड़ी कंपनियों के शेयर बुरी तरह गिरते हैं। अगर आप थोड़ा रिस्क लेकर बजट का 30 परसेंट तक शेयरों में लगा सकते हैं तो आपको बड़े शेयरों पर नजर रखनी चाहिए। जब भी 10 से 15 परसेंट की गिरावट आए, तुरंत खरीद लें। ऐसा तब होता है, जब तकनीकी करेक्शन का दौर चलता है या विदेशी इनवेस्टर भारी मुनाफे के लिए शेयरों को गिराने का खेल खेलते हैं। ऐसा नवंबर-दिसंबर में देखने को मिल सकता है। नैक्सस इंफोटेक लिमिटेड के प्रमुख सुधीर जोश का कहना है कि अगर बड़े शेयर सस्ते में मिल जाएं, तो फिर क्या कहने! ऐसी स्थिति में कुछ ज्यादा वक्त तक शेयरों को अपने पास रख सकते हैं।
6. एफआईआई पर रखें नजर
नवंबर से दिसंबर के दौरान रिटर्न ज्यादा दिखाने के लिए फॉरेन इंस्टिट्यूशनल इनवेस्टर (एफआईआई) मुनाफा वसूली का भारी खेल खेलते हैं। इस दौरान अगर रिटेल इनवेस्टर एफआईआई की रणनीति पर ध्यान दें, तो अच्छा होगा। देखें कि एफआईआई किन शेयरों को निशाना बना रहे हैं और कितना? वे जिन शेयरों को ज्यादा बढ़ाते हैं, उन्हें उतना ही गिराने की कोशिश करते हैं ताकि ज्यादा मुनाफा मिल सके। आप उन शेयरों पर दांव मत लगाइए, जिन्हें एफआईआई ज्यादा बढ़ावा दे रहे हैं। इनवेस्टरों को कई बार लगता है कि एफआईआई इन शेयरों पर खासे मेहरबान हैं। ये नई ऊंचाइयां छुएंगे, जबकि इसका उल्टा होने में देरी नहीं होती।
-जोसफ बर्नाड
नवंबर-दिसंबर के दौरान अक्सर शेयरों में ज्यादा उतार-चढ़ाव रहता है। फॉरेन इंस्टिट्यूशनल इनवेस्टर (एफआईआई) इस दौरान खुलकर बाजार में हाथ आजमाते हैं। दरअसल, उनके फंड की क्लोजिंग दिसंबर तक चलती है और वे ज्यादा रिटर्न के चक्कर में रहते हैं। स्लोडाउन के बुरे दौर के बाद इस बार शेयर बाजार में कुछ ज्यादा घट-बढ़ देखने को मिल रही है। यह घटबढ़ अगले महीने भी जारी रह सकती है। ऐसे दौर में रिटेल इनवेस्टर को चाहिए कि रिस्क कम लें और समझदारी से शॉर्ट टर्म रणनीति बनाकर कारोबार करें।
1. छोटी तेजियों को पकड़ें
ऐसे दौर में जब एक दिन शेयरों में मंदी के भारी झटके लगें और दूसरे दिन शेयर नई ऊंचाइयां चढ़ जाएं, तो रिटेल इनवेस्टरों को उन शेयरों में हाथ आजमाना चाहिए, जिनमें उतार-चढ़ाव कम हुआ है। इन शेयरों को गिरने पर खरीद लेना चाहिए। जब ये शेयर चढ़ें, तो बेच दें। इन शेयरों को खरीदने का फायदा यह होगा कि इन शेयरों के ज्यादा गिरने का रिस्क आपको नहीं डराएगा। कुछ समय तक गिरने के बाद इन शेयरों का बढ़ना तय है। ऐसे में आप इन्हें बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं। डीएसई के पूर्व अध्यक्ष बी. बी. साहनी का कहना है कि छोटी तेज वाले शेयरों में इनवेस्टमेंट ऐसे दौर में सबसे सेफ होता है।
2. प्रॉफिट मार्जिन रहे कम
रिटेल इनवेस्टर झटके तभी खाते हैं, जब वे बड़े प्रॉफिट के चक्कर में पड़ते हैं। ज्यादा बढ़ने की चाहत में वे कई बारे शेयरों को होल्ड करके रख लेते हैं। अचानक पता चलता है कि मुनाफा वसूली की वजह से शेयर बुरी तरह गिर गए। ऐसे में जरूरी है कि शॉर्ट टर्म मुनाफा वसूली करते समय प्रॉफिट माजिर्न कम करें। शेयरों को निचले स्तर पर खरीदें और 5 से 10 पसेर्ंट के प्रॉफिट पर बेच दें। विनायक इंक के सीएमडी विजय सिंह का कहना है कि खरीदने और बेचने की छोटी रैलियां चलाएं। मुनाफा कम मिलने पर अगर कारोबारी रैलियां ज्यादा संख्या में होंगी, तो प्रॉफिट कवर हो जाएगा।
3. झटकों पर रखें ध्यान
मुनाफा कमाने के लिए शेयर बाजार में होने वाले झटकों पर ध्यान रखना जरूरी है, न कि बड़े चढ़ाव पर। जब भारी झटके लगें, तो देखें कि कौन-कौन से शेयर कितने गिरे हैं। शेयरों की गिरावट की तुलना उनकी पिछली गिरावट से करें। शेयरों के निचले स्तर का पता लगाएं। जो शेयर ज्यादा गिरे हैं और पहले की तुलना में निचले स्तर पर पहुंच गए हैं, उन्हें खरीदना फायदेमंद है। ऐसे शेयर दो-तीन कारोबारी दिनों के दौरान ही फिर तेजी पकड़ लेते हैं या पुराने स्तर पर आ जाते हैं। दोनों ही स्थितियों में उन शेयरों को बेच दें। आपको शॉर्ट टर्म फायदा होगा। ऐसे शेयरों में रिस्क कम होता है।
4. पूंजी का 60 परसेंट ही इनवेस्ट करें
शेयरों में अपनी पूंजी का 60 परसेंट ही लगाएं। कई बार शेयर बाजार का मूड भांपने में इनवेस्टर धोखा खा जाते हैं। वे ज्यादा प्रॉफिट के लालच में अपनी सारी पूंजी शेयरों में लगा देते हैं। जिन शेयरों में उन्होंने अपनी पूंजी लगाई है, अगर दुर्भाग्य से वे गिर गए तो वे घबरा जाते हैं और भविष्य में भारी नुकसान की आशंका के मद्देनजर शेयरों को बेच देते हैं। बाजार एक्सपर्ट के. के. मदान का कहना है कि अपने पास 40 परसेंट पूंजी रखना इसलिए जरूरी है कि इसके जरिए आप बाजार में रिकवरी कर सकते हैं। आपने जिन शेयरों को खरीदा है, अगर वे गिर भी गए, तो आप बाकी की 40 परसेंट पूंजी दूसरे शेयरों में लगाकर प्रॉफिट कमाने की रणनीति बना सकते हैं।
5. बड़े शेयरों को सस्ते में खरीदें
शेयर बाजार में ऐसे मौके भी आते हैं, जब बड़ी कंपनियों के शेयर बुरी तरह गिरते हैं। अगर आप थोड़ा रिस्क लेकर बजट का 30 परसेंट तक शेयरों में लगा सकते हैं तो आपको बड़े शेयरों पर नजर रखनी चाहिए। जब भी 10 से 15 परसेंट की गिरावट आए, तुरंत खरीद लें। ऐसा तब होता है, जब तकनीकी करेक्शन का दौर चलता है या विदेशी इनवेस्टर भारी मुनाफे के लिए शेयरों को गिराने का खेल खेलते हैं। ऐसा नवंबर-दिसंबर में देखने को मिल सकता है। नैक्सस इंफोटेक लिमिटेड के प्रमुख सुधीर जोश का कहना है कि अगर बड़े शेयर सस्ते में मिल जाएं, तो फिर क्या कहने! ऐसी स्थिति में कुछ ज्यादा वक्त तक शेयरों को अपने पास रख सकते हैं।
6. एफआईआई पर रखें नजर
नवंबर से दिसंबर के दौरान रिटर्न ज्यादा दिखाने के लिए फॉरेन इंस्टिट्यूशनल इनवेस्टर (एफआईआई) मुनाफा वसूली का भारी खेल खेलते हैं। इस दौरान अगर रिटेल इनवेस्टर एफआईआई की रणनीति पर ध्यान दें, तो अच्छा होगा। देखें कि एफआईआई किन शेयरों को निशाना बना रहे हैं और कितना? वे जिन शेयरों को ज्यादा बढ़ाते हैं, उन्हें उतना ही गिराने की कोशिश करते हैं ताकि ज्यादा मुनाफा मिल सके। आप उन शेयरों पर दांव मत लगाइए, जिन्हें एफआईआई ज्यादा बढ़ावा दे रहे हैं। इनवेस्टरों को कई बार लगता है कि एफआईआई इन शेयरों पर खासे मेहरबान हैं। ये नई ऊंचाइयां छुएंगे, जबकि इसका उल्टा होने में देरी नहीं होती।
-जोसफ बर्नाड
1 comment:
इतनी अच्छी जानकारी हिन्दी में उपलब्ध कराने के लिये बहुत-बहुत साधुवाद!!
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